रेल मंत्री लालू प्रसाद ने आज 14वीं लोकसभा का आखिरी रेल बजट पेश किया। आम लोगों के हित में बजट पेश करने के दावे के बीच उनके सामने आगामी आम चुनाव को देखते हुए बड़ी चुनौती थी। लालू प्रसाद ने चुनावों के अनुरूप बजट पेश किया। उनके भाषण के समय विपक्षी दलों ने ही नहीं बल्कि यूपीए के सहयोगियों ने भी वाकआउट किया। लालू प्रसाद ने बिजनेस स्टैंडर्ड से अपने पूरे बजट के बारे में बातचीत की। पेश है बातचीत के खास अंश…
Q.आपने यात्री किराये और मालभाड़ा में कटौती के साथ यात्रियों के लिए विशेष छूट और भर्तियों की घोषणा की है। क्या यह चुनावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है?
कतई नहीं, जब से मैंने रेलमंत्री का पद संभाला है, हमने हर बजट में यात्रियों का खास ध्यान रखा है। क्या हर साल चुनाव हो रहे थे। यह भ्रम विपक्षी दलों ने फैलाया है। वे इस बात से परेशान हैं कि यूपीए सरकार ने हर साल यात्रियों की जेब का ध्यान रखा है। विपक्षियों को हर साल किराया बढ़ने की उम्मीद रहती है और ऐसा न करके हम हर साल उन्हें दुख पहुंचाते हैं। रेलवे आर्थिक रूप से मजबूत हुआ है। हमने अन्य सरकारों की तुलना में हर साल यात्रियों को अच्छी खबर दी है।
Q.आपका बजट भाषण समाप्त होते ही यूपीए सरकार के सहयोगी वामपंथी दलों ने सदन से वाकआउट किया। उनका कहना है कि आप एक ही राज्य के रेल मंत्री हैं। उन्हें आप क्या जवाब देंगे।
जिन लोगों ने वाकआउट किया है, उन्होंने रेल मंत्रालय में दिन-रात काम किया है। हमें उन्हें स्पष्टीकरण देने की क्या जरूरत है। रेल परियोजनाएं मेरी जेब से नहीं निकलती हैं, सबका मूल्यांकन उनके लाभ-हानि के मुताबिक किया जाता है। इन्हें योजना आयोग में बहस के बाद ही तैयार किया जाता है। संसद में 500 सदस्य हैं। सबको खुश कर पाना संभव नहीं है। मैं चाहता हूं कि सभी सदस्य सावधानीपूर्वक बजट दस्तावेजों को देखें।
बिहार के लिए सबसे ज्यादा ट्रेन चलाई गई हैं, अन्य राज्यों पर कम ध्यान दिया गया है। खासकर महाराष्ट्र सबसे ज्यादा उपेक्षित हुआ है?
बिहार के लिए 11 नई लाइनें बिछाने की योजना है, जबकि आंध्र प्रदेश में 7 और महाराष्ट्र में 24 नई रेल लाइनों की योजना है। इससे महाराष्ट्र के मुंबई के 300 कस्बों को रेल से जोड़ा जा रहा है। कामनवेल्थ खेल को ध्यान में रखते हुए दिल्ली से पुणे के लिए नई रेल चलाई जा रही है। इसलिए मैं बार-बार कहूंगा कि आरोप मढ़ने वाले लोग बजट दस्तावेजों को ध्यान से देखें। उसके बाद तथ्यों के आधार पर बहस के रास्ते हमेशा खुले हैं।
Q.इस साल के बजट में आपको सबसे कठिन क्या लगा?
कुछ भी नहीं। जैसा कि मैंने अपने भाषण में कहा कि हमने रेल का लाभ बढाने की नींव रखी है। खासकर मैंने कारोबार बढाने पर जोर दिया है। इसमें निजी भागीदारी को भी बढावा दिया गया है। जो हमारे प्रतियोगी थे, उन्हें भागीदार बना लिया। विजन 2025 को ध्यान में रखते हुए हमने ऐसा बजट पेश किया कि पिछले 4 साल में एक बार भी किराये में बढ़ोतरी नहीं हुई। साथ ही रेलवे के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान रखा गया। मैं इस बजट को अपने पहले पेश किए गए बजटों की निरंतरता के रूप में देख रहा हूं।