उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विधानसभा चुनाव के साल गन्ना मूल्य बढ़ाने जा रही है। बीते चार सालों से उत्तर प्रदेश में गन्ना की कीमतें स्थिर हैं और किसान संगठन लंबे समय से इसे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के गन्ना एवं चीनी विकास मंत्री सुरेश राणा ने कहा प्रदेश सरकार इस साल हर हाल में दाम बढ़ाएगी और जल्दी ही इसका एलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गन्ना मूल्य को लेकर अधिकारियों के स्तर पर बैठक हो चुकी है। अब सरकार के प्रतिनिधि सभी किसान संगठनों से बात करेंगे जिसके बाद कीमतों का एलान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में वर्तमान पेराई सत्र की शुरुआत 20 अक्टूबर से की जा रही है। प्रदेश सरकार ने चीनी मिलों को खोलने का कैलेंडर जारी कर दिया है। कैलेंडर के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चीनी मिलें 20 अक्टूबर से तो पूर्वी जिलों में एक नवंबर से पेराई की शुरुआत करेंगी जबकि मध्य के जिलों में 25 नवंबर से पेराई शुरू होगी।
सुरेश राणा ने बताया कि कि योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान बंद चीनी मिलों को चालू कराया गया है और इस सत्र में कुल 4,298 लाख टन गन्ने की रिकॉर्ड पेराई हुई है। उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग में कुल 35,000 लोगों को रोजगार दिया गया है। गन्ना विकास मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश गन्ने की पेराई में देश भर में नंबर एक है। वहां एथेनॉल के उत्पाद सहित चीनी के उत्पादन में प्रदेश देश भर में पहले स्थान पर है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल संचालन में उत्तर प्रदेश ने बेहतरीन काम किया है। राणा ने बताया कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 2017 से पहले एथेनॉल नहीं बनता था वहीं अब प्रदेश की सभी चीनी मिलें एथेनॉल के उत्पादन में नंबर एक है। उन्होंने कहा कि बीते कई वर्षों से गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर एक स्थान पर है।
गन्ना मंत्री ने कहा कि साल दर साल प्रदेश में गन्ने का रकबा बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पहले 20 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की बुआई होती थी। वहीं अब 28 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बुआई की जा रही है। बीते कुछ ही वर्षों में प्रदेश में गन्ने के रकबे में 8 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी हुई है।
