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चेन्नई में अगली पीढ़ी का इंजन बनाएगी फोर्ड, 2029 से शुरू होगा उत्पादन

फोर्ड चेन्नई के समीप मराइमलाई नगर के अपने कारखाने को 2029 से शुरू कर सकती है जिसकी उत्पादन क्षमता सालाना 2,35,000 इंजन की होगी।

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शाइन जेकब   
Last Updated- October 31, 2025 | 11:47 PM IST

अमेरिकी वाहन विमिर्नाता फोर्ड ने आज कहा कि वह चेन्नई के समीप अपने कारखाने में इंजन (पावरट्रेन) बनाने की सुविधा पर 3,250 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। फोर्ड अगली पीढ़ी के इंजनों पर ध्यान दे रही है और ताजा घोषणा इसी दिशा में कदम है। अमेरिका के बाहर फोर्ड का यह पहला पावरट्रेन विनिर्माण कारखाना होगा।

फोर्ड चेन्नई के समीप मराइमलाई नगर के अपने कारखाने को 2029 से शुरू कर सकती है जिसकी उत्पादन क्षमता सालाना 2,35,000 इंजन की होगी। सितंबर 2024 में हस्ताक्षरित आशय पत्र के आधार पर फोर्ड और तमिलनाडु सरकार ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें कंपनी की योजनाओं के लिए भारत की विनिर्माण क्षमता का लाभ उठाने की रणनीति के बारे में बताया गया।

फोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन से भी मुलाकात की। कारखाने में बनने वाले पावरट्रेन का उपयोग संभवतः दक्षिण पूर्व एशियाई बाजार में निर्यात वाले इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में किया जाएगा। चेन्नई कारखाने में बनने वाले इंजनों तथा निर्यात बाजारों के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है और उत्पादन शुरू होने के समय इसे बताया जाएगा।

फोर्ड मोटर कंपनी के अंतरराष्ट्रीय बाजार समूह के प्रेसिडेंट जेफ मैरेंटिक ने कहा, ‘हमें अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाते हुए और फोर्ड के विनिर्माण नेटवर्क में चेन्नई संयंत्र की महत्त्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करते हुए खुशी हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में तमिलनाडु सरकार के निरंतर सहयोग के लिए आभारी हैं। यह निर्णय भविष्य के उत्पादों के लिए भारत की विनिर्माण क्षमता का लाभ उठाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।’

तमिलनाडु के उद्योग मंत्री टी आर बी राजा ने कहा, ‘चेन्नई में विनिर्माण शुरू करने का फोर्ड का निर्णय तमिलनाडु के वाहन क्षेत्र को और अधिक ताकत देगा। इससे राज्य के मजबूत विनिर्माण तंत्र, अत्यधिक कुशल कार्यबल और उत्कृष्ट निवेशक सुविधा भी जाहिर होती है।’

फोर्ड के मराइमलाई नगर कारखाने में अगस्त 2022 से ही उत्पादन बंद है। यह चेन्नई और एन्नोर बंदरगाहों के पास और बेंगलूरु से 320 किलोमीटर दूर है।

भारत में कंपनी की वृद्धि उम्मीद के अनुरूप नहीं रहने से फोर्ड ने 2021 में यहां से निकलने का निर्णय किया था क्योंकि उसे एक दशक में लगभग 2 अरब डॉलर का घाटा हुआ था। उस समय देश के यात्री वाहन बाजार में उसकी हिस्सेदारी 2 फीसदी से भी कम थी।

राजा ने कहा, ‘यह मौजूदा फोर्ड कारखाने में उत्पादन की शुरुआत नहीं है बल्कि यह राज्य द्वारा अगली पीढ़ी के इंजनों के उत्पादन के साथ वाहन उद्योग के भविष्य की ओर एक और कदम है। हम यहां फोर्ड के परिचालन में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’इस कारखाने में निवेश से वाहन उद्योग में परोक्ष रोजगार के अलावा 600 से ज्यादा नौकरियां सृजित होने की उम्मीद है। फोर्ड की तमिलनाडु में स्थित वैश्विक व्यावसायिक परिचालन इकाई में 12,000 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। तमिलनाडु सरकार ने जून 2023 में कारखाने को दोबारा शुरू करने के बारे में बातचीत शुरू की थी और कई निवेशकों ने इसके अधिग्रहण में रुचि दिखाई थी।

जुलाई 2024 में राजा ने मिशिगन में डेट्रॉयट के पास डियरबॉर्न में फोर्ड के मुख्य कारखाने का दौरा किया और फोर्ड के आला अधिकारियों से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि इस बैठक के बाद कंपनी ने तमिलनाडु लौटने का फैसला किया। फोर्ड ने कहा कि वह अभी भी भारत में 10 लाख ग्राहकों को सेवा देती है, जिसमें सेवा, कलपुर्जे और वारंटी सहायता शामिल है।

First Published : October 31, 2025 | 11:37 PM IST