उद्योगों के लिए गुजरात निवेश का मनपसंद गंतव्य बनकर उभरा है। इस कारण राज्य में अगले पांच वर्षो के दौरान 40 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। गुजरात के सीईओ के तौर पर मशहूर राज्य के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए गए साक्षात्कार में कहा कि ‘यदि निवेश की मौजूदा रफ्तार बनी रही तो अगले पांच वर्षो के दौरान करीब 40 लाख लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से रोजगार मिलेगा।’ मोदी लगातार तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने हैं।
उन्होंने कहा कि ‘यह आंकड़ा काफी भारी-भरकम होगा। सच पूछिए तो आने दिनों में सबसे बड़ी चुनौती कुशल कामगारों को जुटाने की होगी, ताकि निवेश की रफ्तार को बरकरार रखा जा सके। हम इस मसले पर काफी गंभीरता से विचार कर रहे हैं और इसके लिए एक ब्लूप्रिंट भी तैयार किया गया है।’
भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2007 में निर्यात के लिए गुजरात सर्वाधिक आकर्षक स्थान बनकर उभरा है। गुजरात 86 परियोजनाओं और 73,170 करोड़ रुपये के साथ प्रस्तावित निवेश के लिहाज से अव्वल है। कुल प्रस्तावित निवेश में गुजरात की हिस्सेदारी 25.8 प्रतिशत है। वाइव्रेट गुजरात निवेश सम्मेलन, 2007 में निवेशकों ने 4.51 लाख करोड़ रुपये निवेश करने का वादा किया था।
ऐसे समय में जब दुनिया भारत को आकर्षक बाजार मान रही है, मोदी गुजरात में बनने वाली प्रत्येक वस्तु के लिए समूची दुनिया को एक बड़े बाजार के तौर पर देख रहे है। उन्होंने कहा कि हम ब्रांड गुजरात को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। हम ब्रांड गुजरात की मार्केटिंग काफी आक्रामक रूप से कर रहे हैं।
गुजरात को लेकर केन्द्र सरकार के नकारात्मक व्यवहार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि अगले एक दशक के दौरान गुजरात की सामाजिक आर्थिक विकास दर विशेष आर्थिक क्षेत्रों और दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरीडोर परियोजना (डीएमआईसी) के इर्द-गिर्द घूमेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लेकर केन्द्र का व्यवहार काफी बेरुखा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमआईसी परियोजना के तहत सबसे पहले काम गुजरात में शुरू होगा। उन्होंने कहा कि, ‘हम इसके लिए कोशिश कर रहे हैं। यदि ऐसा हो सका तो गुजरात में तीन स्थानों पर डीएमआईसी के लिए काम शुरू हो सकेगा। इसके तहत कुल प्रस्ताव निवेश का 40 प्रतिशत आने की उम्मीद है।’
