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किसी और का बकाया आपके कार्ड पर आए तो हरकत में आएं

बार-बार बकाया चुकाने की कॉल से घबराए नहीं, व्यवस्थित तरीके से मामले की तह तक जाएं

Last Updated- July 07, 2024 | 10:34 PM IST
Delay in credit card payment will result in higher interest! Card companies got big relief क्रेडिट कार्ड भुगतान में देर तो लगेगा ज्यादा ब्याज! कार्ड कंपनियों को मिली बड़ी राहत

दिल्ली की रहने वाली कंटेंट एडिटर 45 वर्षीय रुचिका सिंह (परिवर्तित नाम) के पास पिछले पखवाड़े से एक बहुराष्ट्रीय बैंक से लगातार मैसेज आ रहे थे कि उनके कार्ड पर रकम बकाया है। पहले वह नजरअंदाज करती रहीं, जब लगातार ऐसे मैसेज आए तो रुचिका का माथा ठनक गया, उन्होंने कभी इस बैंक के साथ लेन-देन नहीं किया था। उनका इसमें खाता भी नहीं था और न ही उन्होंने इस बैंक का क्रेडिट कार्ड लिया था।

एक और मैसेज आया, जिसमें लिखा था, ‘कार्ड पर बिल बकाया होने का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ रहा है। कृपया जल्द से जल्द बकाया भुगतान कीजिए।’ बैंक से आई इसी तरह की कॉल में रुचिका को बताया गया कि उन पर 64,000 रुपये से अधिक रकम बकाया है।

धोखाधड़ी का प्रयास तो नहीं?

रुचिका सिंह ने पहले सोचा कि ये फर्जी मैसेज हैं, जो ठगों द्वारा उनसे पैसा ऐंठने के लिए भेजे जा रहे हैं, लेकिन जब उन्होंने इस बहुराष्ट्रीय बैंक के कस्टमर केयर पर बात की तो एक रिकॉर्डेड मैसेज में उनसे पूछा गया, ‘क्या यह आपके क्रेडिट कार्ड संख्या—- पर बकाया भुगतान से संबंधित है?’ इससे उन्हें अंदाजा हो गया कि उनका फोन नंबर इस बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज है और किसी अन्य व्यक्ति के क्रेडिट कार्ड से लिंक है।

परेशान रुचिका ने बैंकिंग विशेषज्ञ से सलाह ली। बैंक से आए तमाम मैसेज देखने के बाद विशेषज्ञ ने पाया कि इनके हैडर ठीक वैसे ही थे, जैसे उनके मैसेज में दिखाई देते हैं। वह भी उसी बैंक के ग्राहक हैं। इसका मतलब यह मैसेज किसी तीसरे पक्ष द्वारा धोखाधड़ी के इरादे से नहीं भेजे गए थे।

क्रेडिट रिपोर्ट जांच लें

विशेषज्ञ ने रुचिका सिंह को अपनी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करने के लिए कहा। जब उन्होंने क्रेडिट रिपोर्ट देखी तो उनके अन्य ऋण खाते तो नजर आए, लेकिन इस एमएनसी बैंक का कार्ड कहीं दिखाई नहीं दिया। बैंकबाजार डॉटकाम के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘यह कार्ड उनकी क्रेडिट रिपोर्ट में इसलिए दिखाई नहीं दे रहा, क्योंकि यह किसी अन्य व्यक्ति के नाम, पते और आईडी नंबर पर लिया गया है।’

टेक्नोफिनो के संस्थापक सुमंत मंडल ने कहा, ‘ऐसा तो नहीं लगता यह कार्ड जारी कराने के लिए रुचिका सिंह के केवाईसी (ग्राहक से संबंधित विवरण) का गलत इस्तेमाल किया गया है। इसलिए जिस तरह बार-बार भुगतान के लिए कहा जा रहा है, यदि इसमें देर होती है तो क्रेडिट स्कोर पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।’

फोन नंबर गलत तरीके से दर्ज किया गया हो

विशेषज्ञों का कहना है कि रुचिका के पास बार-बार फोन आने का कारण यह भी हो सकता है कि बैंक में किसी ने क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन फॉर्म भरते समय उनके मोबाइल नंबर को अपने व्यक्तिगत विवरण के साथ धोखे से या जानबूझ कर किसी खास उद्देश्य से दर्ज किया हो।

सुमंत मंडल कहते हैं, ‘जब कोई व्यक्ति कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है तो बैंक ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) भेज कर फोन नंबर की जांच करता है। यदि इसके लिए ऑफलाइन यानी किसी एजेंट के जरिए आवेदन किया जाता है तो कभी-कभी नंबर को वैरीफाई नहीं किया जाता।’

मंडल कहते हैं कि सिंह को जल्द से जल्द यह मामला सुलझा लेना चाहिए। वह बताते हैं, ‘यदि वह भविष्य में इस बैंक में क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करेंगी, उसे कबूल नहीं किया जाएगा यानी उन्हें कार्ड इश्यू नहीं होगा।’ वह कहते हैं कि इस बात की संभावना तो बहुत कम है कि बैंक बकाया रकम जमा करने के लिए रुचिका पर दबाव डाले, क्योंकि नंबर के साथ उनकी केवाईसी तो है नहीं।

मामले को सुलझाया जाना आवश्यक

आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘सिंह को संबंधित बैंक को ईमेल कर सूचित करना चाहिए कि बैंक का कोई ग्राहक उनके फोन नंबर का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है। उन्हें बैंक से संबंधित कार्ड से अपने नंबर को हटाने के लिए भी कहना चाहिए। कस्टमर केयर पर बातचीत के साथ-साथ उन्हें ईमेल के जरिए मामले को आगे ले जाना चाहिए और इससे संबंधित बैंक के साथ हुए सभी संदेशों या कागजात के आदान-प्रदान को संभाल कर रखना चाहिए।’

यदि वह कस्टमर सेवा से प्राप्त जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं, तो उन्हें इस मामले को बैंक के शिकायत अधिकारी के समक्ष उठाना चाहिए।

मल्टीप्लाई के सह-संस्थापक अंकुश सेतिया कहते हैं, ‘यदि बैंक पत्राचार का 30 दिन के भीतर जवाब नहीं देता है अथवा रुचिका बैंक के जवाबों से संतुष्ट नहीं हैं तो उन्हें यह मामला बैंकिंग लोकपाल के समक्ष उठाना चाहिए। लोकपाल तक जाने की प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा सकती है।’

विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि केवाईसी विवरण के दुरुपयोग की संभावना बहुत कम है। मंडल कहते हैं, ‘यदि ऐसा पता चला कि उनके केवाईसी विवरण का गलत इस्तेमाल हुआ है तो पुलिस विभाग के साइबर क्राइम सेल में मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’

First Published - July 7, 2024 | 10:34 PM IST

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