Skip to content
  बुधवार 29 मार्च 2023
Trending
March 29, 2023लाइफलॉन्ग अ​धिग्रहण : इससे डेट वेंचर फर्म स्ट्राइड वेंचर्स को मिलेगी कुछ राहतMarch 29, 2023आकर्षक है बाजार का मूल्यांकन, लंबी अवधि के लिए चुनिंदा खरीद की सलाहMarch 29, 2023हेल्थटेक कंपनियों में फंडिंग 2022 में 55 प्रतिशत घटकर 1.4 अरब डॉलर, 2021 में थी 3.2 अरब डॉलरMarch 29, 2023अभी सिर्फ देश के 481 जिलों में 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्धMarch 29, 2023Honda ने EV Bike के निर्माण के लिए एक्सीलेटर पर रखा कदम, कर्नाटक के नरसापुर कारखाने में लगाई अलग यूनिटMarch 29, 2023महाराष्ट्र में गन्ना पेराई का काम लगभग पूरा, अनुमान से कम हुआ चीनी का उत्पादनMarch 29, 2023अदाणी ग्रुप ने कर्ज चिंता की रिपोर्ट को बताया गलत, ज्यादातर कंपनियों के शेयर चढ़ेMarch 29, 2023साइरस मिस्त्री की परिसंप​त्ति पत्नी और बेटों में हो सकती है विभाजित, मिस्त्री परिवार की संयुक्त संप​त्ति लगभग 27.3 अरब डॉलरMarch 29, 2023Repo Rate: क्या RBI फिर से करने वाला है रीपो रेट में इजाफा ? जानिए अर्थशास्त्रियों की रायMarch 29, 2023Adani Stocks: अदाणी समूह की सात कंपनियों के शेयर चढ़े, अदाणी एंटरप्राइजेज में 8.75 फीसदी की बढ़त
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  लेख  इतिहास का दोहराव है पेटीएम की विफलता
लेख

इतिहास का दोहराव है पेटीएम की विफलता

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —November 23, 2021 11:19 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

गत शुक्रवार को पेटीएम ने एक ऐसा इतिहास रचा जिसे वह शायद ही याद रखना चाहे। भारतीय शेयर बाजारों की सबसे बड़ी प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) जिसका मूल्य 2,150 रुपये प्रति शेयर निर्धारित किया गया था, उसकी शुरुआत 9 फीसदी गिरावट के साथ हुई और उसमें आगे चलकर और गिरावट आई। सुबह करीब 11 बजे जोर पकडऩे की नाकाम कोशिश के बाद शेयर बिकवाली के भारी दबाव में आ गया और दिन का अंत लोअर सर्किट लगने के साथ हुआ क्योंकि उसकी कीमत 27.6 फीसदी गिर चुकी थी। तत्काल बाद एक विदेशी ब्रोकरेज फर्म ने 1,200 रुपये की लक्षित कीमत तय की जो पेटीएम की इश्यू कीमत से 44 फीसदी नीचे थी। उसने कहा कि यह कारोबार नकदी की खपत करने वाला है और यह मुनाफा नहीं दे सकता।  इसके बावजूद पेटीएम के मुख्य  वित्तीय अधिकारी ने दावा किया, ‘हम आईपीओ की कीमत और अधिक रख सकते थे लेकिन हमने ऐसा नहीं करने का निर्णय लिया। हम निवेशकों के लिए मूल्य छोडऩा चाहते थे।’
भारतीय आईपीओ बाजार में अब तक तेजी का दौर रहा है। वर्ष 2021 के शुरुआती नौ महीनों में भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के माध्यम से 74,000 करोड़ रुपये की राशि जुटाई है। बीते दो दशक में यह जनवरी-अक्टूबर में आईपीओ से आई अधिकतम राशि है। संभव है इस वर्ष का अंत आईपीओ के माध्यम से एक लाख करोड़ रुपये जुटा कर हो। इसके बावजूद चार में से तीन बड़े आईपीओ घाटे में चल रही उपभोक्ता टेक कंपनियों के हैं: पेटीएम (18,300 करोड़ रुपये), जोमैटो (9,375 करोड़ रुपये) और पीबी फिनटेक या पॉलिसीबाजार (6,273 करोड़ रुपये)। इन सभी ने आईपीओ के पहले बाजार व्यय कम करने की रणनीति अपनाई ताकि घाटे को कम करके दिखाया जा सके और मुनाफा दर्शाया जा सके।
बीते तीन दशक में आईपीओ को लेकर जो बावलापन रहा है उसके साक्षी रहे लोगों के ऐसे दृश्य नए नहीं हैं। मैंने अपनी पुस्तक फेस वैल्यू में ऐसे दो अवसरों का दस्तावेजीकरण किया है।  पहला था सन 1993-95 का दौर जब इस बात पर लगभग सहमति बन चुकी थी कि भारत एशिया के अन्य देशों को पीछे छोड़ देगा। सन 1994 में 7.4 फीसदी की गति से विकसित होने के बाद अनुमान जताया जा रहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था आगे 9 फीसदी की दर से विकसित होगी। कंपनियों ने इस महत्त्वाकांक्षी वृद्धि अनुमान को देखते हुए जमकर पूंजी जुटाना शुरू कर दिया। सरकार ने भारतीय कंपनियों को विदेशों से पूंजी जुटाने की अनुमति दे दी। जल्दी ही विदेशी निवेश बैंकर उन कंपनियों को तलाशने लगे जिनके बहीखाते मजबूत हों और जिन पर विदेशों में फंड जुटाने के लिए दबाव बनाया जा सके। इस प्रक्रिया में कंपनियों को वह मान और प्रतिष्ठा मिली जो उन्हें घरेलू बाजार में नहीं मिल पा रही थी। कोर पैरेंटल्स, गार्डन सिल्क मिल्स और फ्लेक्स इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां जिन्हें भारत में भाव नहीं मिल रहा था वे लंदन जैसी जगहों पर पसंदीदा बन गई थीं।
इस तेजी के आखिर तक घरेलू आईपीओ बाजार आसमान छूने लगा। जनवरी 1995 में 145 शेयर सबस्क्रिप्शन के लिए खुले।  रिलायंस कैपिटल, एस्सार ऑयल, जिंदल विजयनगर, एमएस शूज और अन्य बड़े शेयर उस वर्ष के शुरुआती दो महीनों में बाजार में पेश किए गए। फरवरी 1995 में एक महीने में 78 कंपनियां सार्वजनिक हुईं और उस वित्त वर्ष में 1,400 आईपीओ आए। आपको सन 1994-95 का प्रहसन तब समझ आएगा जब आप देखेंगे कि सन 1998 से 2001 के बीच केवल 219 कंपनियों ने सार्वजनिक पूंजी जुटाई। सन 1993 के बाद से वित्तीय तेजी को समर्थन देने वाला कोई गंभीर सुधार नहीं हुआ। उस वक्त भी मैंने इस अखबार के अंग्रेजी संस्करण में लिखा था, ‘कॉर्पोरेट क्षेत्र मौजूदा अपूर्ण व्यवस्था को लेकर आश्वस्त है: इसमें जितनी आसानी से सार्वजनिक पेशकश की जा सकती है और जवाबदेही की बहुत कमी है। इससे समझा जा सकता है कि छोटी-बड़ी कंपनियों में बाजार में प्रवेश को लेकर इतनी हड़बड़ी क्यों है। कल के विजेता इनके बीच से नहीं होंगे…बाजार मूल्य हमेशा प्रदर्शन की भरपाई नहीं करेगा।’ चुनाव पास आने पर रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दर बढ़ानी शुरू की। सन 1995 के आखिर तक उच्च ब्याज दर के कारण उद्योग परेशान होने लगा, सन 1995 के बाद से भारतीय शेयरों में गिरावट आने लगी।
बाजार में अगली बड़ी तेजी सन 1999 के आखिर से 2000 तक रही।  इस दौरान पुरानी कंपनियों के शेयर पिछड़े और नई अर्थव्यवस्था के शेयर मसलन इंटरनेट, सॉफ्टवेयर और मनोरंजन कंपनियों के शेयर नई ऊंचाइयों पर पहुंचने लगे। उस वक्त आईपीओ की तेजी नहीं थी बल्कि बड़े पैमाने पर नए फंडों की पेशकश की जा रही थी। इक्विटी म्युचुअल फंडों में तकनीक आधारित फंडों से धन जुटाने की होड़ लगी थी। इन फंडों के बड़े सबस्क्रिप्शन और विप्रो तथा इन्फोसिस जैसी कंपनियों के अमेरिकी बाजार में सूचीबद्धता के साथ 2000 के दशक के शुरुआती दौर का अंत हुआ।
अगली तेजी अप्रैल 2003 में आई और 2008 के आरंभ तक चली। 11 फरवरी, 2008 भारतीय शेयर बाजारों के लिए एक अन्य ऐतिहासिक दिन रहा। उस दिन रिलायंस पावर ने अपने मेगा आईपीओ के जरिये 11,563 करोड़ रुपये जुटाए और जबरदस्त ढंग से सूचीबद्ध हुई। इस आईपीओ ने 7 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई और इसका इश्यू 72 गुना सबस्क्राइब हुआ। हर किसी में इसे खरीदने की होड़ लगी थी। खुदरा निवेशकों के लिए इसकी कीमत 430 रुपये और गैर खुदरा निवेशकों के लिए 450 रुपये रखी गई थी। सूचीबद्धता पर आरपावर के शेयर बढ़कर 538 रुपये तक पहुंचे लेकिन चार मिनट के भीतर वे औंधे मुंह गिरे और 333 रुपये पर आ गए। आखिरकार वे 372.50 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। इसके बाद यह शेयर कभी अपने जारी मूल्य तक नहीं पहुंचा और आज इसकी कीमत 13.50 रुपये है। पेटीएम का उदाहरण लेते हुए देखें तो बाजार में अतिरंजना के सभी तत्त्व साफ नजर आते हैं: एक लंबा तेजी भरा बाजार और अत्यधिक सफल आईपीओ जिन्होंने निवेशकों में आश्वस्ति का भाव पैदा किया, घाटे में चल रही लेकिन अहंकार से भरी कंपनी ने भारी भरकम आईपीओ बहुत अधिक दाम पर पेश किया, ऐसी ही कई अन्य कंपनियां फंड जुटाने के लिए कतार में लगी हुई हैं और बाहरी माहौल की बात करें तो मुद्रास्फीति अधिक है और दुनिया भर में कीमतों में इजाफा संभावित है। पेटीएम की असफलता अगर तेजी के दौर का अंत नहीं करती तो भी बेलगाम आईपीओ बाजार में कुछ समझदारी आएगी।
(लेखक डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट मनीलाइफ डॉट इन के संपादक हैं। )

आईपीओइतिहासजोमैटोनाकामीपीबी फिनटेकपेटीएमपॉलिसीबाजारशेयर बाजार
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

भारतीय रिजर्व बैंक के इतिहास की बात

March 28, 2023 11:20 PM IST
आज का अखबार

ग्राहकों के साथ उचित व्यवहार करें बैंक

March 28, 2023 11:15 PM IST
आज का अखबार

स्पेक्ट्रम आवंटन : दूर हो नीति का अभाव

March 28, 2023 11:06 PM IST
आज का अखबार

शहरी भारत का निर्माण

March 27, 2023 11:55 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

इंडोनेशिया में 1,200 करोड़ रुपये निवेश करेगी जिंदल स्टेनलेस, बढ़ेगी निकल की उपलब्धता

March 28, 2023 9:39 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

बहुपक्षीय संस्थानों के सुधार पर जी-20 की समिति बनी

March 28, 2023 8:02 PM IST
आपका पैसा

PFRDA के ओम्बड्समैन की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ी

March 28, 2023 6:36 PM IST
अन्य समाचार

Meta का भारत को लेकर बेहद रोमांचित, आशावादी नजरियाः संध्या देवनाथन

March 28, 2023 6:05 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Mexico Fire: मेक्सिको में प्रवासी केंद्र में आग का कोहराम, 39 लोगों की मौत, कई घायल

March 28, 2023 5:27 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ में चीन, भारत मिलकर करेंगे आधा योगदानः रिसर्च संस्थान

March 28, 2023 5:08 PM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Amritpal Singh Case
  • Mumbai-Pune Expressway
  • Stock Market Today
  • Rajnath Singh
  • COVID-19 Case Update
  • Gold-Silver Price Today
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


लाइफलॉन्ग अ​धिग्रहण : इससे डेट वेंचर फर्म स्ट्राइड वेंचर्स को मिलेगी कुछ राहत

March 29, 2023 8:43 PM IST

आकर्षक है बाजार का मूल्यांकन, लंबी अवधि के लिए चुनिंदा खरीद की सलाह

March 29, 2023 8:40 PM IST

हेल्थटेक कंपनियों में फंडिंग 2022 में 55 प्रतिशत घटकर 1.4 अरब डॉलर, 2021 में थी 3.2 अरब डॉलर

March 29, 2023 8:35 PM IST

अभी सिर्फ देश के 481 जिलों में 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध

March 29, 2023 8:32 PM IST

Honda ने EV Bike के निर्माण के लिए एक्सीलेटर पर रखा कदम, कर्नाटक के नरसापुर कारखाने में लगाई अलग यूनिट

March 29, 2023 8:29 PM IST

Latest News


  • लाइफलॉन्ग अ​धिग्रहण : इससे डेट वेंचर फर्म स्ट्राइड वेंचर्स को मिलेगी कुछ राहत
    by admin
    March 29, 2023
  • आकर्षक है बाजार का मूल्यांकन, लंबी अवधि के लिए चुनिंदा खरीद की सलाह
    by पुनीत वाधवा
    March 29, 2023
  • हेल्थटेक कंपनियों में फंडिंग 2022 में 55 प्रतिशत घटकर 1.4 अरब डॉलर, 2021 में थी 3.2 अरब डॉलर
    by आर्यमान गुप्ता
    March 29, 2023
  • अभी सिर्फ देश के 481 जिलों में 5जी इन्फ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध
    by शुभायन चक्रवर्ती
    March 29, 2023
  • Honda ने EV Bike के निर्माण के लिए एक्सीलेटर पर रखा कदम, कर्नाटक के नरसापुर कारखाने में लगाई अलग यूनिट
    by भाषा
    March 29, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57960.09 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57960
3460.6%
निफ्टी57960
3460%
सीएनएक्स 50014346
1340.94%
रुपया-डॉलर82.31
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
Suzlon Energy7.9512.29
NBCC34.8411.92
Cochin Shipyard459.3010.36
Macrotech Devel.865.809.98
UCO Bank24.558.92
Adani Enterp.1741.658.75
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
NBCC35.2513.34
Suzlon Energy7.9512.77
Macrotech Devel.866.509.98
Cochin Shipyard459.009.95
UCO Bank24.558.87
Adani Enterp.1740.408.72
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchAmritpal Singh CaseMumbai-Pune ExpresswayStock Market TodayRajnath SinghCOVID-19 Case UpdateGold-Silver Price TodayRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us