facebookmetapixel
Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर परTata Group में नई पीढ़ी की एंट्री! नोएल टाटा के बेटे नेविल टाटा बने ट्रस्टी, जानिए क्या है रतन टाटा से कनेक्शनभारत-भूटान ने किए 7 समझौते, 4000 करोड़ रुपये के ऊर्जा ऋण का ऐलान₹12 तक डिविडेंड पाने का आज आखिरी मौका! कल ये 6 कंपनियां करेंगी एक्स डेट पर ट्रेडलाल किले के पास विस्फोट की जांच अब NIA करेगी, पुलवामा से जुड़े मॉड्यूल पर सतर्कताअचल संपत्ति बेचना ‘सेवा’ नहीं, यह सर्विस टैक्स के दायरे से बाहर: सुप्रीम कोर्ट तेजी का मौका! एनालिस्ट ने बताए 3 स्टॉक्स जो पहुंच सकते हैं ₹2,980 तकग्रीन हाइड्रोजन लक्ष्य में बदलाव, 2030 तक 30 लाख टन उत्पादन का नया टारगेटStock Market Update: आईटी शेयरों में तेजी से बाजार में मजबूती, सेंसेक्स 300 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25800 के पारक्विक कॉमर्स में मुनाफे की नई दौड़ शुरू! मोतीलाल ओसवाल ने Swiggy और Eternal पर जारी किए नए टारगेट्स

पूरा कर्ज माफ करने की मांग

Last Updated- December 07, 2022 | 7:44 AM IST

जहां एक तरफ केंद्र और महाराष्ट्र सरकार किसान कर्ज माफी योजना के फायदे का गुणगान करते थक नहीं रही है, वहीं दूसरी ओर दक्षिणी महाराष्ट्र के कई किसान इस बात से खफा हैं कि इस योजना से बहुत कम किसानों को लाभ पहुंच रहा है।


कोल्हापुर तो किसानों ने एक रैली निकाल कर राज्य और केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया। किसानों का कहना है कि सरकार की नीतियां भेदभाव पूर्ण हैं। यह विरोध प्रदर्शन स्वाभिमानी शेतकरी संगठन (एसएसएस) के बैनर तले किया गया। लोगों के इस विरोध प्रदर्शन को राजनीतिक समर्थन भी मिल रहा है। इस प्रदर्शन का समर्थन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की किसान सभा और शेतकरी संगठन ने भी किया है।

ये सारे राजनीतिक दल भी इस बात का पुरजोर समर्थन कर रहे हैं कि सारे किसानों के कर्ज को माफ किया जाना चाहिए। इस प्रदर्शन के मौके पर एसएसएस के प्रमुख और विधायक राजू शेट्टी ने कहा कि सरकार की नीति है कि बिना सही कीमत दिए हुए कृषि उत्पादों को खरीद लिया जाए।

उन्होंने कहा कि सरकार कृषि को इसलिए नजरअंदाज कर रही है क्योंकि इसका सकल घरेलू उत्पाद में केवल 2.8 प्रतिशत का योगदान है। इसलिए जरुरी है कि सरकार सारे किसानों के लिए कर्ज माफी की घोषणा करें और राज्य और केंद्र सरकारें इसे जल्द से जल्द क्रियान्वित करें। यदि ऐसा संभव नहीं हुआ तो लोगों के विरोध को रोकना मुश्किल हो जाएगा।

रैली में कई वक्ताओं ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को कर्नाटक सरकार का अनुसरण करना चाहिए। कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार से स्वतंत्र होकर अपने यहां के सारे किसानों के कर्ज को माफ किया है। इससे वहां के किसानों को कर्ज से राहत मिली है। वही पडाेसी राज्य महाराष्ट्र में किसानों पर कर्ज का बोझ इस माफी योजना के बाद भी बना हुआ है।

महाराष्ट्र के किसानों को अनाज की सही कीमतें भी नहीं मिल पाती है। इसके अलावा दूध की भी सही कीमत डेयरी से नहीं मिल पाती है। इन मुद्दों को आधार बनाकर कोल्हापुर के कलेक्टर कार्यालय के सामने 1 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। ये सारे संगठन एक बैनर के तले विरोध नही कर रहे हैं। लेकिन इस बात की संभावना बन रही है कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों का ध्रुवीकरण हो जाए।

First Published - June 26, 2008 | 10:33 PM IST

संबंधित पोस्ट