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तीन साल में पूरा होगा बीडीडी चॉल पुनर्विकास का काम

Last Updated- December 12, 2022 | 2:11 AM IST

मध्य मुंबई के वर्ली में स्थिति प्रसिद्ध बीडीडी चॉल पुनर्विकास‌ परियोजना की शुरुआत हो गई। अगले 36 महीनों में परियोजना का काम पूरा हो जाएगा। इसमें करीब दस हजार लोगों को घर दिए जाने हैं। घर के साथ दूसरी सुविधाओं का भी परियोजना में ध्यान दिया गया है। बीडीडी चाल के इतिहास को देखते हुए यहां एक सांस्कृतिक संग्रहालय भी तैयार किया जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ी मुंबई की चॉल संस्कृति को समझ सकेगी।  
परियोजना की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि बीडीडी चॉल का एक बड़ा इतिहास है। इस चॉल ने संयुक्त महाराष्ट्र का आंदोलन देखा, महाराष्ट्र के लिए रास्ते पर बहा खून देखा है। अनेक क्रांतिकारी आंदोलन और मुंबई के सामाजिक, राजनैतिक एवं सांस्कृतिक संरचना एवं मुंबई के विकास में चॉल का और यहां के लोगों का योगदान रहा है। हम यहां कितनी भी ऊंची इमारत और टॉवर्स बनाएं लेकिन इस चॉल के ऋण से मुक्त नहीं हो सकेंगे। ठाकरे ने कहा कि आप लोग चॉल से टॉवर में भले ही गए हों फिर भी अपनी संस्कृति के इस धागे को न टूटने दे, पूरी जिंदगी यहां पर बिताई है, यह आपका अपना घर है। इसलिए किसी भी प्रलोभन में न पड़ें और मराठी को ठेंस न पहुंचे, उसे संभाले। चॉल की संस्कृति, मराठीपन का संवर्धन करें। ठाकरे ने कहा कि मेरे नाना-नानी चॉल में रहते थे। बचपन में मैं उनके यहां जाता था, इसलिए मुझे चॉल का जीवनयापन की जानकारी है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में तकरीबन पांच लाख मकान हमने ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामविकास विभाग के माध्यम से बनाए हैं, मिल कामगारों को भी मकान देने की शुरुआत की जाएगी।
राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि बीडीडी चॉल बहुत गौरवशाली इतिहास से लाभप्राप्त है। महाराष्ट्र की एकता का दर्शन यहां पर होता है। अनेक जाति- धर्म के लोग सालों साल से यहां एक साथ रह रहे है। इस तरह की चॉल का इतिहास हमें  संभाल कर रखना चाहिए। घर के साथ-साथ लोगों को अन्य सुविधाएं भी देनी चाहिए। चॉल की जगह इमारत भले ही खड़ी हो रही है, लेकिन मेहनती लोग यहां से बाहर नहीं जाने चाहिए। मेहनत की जमापुंजी को न बेचें। राजस्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि अनेक विकास परियोजनाएं राज्य में शुरू हैं। समृद्धि महामार्ग का काम तेजी से शुरू है। मुंबई में कोस्टल रोड, स्कायवॉक, मोनोरेल का काम भी तेजी से जारी है। बीडीडी चॉल के पुनर्विकास परियोजना से उसमें और अधिक अच्छा काम हो रहा है। इस परियोजना के किराएदार लोगों की जो मांगे थी, वह पूरी हुई है और इस पुनर्विकास परियोजना की दिक्कते इससे दूर हुई है।
पर्यटन मंत्री तथा मुंबई उपनगर के पालकमंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि सरकार अस्तित्व में आने के बाद अटके विकास कार्यों की हमने जानकारी ली लंबित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए हमने प्रयास शुरू किए हैं और आज हो रहे बीडीडी चॉल के पुनर्विकास परियोजना का शुभारंभ भी इसी का एक भाग है। बीडीडी चॉल को एक ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत है। पुनर्वसन के बाद नई इमारत बनाई जाएगी। लेकिन इस चॉल का संवर्धन करें और उसका संग्रहालय में रुपांतर करें ताकि भावी पीढ़ी को इस चॉल का इतिहास पता चले आगामी 36 महीने में यह प्रकल्प पूरा किया जाएगा। इस  प्रकल्प में 9 हजार 689 पुनर्वसन घर बनाए जाएंगे। इस माध्यम से सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी।
गृहनिर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि बीडीडी चॉल के पुनर्विकास का काम करते समय कई दिक्कते आ रही थी। करारनामा, विस्थापितों की समस्या, ऐसी अनेक चुनौतियां थी, लेकिन इससे मार्ग निकाला, अब अगले 36 महीने के भीतर ही यह काम पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तकरीबन तीन हजार पुलिस को भी मकान देना प्रस्तावित है, सेवा निवृत्त पुलिस एवं 2010 पहले से जो लोग यहां रहते थे, ऐसे पुलिस वालों को भी मकान देने की योजना तैयार की गई। साथ ही कामाठीपुरा व कुलाबा स्थित झोपडपट्टी का भी समूह पुनर्विकास किया जाएगा। गृहनिर्माण राज्यमंत्री सतेज उर्फ बंटी डी पाटिल ने कहा कि आम लोगों का उनके हक का मकान देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। पिछले डेढ़ साल में दस हजार लोगों को  लॉटरी पद्धति से म्हाडा ने हक का मकान दिया है। बीडीडी पुनर्विकास का महत्त्वाकांक्षी परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करना ही हमारा लक्ष्य है।

First Published - August 3, 2021 | 12:26 AM IST

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