फरीदाबाद के उद्यमियों को इन दिनों उत्तराखंड और हिमाचल की वादियां खूब भा रही हैं।
हरिद्वार से लेकर पंतनगर तक फरीदाबाद के 100 उद्यमी बस चुके हैं और लगभग इतनी ही संख्या में वे वहां अपनी औद्योगिक इकाइयां लगाने की तैयारी में है। दवा के उत्पादन से जुड़ी सबसे ज्यादा इकाइयां उत्तराखंड में स्थानांतरित हुई हैं जबकि अन्य उद्योगों ने अपने विस्तार के तहत उत्तराखंड में इकाइयां लगाई हैं।
फरीदाबाद के उद्यमियों के मुताबिक पहाड़ी राज्यों में केंद्रीय उत्पाद कर एवं आय कर में मिलने वाली पूरी छूट उद्यमियों को आकर्षित कर रही हैं। उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2010 तक उत्तराखंड में स्थापित होने वाली किसी भी औद्योगिक इकाई को 10 साल तक केंद्रीय उत्पाद कर में तो 5 सालों तक पूरी छूट मिलेगी।
इसके अलावा इन उद्यमियों को अगले 5 साल तक आयकर में 30 फीसदी की छूट देने का प्रावधान रखा गया है। फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव चावला कहते हैं, ‘इतनी छूट के बाद तो हर उद्यमी इसका लाभ उठाना चाहेगा। फरीदाबाद का दवा उद्योग तो हमेशा के लिए यहां से चला गया जबकि अन्य उद्योगों ने विस्तार के तहत उत्तराखंड में अपनी औद्योगिक इकाइयां लगाई हैं। दो साल पहले तक यहां दवा से जुड़ी 50 औद्योगिक इकाइयां थीं।’
उद्यमियों के मुताबिक उत्तराखंड की ओर रुख करने वाली औद्योगिक इकाइयों में लखानी शूज, पीआई फार्मास्युटिक्लस, इंपीरियल ऑटो, शीट होम अप्लाएंसेज, जैनेंद्र इंडस्ट्रीज, एस्कॉट्र्स रेड रेलवे इक्विपमेंट डिवीजन प्रमुख है। एसोसिएशन के अधिकारियों ने बताया कि जिन इकाइयों के खरीदार उत्तराखंड चले गये, उन्होंने भी अपनी इकाई का वहां विस्तार कर लिया या फिर वे हमेशा के लिए स्थानांतरित हो गए।
चावला कहते हैं कि उनका काम ऑटोमोबाइल कलपुर्जों के उत्पादन से जुड़ा हुआ है और बजाज उनका सबसे बड़ा खरीदार है।