महाराष्ट्र सरकार पुणे शहर में 9534 करोड़ रुपये की आगामी मेट्रो रेल परियोजना के लिए कोष जुटाने हेतु एक स्पेशल पर्पज वेहीकल (एसपीवी) के गठन की योजना बना रही है।
दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) द्वारा तैयार की गई विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के मुताबिक शहर को 31.5 किलोमीटर लंबे दो मेट्रो रेल मार्गों की जरूरत है जो वर्ष 2014 तक कामकाज शुरू कर देंगे।
पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने यह रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी डीएमआरसी को सौंपी थी और कोष जुटाए जाने के लिए मौजूद विकल्प भी सुझाए थे। इसे ध्यान में रखते हुए डीएमआरसी ने पीएमसी और महाराष्ट्र सरकार को इस परियोजना के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को अपनाने का सुझाव दिया है।
महाराष्ट्र सरकार के शहरी विकास विभाग के एक प्रमुख अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘शुरुआती परियोजना की लागत निश्चित रूप से काफी अधिक है और एसपीवी को कोष जुटाने की जरूरत है। हमारा विभाग इस मुद्दे पर पीएमसी प्रशासन के साथ पहले ही परामर्श कर चुका है। हमें उम्मीद है कि पीएमसी एक निर्णायक प्रस्ताव तैयार करेगा और इसे अंतिम मंजूरी दिलाने के लिए सरकार के पास भेजेगा।’
डीपीआर में कहा गया है कि 16.58 किलोमीटर के पहले रूट पर 4930 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह रूट चिंचवाड़ शहर से पिम्परी, शिवाजीनगर, स्वरगेट तक तैयार किया जाएगा। 14.92 किलोमीटर की लंबाई वाला दूसरा रूट पौड रोड, डेक्कन जिमखाना, शिवाजीनगर, बूंदगार्डन, येरवदा और कल्याणी नगर तक फैला होगा। इस रूट पर 2,217 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
रिपोर्ट के मुताबिक भूमिगत होने के अलावा यह कॉरिडोर एलीवेटेड भी होगा। मेट्रो रेल हब के विकास और करों को मिला कर यह रकम लगभग 9534 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना के लिए 110 एकड़ भूमि की जरूरत होगी जिसमें से लगभग 31 एकड़ भूखंड निजी हाथों में है।
पीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमें इस परियोजना के लिए जल्द ही मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है और इसके वर्ष 2014 की समय-सीमा तक पूरा हो जाने का अनुमान है। अन्यथा लागत में काफी बढ़ोतरी हो जाएगी जिससे दबाव और अधिक बढ़ जाएगा।’