facebookmetapixel
हाई स्ट्रीट में मॉल से भी तेज बढ़ा किराया, दुकानदार प्रीमियम लोकेशन के लिए दे रहे ज्यादा रकमत्योहारों में ऑनलाइन रिटर्न्स में तेजी, रिवर्स लॉजिस्टिक्स कंपनियों ने 25% से ज्यादा वृद्धि दर्ज कीबिहार विधानसभा चुनाव में धनकुबेर उम्मीदवारों की बाढ़, दूसरे चरण में 43% प्रत्याशी करोड़पतिबिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग मंगलवार को, नीतीश सरकार के कई मंत्रियों की किस्मत दांव परफूड कंपनियों की कमाई में क्विक कॉमर्स का बढ़ा योगदान, हर तिमाही 50-100% की ग्रोथRed Fort Blast: लाल किले के पास कार में विस्फोट, 8 लोगों की मौत; PM मोदी ने जताया दुखपेरिस की आईटी कंपनी कैपजेमिनाई भारत में करेगी 58,000 भर्तियां, 3.3 अरब डॉलर में WNS का अधिग्रहण कियासड़क हादसे में मौतें 30 वर्ष में सबसे ज्यादा, प्रति 1 लाख की आबादी पर 12.5 मौतें हुईंछोटी कारों को छूट पर नहीं बनी सहमति, SIAM ने BEE को कैफे-3 और कैफे-4 मसौदे पर अंतिम टिप्पणियां सौंपीJK Tyre का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में निर्यात हिस्सेदारी को 20% तक पहुंचाने का, यूरोपीय बाजारों पर फोकस

उत्तराखंड में सिडकुल-एल्डिको को जमीन सौंपने का फैसला

Last Updated- December 05, 2022 | 9:43 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने कुमाऊं क्षेत्र में सितारगंज औद्योगिक इस्टेट में एल्डिको और सिडकुल के विवादित संयुक्त उद्यम को जमीन आवंटित करने का फैसला किया है।


उल्लेखनीय है इस संयुक्त उद्यम के ऊपर पहले ही जांच चल रही है। सरकार ने हाल में उत्तराखंड राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (सिडकुल) की सिफारिशों के आधाप पर हाल में यह फैसला किया है। सरकार ने 1096 एकड़ क्षेत्र में विकसित किए जा रहे एल्डिको-सिडकुल औद्योगिक पार्क (ईएसआईपी) परियोजना में घोटाले का आरोप लगाने के बाद दो जांच आयोग का गठन किया था।


राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि एल्डिको-सिडकुल संयुक्त उद्यम को सितारगंज में जमीन सौंपने का फैसला किया है। सरकार के फैसले की तरफदारी करते हुए अधिकारी ने कहा कि यह कदम इसलिए उठाया गया है क्योंकि उद्योगपतियों को लग रहा था कि उनके नाम पर पट्टा नहीं दिया गया है। एल्डिको के अधिकारियों से इस बारे में संपर्क करने पर उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि कंपनी को जमीन का हस्तांतरण किया जा रहा है। ईएसआईपी में एल्डिको की बहुलांश हिस्सेदारी है।


इस संयुक्त उद्यम की स्थापना सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत की गई थी और इसका मकसद सितारगंज में औद्योगीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाना था। कंपनी के ऊपर हालांकि बाद में एक के बाद एक कई आरोप लगाए गए और पूरा मामला विवादों के घेरे में आ गया। सिडकुल के अधिकारियों का कहना है कि जमीन के हस्तांतरण से जांच आयोग के कामकाज पर कोई असर नहीं होगा और जांच जारी रहेगी। अधिकारी ने बताया कि सितारगंज में अधिकतर औद्योगिकी प्लाटों का आवंटन किया जा चुका है और 30 प्रतिशत शेष प्लाटों के लिए समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं।

First Published - April 16, 2008 | 10:15 PM IST

संबंधित पोस्ट