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देशमुख ने दिया सेज में निवेश का न्योता

Last Updated- December 07, 2022 | 6:05 PM IST

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख ने राज्य में निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि निवेशकों को यहां सभी तरह की सुविधाएं दी जाएंगी।


उन्होंने कहा कि निवेशकों को  किसी भी तरह की चिंता या भय के बिना राज्य में निवेश की पहल को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने यह बात महाराष्ट्र आर्थिक विकास परिषद्  द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही। इस कार्यक्रम में हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार के आर्थिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

देशमुख ने मराठवाड़ा और विदर्भ जैसे राज्य के सबसे पिछड़े इलाकों में सेज के विकास पर जोर देते हुए कहा कि दूसरे राज्यों की अपेक्षा महाराष्ट्र में 9.7 करोड़ लोग शहरी हैं, जिसमें 42 फीसदी लोग शहरों में रहते हैं। राज्य की  67 फीसदी आबादी युवाओं की है और 77 फीसदी लोगों शिक्षित हैं।

महाराष्ट्र में 131 सेज की मंजूरी दी गई है। इनमें से 48 फीसदी से ज्यादा कोकर्ण क्षेत्र में, 34 फीसदी पश्चिमी महाराष्ट्र, 11 फीसदी मराठवाडा और 7 फीसदी विदर्भ में हैं। इन परियोजनाओं में 135,000 करोड़ रुपये के निवेश किया जाएगा। इस मौके पर भारत सरकार के वाणिज्य सचिव जी.के. पिल्लई ने बताया कि वर्तमान समय में विभिन्न सेज परियोजनाओं में निवेश 77 हजार करोड़ रुपये 2009 तक बढ़कर दो लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

इस क्षेत्र में अभी तक काम कर रहें 214,499 लोगों की संख्या 2009 तक बढ़कर 800,000 हो जाएगी। ‘सेज, भविष्य की ओर कदम’ कार्यक्रम में उन्होने जानकारी देते हुए बताया कि आपचारिक तौर पर 513 सेज की शुरुआत करने की पहल में अब तक 250 सेज को सरकारी मजुंरी मिल चुकी है। सेज में निर्मित उत्पादों में  वर्ष 2006-07 की अपेक्षा 2007-08 में  92 फीसदी की बढ़ती दर्ज की गई है।

इस दौरान 66,638 करोड़ रुपये के उत्पादों का यहां से निर्यात किया गया। देश में एक ओर सेज (विशेष आर्थिक क्षेत्र) के विरोध में कई तरह के आंदोलन चलाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर सरकार को 2009 तक विभिन्न सेज परियोजनाओं में 200,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की उम्मीद है। इस निवेश से 8 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

First Published - August 23, 2008 | 3:56 AM IST

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