उत्तराखंड के मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी ने बुधवार को देहरादून के ‘मास्टर प्लान 2025’ को लागू करने की घोषणा की।
मास्टर प्लान में शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों को तो छोड़ दिया गया है लेकिन यह प्लान देहरादून के विश्व प्रसिद्ध बासमती क्षेत्र के लिए मौत के फरमान जैसा है। मास्टर प्लान में 14,639 हेक्टेयर जमीन के विकास की बात कही गई है।
इसमें 7650 हेक्टेयर कृषि भूमि शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने मास्टर प्लान में दो एक्सप्रेसवे, फ्लाईओवर और पुलों के अलावा बुनियादी ढांचे के सुधान के लिए कोई खास कदम नहीं उठाया है। उल्लेखनीय है कि 2000 में उत्तराखंड की राजधानी बनने के बाद से ही देहरादून में बढ़ती आबादी और भारी यातायात की समस्या देखी जा रही है।
मास्टर प्लान कुल 35,867 हेक्टेयर जमीन के लिए तैयार किया गया है। इसमें से 5306 हेक्टेयर जमीन का इस्तेमाल आवासीय जरुरतों के लिए किया जाएगा, जबकि वाणिज्यिक जरुरतों के लिए 431 हेक्टेयर और औद्योगिक जरुरतों के लिए 281 जमीन देने की बात कही गई है।
इसी तरह माजरा और अन्य इलाकों में स्थित देहरादून के बासमती चावल क्षेत्र की 22,000 हेक्टेयर जमीन मास्टर प्लान में शामिल की गई है। ऐसा बढ़ते शहरीकरण के कारण किया गया है। खंडूडी ने बताया कि ‘माजरा और अन्य इलाकों में लैंड यूज को बदला जाएगा।’
देहरादून का बासमती चावल अपनी बेहतरीन गुणवत्ता के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। मास्टर प्लान की अन्य खास बातों में दो अंतरराज्यीय बस टर्मिनलों का निर्माण, 45 लोकल बस स्टैंड का निर्माण, 583 हेक्टेयर सड़क की मरम्मत और 585 हेक्टेयर में नई सड़का का निर्माण शामिल है।
शहर को जौलीग्रांट हवाई अड्डे से जोड़ने के लिए एक 50 मीटर चौड़े एक्सप्रेसवे को बनाने का प्रस्ताव भी है।
देहरादून को मिले दो नए औद्योगिक क्षेत्र
मोहब्बेवाला औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए बनाए गए प्रावधान के साथ ही उत्तराखंड सरकार ने देहरादून के दो औद्योगिक क्षेत्रों के विकास का प्रस्ताव पेश किया है।
ये दोनों नए औद्योगिक क्षेत्र प्रदूषण मुक्त होंगे। एक औद्योगिक क्षेत्र कौनवाला क्षेत्र में और दूसरा रायपुर-सहस्त्रधारा क्षेत्र में बनाया जाएगा।
लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि कौनवाला क्षेत्र में शायद ही औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार के लिए कोई गुंजाइश बची हो। मोहब्बेवाला औद्योगिक क्षेत्र के लिए अतिरिक्त भूमि का प्रस्ताव रखा गया है।
उत्तराखंड औद्योगिक संघ (आईएयू) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने बताया कि सरकार ने कहा है कि रोजगार सृजन के लिए नई ग्रीन इंडस्ट्रीज के विकास पर जोर देना होगा।