मुंबई की बुनियादी ढांचागत परियोजना को लेकर एक बार फिर अंबानी भाई आमने-सामने नजर आएंगे।
मुंबई महानगर क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) ने मुंबई मेट्रो के दूसरे गलियारे को विकसित करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये की वित्तीय बोली बुलाने का फैसला किया है। इसके लिए प्राधिकरण ने कंपनियों के नाम सूचीबध्द कर लिए हैं।
मुंबई मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर चारकोप-बांद्रा-मनखुर्द के बीच बनाया जाएगा। यह फैसला मुंबई के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख की अध्यक्षता वाली एमएमआरडीए की कार्यकारी समिति की हुई बैठक में लिया गया।
इससे पहले 6000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 22 किलोमीटर लंबी मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल), बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एक पारंपरिक केंद्र, मेट्रो परियोजना की पहली लाइन और मोनोरेल के लिए बुलाई गई बोली प्रक्रिया को लेकर अंबानी भाई आमने-सामने हो चुके हैं।
मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक शिवड़ी और न्हवा-शेवा के बीच बनाया जाना है। बीकेसी में पारंपरिक केंद्र बनाने का जिम्मा जहां मुकेश के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को मिला वहीं अनिल के नेतृत्व वाली रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर ने वार्सोवा-अंधेरी-घाटकोपर (वीएजी) के बीच 2356 रुपये की लागत से बनने वाली 11 किलोमीटर लंबी मुंबई मेट्रो के पहले कॉरिडोर को अपने पाले में किया था।
महानगरीय आयुक्त रत्नाकर गायकवाड ने बताया, ‘एमएमआरडीए जल्द ही वित्तीय बोली की प्रक्रिया शुरू करेगी। प्राधिकरण ने पूर्व-योग्यता और तकनीकी बोली राउंड में सात कंपनियों के नाम सूचीबध्द कर लिए हैं।’
बहरहाल, मुंबई मेट्रो के दूसरे गलियारे की बोली को हासिल करने के लिए आर-इन्फ्रा के नेतृत्व वाले समूह ने कनाडा की एक बड़ी कंपनी एसएनसी-लावालिन के साथ गठजोड़ कर लिया है जबकि आरआईएल ने सीमेंस और गैमन इंडिया के साथ हाथ मिलाया है।
प्राधिकरण द्वारा सूचीबध्द की गई 7 कंपनियों में टाटा और एल ऐंड टी जैसे बड़े औद्योगिक घराने भी शामिल है। एमएमआरडीए के मुख्य सचिव जॉनी जोसेफ ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा निर्माण कार्य सौंपे जाने की अंतिम तारीख दिसंबर 2008 है जबकि जनवरी 2009 से निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।