कांग्रेस की पंजाब इकाई के वरिष्ठ नेता चरणजीत सिंह चन्नी को रविवार को पार्टी विधायक दल का नया नेता चुना गया और अब वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बताया कि चन्नी को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया। रावत ने ट्वीट किया, ‘ यह घोषणा करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है कि चरणजीत सिंह चन्नी को सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया।’
राज्य के कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा का नाम मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चलने की चर्चा थी, हालांकि ऐन मौके पर कांग्रेस आलाकमान ने चन्नी के नाम पर मुहर लगाई। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चन्नी के नाम की जोरदार पैरवी की और फिर राहुल गांधी ने दिल्ली में लंबी मंत्रणा के बाद चन्नी के नाम को मंजूरी दी। चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। वह रूपनगर जिले के चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
सोनिया को अमरिंदर ने लिखा पत्र
पंजाब के मुख्यमंत्री पद से शनिवार को इस्तीफा देने से पहले अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर हालिया राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर पीड़ा व्यक्त की और इस बात को लेकर चिंता जताई कि इन घटनाक्रम से राज्य में अस्थिरता आ सकती है। सिंह ने शनिवार को सोनिया गांधी को पत्र लिखा और पद छोडऩे के फैसले से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों के राजनीतिक घटनाक्रम पंजाब के राष्ट्रीय महत्त्व एवं इससे जुड़ी चिंताओं के पूरी तरह अनुकूल नहीं रहे हैं।
पत्र में उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत पीड़ा के इतर, मैं आशा करता हूं कि राज्य में बहुत मुश्किल से मिली शांति और विकास को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचे तथा सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने का वह प्रयास निर्बाध रूप से जारी रहे, जो मैं पिछले कुछ वर्षों से कर रहा था।’
अमरिंदर सिंह ने अपने साढ़े चार साल के कार्यों पर संतोष जताया। उन्होंने कहा, ‘मैंने कई भू-राजनीतिक और आंतरिक सुरक्षा चिंताओं से प्रभावी ढंग से निपटने का प्रयास किया और किसी तरह का समझौता नहीं किया।’
सिंह ने कहा कि उन्हें खुशी है कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए राज्य में पूरी तरह शांति और सांप्रदायिक सौहार्द रहा तथा किसी के प्रति गलत इरादा नहीं रहा। उनके मुताबिक, पंजाब की जनता कांग्रेस की उन परिपक्व और प्रभावी लोक नीतियों को लेकर उसकी ओर देख रहे हैं, जो न सिर्फ अच्छी राजनीति में परिलक्षित होती हैं, बल्कि इस सीमावर्ती राज्य के आम लोगों की चिंताओं का निदान करती हैं।
अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा था कि विधायकों की बार-बार बैठक बुलाए जाने से उन्होंने अपमानित महसूस किया, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया।