इस वर्ष अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार तीन ऐसे विद्वानों को दिया जा रहा है जिन्हें एक बेहद साधारण प्रश्न करने में विशेषज्ञता हासिल है: देश अमीर कैसे बनते हैं? ये विद्वान पारंपरिक संदर्भों में अकादमिक अर्थशास्त्री नहीं हैं। निश्चित तौर पर डैरन एसमोगलू अपनी पीढ़ी के सर्वाधिक प्रतिष्ठित प्रोफेसरों में से एक हैं। परंतु साइमन […]
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विनिर्माण क्षेत्र में, खासतौर पर श्रम आधारित विनिर्माण में भारत का निरंतर कमजोर प्रदर्शन देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मुद्दा है। यह कोई पहेली भी नहीं है बल्कि इस बात को कई तरह से समझा जा सकता है और इसकी कई संभावित वजहें और स्पष्टीकरण हैं। व्यापार नीति में निरंतरता का अभाव, खराब लैंगिक […]
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संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के निवेशकों को राहत देते हुए भारत ने उसके साथ द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) के कुछ प्रावधानों को शिथिल कर दिया है। इसमें निवेशकों के लिए विवाद की स्थिति में समाधान के स्थानीय उपायों का उपयोग करने की अवधि को पांच वर्ष से कम करके तीन वर्ष करना शामिल है। इसका […]
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रतन टाटा (Ratan Tata) ने करीब दो दशक से अधिक वक्त तक देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह का नेतृत्व किया। सन 1991 में जेआरडी टाटा विरासत में 34 सूचीबद्ध और गैरसूचीबद्ध कंपनियों के एक असमान समूह को जिस हालात में छोड़ गए थे, उन्होंने उसे मजबूती प्रदान की। यह सही है कि टाटा समूह […]
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने नए बाहरी सदस्यों के साथ इस सप्ताह नीतिगत समीक्षा की। उसने यह निर्णय लिया कि वह नीतिगत रीपो दर को 6.5 फीसदी के स्तर पर अपरिवर्तित रखेगी। परंतु एमपीसी ने नीतिगत रुख को समायोजन वापस लेने से बदलकर तटस्थ करने का निर्णय लिया ताकि कुछ […]
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हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर (केंद्रशासित प्रदेश) के विधान सभा चुनाव नतीजे मंगलवार को सामने आए। ये नतीजे अपनी-अपनी तरह से उल्लेखनीय हैं। हरियाणा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करने में कामयाब रही और इस दौरान उसका मत प्रतिशत भी सुधरा। भाजपा को इस बार 40 फीसदी से अधिक मत […]
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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक इस सप्ताह होने वाली है और उसमें तीन नए बाहरी सदस्य शामिल हैं। एक दशक से भी कम पुरानी इस संस्था में बदलाव का व्यवस्थित ढंग से अंजाम लेना संस्थागत क्षमता का महत्त्व दर्शाता है। केंद्र सरकार ने एमपीसी में ऐसे स्वतंत्र सदस्य नियुक्त करने […]
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अक्सर यह दलील दी जाती है कि भारत को अपनी उत्पादकता में इजाफा करने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा के लिए उत्पादकता में बढ़ोतरी आवश्यक है। ऐसा करने से भारत का औद्योगिक आधार भी मजबूत होगा तथा रोजगार भी बढ़ेंगे। यह निराशाजनक है कि भारत […]
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वर्ष 2024 के लोक सभा चुनावों के दौरान राजनीतिक बढ़त हासिल करने की हताश कोशिश में दोनों प्रमुख राजनीतिक ताकतों सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी कांग्रेसनीत ‘इंडिया’ गठबंधन ने विभाजनकारी राजनीतिक भाषणों के जरिये देश की विविधता को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने उस समय इस […]
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दस वर्ष पहले महात्मा गांधी की जयंती पर शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान को कुछ उल्लेखनीय सफलताएं हासिल हुई हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार देश के 82.5 फीसदी परिवारों की पहुंच अब शौचालय तक है जबकि 2004-05 तक यह आंकड़ा केवल 45 फीसदी था। अब 70 फीसदी परिवारों में शौचालय की सुविधा […]
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