चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2023) में आए 3,233 सूचीबद्ध कंपनियों के नतीजे बताते हैं कि खपत अभी भी कम है लेकिन सुधार के कुछ संकेत हैं और कॉर्पोरेट निवेश में सुधार हो रहा है। विशुद्ध बिक्री में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में केवल सात फीसदी का इजाफा हुआ है और यह मुद्रास्फीति से मामूली रूप से अधिक है।
कर पश्चात लाभ और परिचालन लाभ या एबिटा (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और ऋण परिशोधन के पहले की कमाई) में इस दौरान क्रमश: 24.5 फीसदी और 26 फीसदी का इजाफा हुआ। परिचालन मुनाफा मार्जिन में भी इजाफा हुआ। अन्य आय में भी करीब 25 फीसदी का इजाफा हुआ है जो टिकाऊ भी हो अथवा नहीं।
मौद्रिक सख्ती का भी स्पष्ट असर नजर आया है और ब्याज की लागत सालाना आधार पर 33 फीसदी और तिमाही आधार पर 5 फीसदी बढ़ी है। बैंकों के ऋण में सालाना आधार पर 30 फीसदी और तिमाही आधार पर 4.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। उन्होंने शुल्क आधारित आय में भी 38 फीसदी वृद्धि प्राप्त की है।
ऋण की लागत भी सालाना आधार पर 45 फीसदी और तिमाही आधार पर 6 फीसदी बढ़ी और लाभ 17 फीसदी बढ़ा। गैर बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र को रिजर्व बैंक के उस निर्णय से झटका लगा है जिसमें उसने असुरक्षित ऋण का जोखिम भार बढ़ाने को कहा है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ब्याज लागत भी 27 फीसदी बढ़ी है जबकि उन्होंने मुनाफे में 17 फीसदी वृद्धि की घोषणा की है।
तेल खनन क्षेत्र का मुनाफा सालाना आधार पर 8 फीसदी कम हुआ जबकि तिमाही आधार पर इसमें 19 फीसदी की कमी आई। कच्चे तेल की कीमतों में कमी आई और अप्रत्याशित लाभ पर कर ने कर पश्चात लाभ को सीमित किया। रिफाइनरी का मुनाफा सालाना आधार पर 65 फीसदी बढ़ा लेकिन तिमाही आधार पर इसमें 33 फीसदी की गिरावट आई।
अस्थिरता भरे तेल एवं गैस क्षेत्र अथवा वित्तीय क्षेत्र को छोड़ दिया जाए तो अन्य क्षेत्रों की शुद्ध बिक्री में कुल मिलाकर 5 फीसदी का इजाफा हुआ और एबिटा में 20 फीसदी का इजाफा हुआ। कर पश्चात लाभ में 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
एकबारगी असाधारण वस्तुओं के लिए समायोजित करने के बाद कर पश्चात लाभ में वृद्धि 28 फीसदी रहती है जो कि काफी प्रभावशाली है। परिचालन मार्जिन 18.5 फीसदी के साथ 0.50 फीसदी अधिक रहा।
बेहतर बड़ी खपत का एक संकेत यह है कि वाहन क्षेत्र की बिक्री में 20 फीसदी इजाफा हुआ है और इस दौरान कर पश्चात लाभ में 57 फीसदी इजाफा हुआ। बढ़े मुनाफे में एक योगदानकर्ता टाटा मोटर्स है जहां कर पश्चात लाभ में मुख्य वृद्धि विदेशी बाजारों में जगुआर लैंडरोवर से आई है।
बहरहाल मारुति, हीरो होंडा, बजाज ऑटो, टीवीएस आदि सभी का प्रदर्शन अच्छा रहा। दोपहिया वाहनों और छोटी कारों का कारोबार बताता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मांग बढ़ी है। त्योहारी मौसम की रियायतों ने भी इसे गति प्रदान की है। दैनिक उपयोग की उपभोक्ता वस्तुओं में दैनिक खपत स्थिर रही। तीसरी तिमाही में इसकी बिक्री केवल 6 फीसदी बढ़ी जबकि कर पश्चात लाभ 3 फीसदी बढ़ा।
पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के राजस्व में भी 14 फीसदी की वृद्धि हुई और कर पश्चात लाभ 55 फीसदी बढ़ा। इससे अनुमान लगता है कि कॉर्पोरेट पूंजी निवेश वापस आ रहा है। सॉफ्टवेयर उद्योग की वैश्विक निर्यात वृद्धि में कमजोरी जारी है।
बिक्री में चार फीसदी का इजाफा हुआ जबकि कर पश्चात लाभ स्थिर मुद्रा के संदर्भ में एक फीसदी बढ़ा। निर्यात में अहम योगदान करने वाले फार्मा उद्योग का प्रदर्शन बेहतर रहा और उसकी बिक्री 10 फीसदी तथा मुनाफा 29 फीसदी बढ़ा।
अधोसंरचना के लिए जरूरी कच्चे माल वाले क्षेत्रों में सीमेंट अधिशेष क्षमता वाला है जबकि इस्पात और गैर लौह धातुओं मसलन एल्युमीनियम और तांबे की घरेलू मांग बेहतर है। इससे कमजोर वैश्विक कीमतों की भरपाई हो रही है। ऐसे संकेत हैं कि वैश्विक जिंस चक्र अपने निचले स्तर पर जा रहा है।