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चीन की कंपनी करेगी हरियाणा रोशन

Last Updated- December 07, 2022 | 1:03 PM IST

हरियाणा सरकार ने राज्य में 1,320 मेगावाट बिजली की मांग को पूरा करने और 2012 तक अनुमानित 4000 से 5000 मेगावाट बिजली की कमी को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।


हरियाणा मंत्री परिषद की बुधवार को हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के आधार पर चाइना लाइट पॉवर (सीएलपी) लिमिटेड का चयन किया गया है जो राज्य के ताप बिजली क्षेत्र में पहली स्वतंत्र बिजली उत्पादक (आईपीपी) कंपनी होगी।

उन्होंने कहा कि झार जिले में सुपर क्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर आधारित 1320 मेगावाट उत्पादन क्षमता वाले ताप बिजली संयंत्र के लिए टैरिफ को पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए अंतिम रूप दिया गया। पूरी प्रक्रिया में हरियाणा बिजली नियामक आयोग द्वारा मंजूरी प्राप्त योग्यता के लिए अनुरोध (आरएफक्यू) और प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) दस्तावेजों को शामिल किया गया था।

उन्होंने बताया कि इस कवायद को भारत सरकार की राष्ट्रीय टैरिफ नीति, 2006 और बिजली खरीद दिशानिर्देशों के तहत पूरा किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 30 मई को आरएफक्यू जारी कर बिजली खरीद की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके लिए भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन किया गया। बोली दो चरणों में मंगाई गई। पहले चरण के तहत योग्य बोलीदाता को अपनी वित्तीय बोली दाखिल करनी थी। पहले चरण में 19 बोलीदाताओं से भाग लिया। इनमें से 11 को योग्य घोषित किया गया। इन 11 बोलीदाताओं में से अंत में 3 बोलीदाताओं ने वित्तीय बोली दाखिल की।

उन्होंने बताया कि सीएलपी 1320 मेगावाट क्षमता वाले बिजली संयंत्र की स्थापना करेगी, जिसे मेगा पॉवर का दर्जा दिया जाएगा। कंपनी 25 वर्षो तक कुल उत्पादित बिजली के 90 प्रतिशत हिस्से की आपूर्ति राज्य को करेगी। यह प्रावधान भी है कि आपसी सहमति के आधार पर इस अवधि को आगे और बढ़ाया जा सकता है। हालांकि हरियाणा सरकार के पास पहले मना करने का अधिकार बना रहेगा। राज्य सरकार कंपनी को जमीन, जल संपर्क, कोयला संपर्क और अन्य जरूरी मंजूरियां प्राथमिकता के आधार पर देगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि झार जिले के खानपुर खुर्द, खानपुर, वाजिदपुर और झारली गांवों में 1221 एकड़ जमीन का अधिग्रहण 9 अप्रैल 2007 को जारी अधिसूचना के आधार पर किया गया है। इस जमीन की कीमत सीएलपी चुकाएगी। उन्होंने कहा कि एक महीने में 16 दिन 300 क्यूसिक पानी की आपूर्ति के लिए जवाहर लाल नेहरू नहर से संपर्क बनाया जाएगा। इसी तरह प्रति वर्ष 52.1 लाख टन कोयला हासिल करने के लिए केन्द्रीय कोलफील्ड्स लिमिटेड से संपर्क स्थापित किया जा चुका है। इसी तरह 24 अप्रैल 2008 को पर्यावरण और वन मंत्रालय से पर्यावरण से जुड़ी हुई मंजूरियां दे दी हैं।

जमीन, पानी और ईधन संपर्क के स्वामित्व का हस्तांतरण करने के लिए झार पॉवर लिमिटेड के नाम से एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी) का गठन किया गया है जो एचपीजीसीएल की सहायक कंपनी होगी। परियोजना के लिए टैरिफ की दर 2.82 रुपये प्रति किलोवाट घंटा है जो दूसरों राज्यों द्वारा किए गए किसी भी करार के मुकाबले बेहतर है। बोली की जांच एचपीजीसीएल के महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति के द्वारा की गई थी।

First Published - July 24, 2008 | 10:35 PM IST

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