उत्तर प्रदेश के निर्यातकों को जल्दी ही अपना माल दिल्ली एयरपोर्ट से विदेश पर माल भाड़े में रियायत मिलेगी।
मायावती सरकार की इस उदारता का लाभ प्रदेश के हजारों निर्यातकों को मिलेगा। चार महीने पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के निर्यातकों को रियायत देते हुए निर्यात प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की थी।
इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश के वाराणसी और लखनऊ एयरपोर्ट से निर्यात का माल भेजने पर सरकार माल भाड़े के 20 फीसदी लागत सरकार निर्यातक को वापस कर देती।
निर्यातकों के हित में शुरु की गयी इस योजना का लाभ लेने के लिए कोई आगे नही आ रहा है। अभी तक केवल 3-4 निर्यातकों ने माल भाड़े के 20 फीसदी की वापसी का क्लेम किया है।
निर्यातकों की उदासीनता को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली एयरपोर्ट को भी इस योजना में शामिल करने जा रही है। निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के सहायक आयुक्त उमेश चंद्रा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वाराणसी और लखनऊ के साथ इस योजना में दिल्ली को भी शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
श्री चंद्रा ने बताया कि केवल लखनऊ और वाराणसी के इस योजना में शामिल किए जाने के चलते निर्यातक इस का लाभ नही उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल्दी ही दिल्ली को इस योजना में शामिल किए जाने संबंधी प्रस्ताव पर फैसला ले लिया जाएगा।
निर्यातकों का कहना है कि लखनऊ और वाराणसी एयरपोर्ट पर उनके लिए ऐसी सुविधाएं नही हैं जो कि दिल्ली में मिल जाती हैं। साथ ही निर्यातकों को हवाई मार्ग के बजाय निजी कोरियर कंपनी के मार्फत दिल्ली तक माल भेजना ज्यादा सस्ता पड़ता है।
शिपिंग कंपनी डागा एयरवेज के प्रोपराइटर वी के अग्रवाल के मुताबिक निजी कोरियर कंपनियां जहां 4 से 6 रुपए प्रतिकिलो के हिसाब से माल दिल्ली को भेज देती हैं वहीं हवाई मार्ग से इसे भेजने में करीब 100 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खर्च आता है।
उनका कहना है कि इस वजह से भी निर्यातक माल यहां से भेजने कतराते हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली को इस योजना में शामिल करने के बाद निर्यातकों को काफी लाभ मिलेगा। वाराणसी के प्रमुख परिधान निर्यातक माधुरी पाठकके अनुसार सरकार को शुरुआत से दिल्ली को इस योजना में शामिल करना चाहिए।
उनका कहना है कि कस्टम संबंधी औपचारिकताएं भी वाराणसी और लखनऊ के मुकाबले दिल्ली में ज्यादा आसानी और जल्दी पूरी हो जाती हैं। इस कारण निर्यातक माल भेजने के लिए दिल्ली का रुख करते हैं।