विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम चरण में पहुंचने के साथ ही छत्तीसगढ़ में विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की खपत में सामान्य इस्तेमाल के मुकाबले 20 गुना बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में उड़ान भरने वाले बड़े नेताओं और अन्य अधिकारियों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। केवल राजनीतिक दलों ने ही अंतिम चरण के चुनाव प्रचार के लिए 10 हेलीकॉप्टर किराए पर लिए हैं।
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव होंगे। पहले चरण के दौरान 14 नवंबर को 39 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे जबकि बाकी बची 51 सीटों के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा। अगले दो दिनों के दौरान 39 विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार अंतिम चरण में प्रवेश कर जाएगा।
इस दौरान राज्य के दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस ने बड़ी संख्या में प्रमुख नेताओं के दौरे की योजना बनाई है। इस फेहरिस्त में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोक सभा में विपक्ष के नेता लाल कृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और फिल्मी सितारे शामिल हैं।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक रायपुर हवाई अड्डे को एटीएफ की आपूर्ति करने वाली भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने कहा है कि इस समय यहां से 5 हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं। इनमें से चार हेलीकॉप्टर राजनीतिक दलों द्वारा लिए गए हैं जबकि एक का इस्तेमाल पुलिस आधिकारिक कार्यो के लिए कर रही है।
इस समय यहां प्रतिदिन एटीएफ की खपत बढ़कर 6000 से 7000 लीटर हो गई है जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा महज 1,000 लीटर रहता है। इतना ही नहीं अगले कुछ दिनों के दौरान एटीएफ की खपत के बढ़कर 20,000 लीटर तक पहुंच जाने का अनुमान है।
अधिकारियों ने बताया है कि राजनीतिक दल अंतिम चरण के प्रचार के लिए 10 और हेलीकॉप्टर किराए पर लेन जा रहे हैं। हवाई अड्डा अधिकारियों ने बताया है कि रायपुर में इससे पहले कभी भी इतनी बड़ी संख्या में हैलीकॉप्टर नहीं आए थे।
बीपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सभी जरूरी प्रबंध कर लिए हैं और हवाई अड्डे के डिपो में पर्याप्त मात्रा में एटीएफ का स्टॉक जमा कर लिया गया है।
मिथकों के सहारे रमन सिंह
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह राज्य की राजनंदगांव विधानसभा सीट से जुड़े एक मिथक के कारण काफी आश्वस्त लग रहे हैं।
रमन सिंह इस विधानसभा सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अतीत पर नजर डालें तो पता चलता है कि एक ही पार्टी के मौजूदा विधायक को दोबारा न चुनना राजनंदगांव की आदत में शामिल हो गया है। यदि मिथक ने इस बार भी काम किया तो रमन सिंह की जीत तय है क्योंकि इस सीट से फिलहाल कांग्रेस के उदय मुदलियार विधायक हैं।
एक अपवाद को छोड़कर 1956 से कभी भी कोई विधायक या पार्टी यहां से दोबारा नहीं जीती है। पिछले 12 विधानसभा चुनावों में सिर्फ किशोरीलाल शुक्ला ही 1972 में अपनी जीत को दोहरा सके हैं।
राजनंदगांव के इस मिथक के कारण ही ज्योतिषियों ने रमन सिंह को इस सीट से चुनाव लड़ने की सलाह दी है। लेकिन रमन सिंह के लिए चिंता की वजह यह है कि यहां से जीतने वाली पार्टी छत्तीसगढ़ में कभी भी सत्ता में नहीं आई है।