भारत के कर कानून वरिष्ठ नागरिकों को कई तरह के फायदे देते हैं। कर बचाने के मकसद से निवेश करते समय (जिसकी आखिरी तारीख 31 मार्च होती है) और आयकर रिटर्न दाखिल करते समय बुजुर्गों को इन फायदों के बारे में पता होना चाहिए।
विक्टोरियम लीगलिस – एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर आदित्य चोपड़ा कहते हैं, ‘वरिष्ठ नागरिकों के पास अक्सर आय का कोई नियमित जरिया नहीं होता और हो सकता है कि उन्हें जीने के लिए अपनी बचत पर ही निर्भर रहना पड़े। यह समझते हुए रिटायरमेंट के बाद उन पर वित्तीय बोझ कम करने के मकसद से सरकार बुजुर्गों को कई तरह के फायदे मुहैया कराती है।’
आयकर अधिनियम के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक भारत का वह नागरिक है, जिसकी उम्र किसी विशेष वित्त वर्ष में 60 साल या उससे अधिक हो मगर 80 साल से कम हो। वित्त वर्ष में 80 साल या उससे अधिक उम्र वाले भारतीय नागरिक अति वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में रखे जाते हैं।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा बताते हैं, ‘किसी व्यक्ति की उम्र यदि किसी वित्त वर्ष के आखिरी दिन 60 या 80 साल होती है तो भी उसे वित्त वर्ष के लिए वरिष्ठ या अति वरिष्ठ नागरिक मान लिया जाएगा।’
वरिष्ठ नागरिकों को कर के मामले में जो खास फायदे दिए जा रहे हैं, उनका उन्हें जमकर फायदा उठाना चाहिए। चोपड़ा समझाते हैं, ‘भारत में बुजुर्गों के लिए मूल छूट की सीमा अधिक होती है और इलाज तथा बीमा प्रीमियम जैसे कुछ खास खर्चों पर उन्हें अलग से कर में कमी का फायदा भी मिलता है।’
वरिष्ठ नागरिकों को अग्रिम कर भी नहीं चुकाना पड़ता। सुराणा बताते हैं, ’60 साल या अधिक उम्र के नागरिकों को अग्रिम कर नहीं चुकाना पड़ता बशर्ते ‘कारोबार या व्यवसाय से मुनाफे’ के मद में उन्हें किसी तरह की आय नहीं हो रही हो।’
वरिष्ठ नागरिक योजना में एकमुश्त निवेश: सिंघानिया ऐंड कंपनी एलएलपी में को-लीडर केशव सिंघानिया की राय है कि वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) की मौजूदा सीमा 15 लाख रुपये (अगले वित्त वर्ष से 30 लाख रुपये सालाना) एक साथ निवेश करने से बुजुर्गों को केवल एक वित्त वर्ष में कर बचत का फायदा मिलेगा। इसी रकम को कई टुकड़ों में निवेश करने से कई साल तक कर का फायदा मिल सकता है।
वय वंदना योजना में निवेश टालना: प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में जल्द से जल्द निवेश कर डालें। सिंघानिया की राय है, ‘बुजुर्गों को प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश करने पर 7.4 फीसदी का निश्चित रिटर्न मिलता है। अगर सरकार आगे नहीं बढ़ाए तो यह फायदा 31 मार्च, 2023 को खत्म होना है।’
कई वरिष्ठ नागरिक निवेश करते समय कुछ ज्यादा ही सतर्क हो जाते हैं। चोपड़ा समझाते हैं, ‘कर बचाना है तो वरिष्ठ नागरिक बचत योजना और राष्ट्रीय बचत पत्र जैसी पारंपरिक कर बचत योजनाओं के साथ म्युचुअल फंड, बीमा पॉलिसी और स्वास्थ्य बीमा जैसे दूसरे विकल्प भी खंगालिए।’
बुजुर्गों के पास आय के कई स्रोत हो सकते हैं जैसे किराया, ब्याज और पेंशन। आयकर रिटर्न दाखिल करते समय उन्हें सभी की जानकारी देनी चाहिए ताकि जुर्माना न लगे और कर विभाग उनकी जांच करने भी न बैठे।
कई वरिष्ठ नागरिक निवेश से जुड़े अपने दस्तावेज संभालकर नहीं रखते। कई तो यह भी नहीं देखते कि कर बचत योजना का अतीत में किस तरह का प्रदर्शन रहा है, जिस कारण उन्हें निवेश पर अच्छा रिटर्न नहीं मिल पाता। रिटर्न दाखिल करते समय कर में अधिक से अधिक कमी का दावा करने के लिए उन्हें वित्त वर्ष में किए गए सभी खर्चों और निवेश का समुचित रिकॉर्ड रखना चाहिए।
वरिष्ठ नागरिकों को नई और पुरानी आयकर प्रणालियों के बीच अच्छी तरह तुलना करनी चाहिए और देखना चाहिए कि दोनों में उन्हें कौन-कौन सी कर कटौती तथा छूट का लाभ मिल सकता है। सिंघानिया कहते हैं, ‘कौन सी कर प्रणाली चुनी जाए, इसका फैसला हर व्यक्ति को अपनी आय और निवेश के हिसाब से करना चाहिए।’ यदि कोई वरिष्ठ नागरिक कई प्रकार की कर छूट और कर कटौती का फायदा उठाता है तो उसके लिए नई के बजाय पुरानी कर प्रणाली बेहतर हो सकती है।
कई करदाता और वरिष्ठ नागरिक कर योजना को वित्त वर्ष के अंत तक के लिए टाल देते हैं। पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलिसिटर्स कहते हैं, ‘जब 31 मार्च यानी आखिरी तारीख नजदीक आ जाती है तो घबराकर ऐसे लोग कर बचाने के चक्कर में गलत योजनाएं चुन लेते हैं या गलत फैसले कर लेते हैं।’