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नियमों ने उपहार में म्युचुअल फंड देना कठिन बना दिया है

यह ध्यान रखें कि विभिन्न प्रतिभूति पर उपहार संबंधी नियम अलग हैं और उस पर कराधान भी अलग-अलग हो सकता है

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बिंदिशा सारंग   
Last Updated- March 29, 2024 | 9:38 PM IST

इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने हाल में अपने पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को कंपनी के 15 लाख शेयर उपहार में दिए जिनकी कीमत करीब 240 करोड़ रुपये है। नियामकीय खुलासे से यह जानकारी मिलती है।

आप भले ही तकनीकी क्षेत्र के अरबपति न हों लेकिन अपने परिवार के सदस्यों को कोई वित्तीय परिसंपत्ति उपहार में देना एक अच्छा विचार है, क्योंकि ऐसे उपहारों के मूल्य में समय के साथ-साथ तेजी से वृद्धि होने की संभावना होती है। मगर आपको यह ध्यान रखना होगा कि विभिन्न प्रतिभूति पर उपहार संबंधी अलग-अलग नियम लागू होते हैं और उस पर कराधान भी अलग-अलग हो सकता है।

सावधि जमा

भारत में सावधि जमा (एफडी) को परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों या दोस्तों सहित किसी भी व्यक्ति को उपहार में दिया जा सकता है। एसकेवी लॉ ऑफिसेज के सहायक नेहाल जैन ने कहा, ‘मगर नाबालिग सावधि जमा का सीधे तौर मालिक नहीं हो सकता है। ऐसे मामलों में नाबालिग के अभिभावक उस एफडी का तब तक प्रबंधन करते हैं जब तक नाबालिग वयस्क न हो जाए।’

इस स्थिति में ‘रिश्तेदार’ का तात्पर्य उपहार देने वाले व्यक्ति के पति या पत्नी, भाई या बहन, व्यक्ति के पति या पत्नी के भाई या बहन, व्यक्ति के माता-पिता के भाई या बहन, व्यक्ति के किसी भी वंशज, व्यक्ति के पति या पत्नी का कोई भी वंशज और उपरोक्त किसी भी व्यक्ति के पति या पत्नी से है।

आयकर अधिनियम की धारा 56 के अनुसार, अगर आप अपने एफडी खाते से अपने किसी रिश्तेदार के नाम पर रकम हस्तांतरित करते हैं तो वह लेनदेन उस नामित रिश्तेदार के लिए उपहार माना जाएगा। ऐसे में उस रकम हस्तांतरण या उपहार पर किसी भी तरह के कर भुगतान के लिए न तो आप और न ही आपके पति या पत्नी जिम्मेदार होंगे।

अंतरराष्ट्रीय कर वकील आदित्य रेड्डी ने कहा, ‘मगर आईटी अधिनियम की धारा 64 के अनुसार, इस प्रकार की सावधि जमा से प्राप्त ब्याज को उपहार देने वाले की कर योग्य आय में शामिल किया जाएगा। साथ ही उस पर लागू कर दरों के अनुसार कर देय होगा।’ एमबी वेल्थ फाइनैंशियल सॉल्यूशंस के संस्थापक एम. बर्वे ने कहा, ‘आप उस व्यक्ति के साथ संयुक्त रूप से एफडी शुरू कर सकते हैं जिसे आप उपहार देना चाहते हैं।’

उपहार में कोई साधारण एफडी देने के बजाय आप ऐसे एफडी पर विचार कर सकते हैं जिससे कर में बचत हो सके। ऐसे एफडी की लॉक-इन अवधि आम तौर पर पांच साल की होती है और वह आईटी अधिनियम की धारा 80सी के तहत 1.50 लाख रुपये तक की कटौती के लिए पात्र होती है। एकॉर्ड ज्यूरिस एलएलपी के पार्टनर आले रजवी ने कहा, ‘प्राप्तकर्ता के बैंक खाते में रकम हस्तांतरित करने के बाद उस खाते से कर बचत वाली एफडी बनाकर ऐसा किया जा सकता है।’

शेयर

शेयर उपहार के तौर पर परिवार के सदस्य, दोस्त या धर्मार्थ संगठन यानी किसी को भी दिया जा सकता है। बर्वे ने कहा कि आप अपने ब्रोकर के पास आवश्यक फॉर्म जमा करते हुए ऐसा कर सकते हैं। अगर उपहार जीवनसाथी, बहू या नाबालिग बच्चे को दिया जाता है तो उन शेयरों से होने वाली आय को उपहार देने वाले की आय में जोड़ दिया जाता है।

जहां तक उपहार प्राप्त करने वालों का सवाल है तो यदि उपहार किसी रिश्तेदार से प्राप्त हुआ है तो उसमें कोई कर देयता नहीं होगी। लेकिन यदि उपहार किसी गैर-रिश्तेदार से प्राप्त हुआ है और किसी वित्त वर्ष के दौरान उसका मूल्य 50,000 रुपये से अधिक है तो उपहार का पूरा मूल्य कर योग्य होगा।

रेड्डी ने कहा, ‘शेयर, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, म्युचुअल फंड आदि के उपहार का उचित बाजार मूल्य यदि 50,000 रुपये से है तो आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) के तहत प्राप्तकर्ता के लिए उस पर कर देयता होगी।’

ऐसे उपहारों पर सामान्य स्लैब दरों के अनुसार ‘अन्य स्रोतों से आय’ श्रेणी के तहत कर लगाया जाता है। रजवी ने कहा, ‘उपहार में दिए गए शेयरों का मूल्य निर्धारित करने के लिए उपहार देने की तारीख पर उनके उचित बाजार मूल्य पर विचार किया जाता है।’ उपहार में दिए गए शेयरों से प्राप्त किसी भी लाभांश पर भी प्राप्तकर्ता की कर देयता बनती है।

अगर शेयरों को बेच दिया जाता है तो भी प्राप्तकर्ता कर देयता के लिए जिम्मेदार होता है। जैन ने कहा, ‘उपहार में दिए गए शेयरों की बिक्री से प्राप्त लाभ पर पूंजीगत लाभ कर लागू होता है।’

म्युचुअल फंड

नियमों ने म्युचुअल फंड को उपहार देना कठिन बना दिया है। मगर कुछ तरीकों से नाबालिगों को म्युचुअल फंड उपहार में दिया जा सकता है। पहला, आप म्युचुअल फंड यूनिट खरीदने के लिए नाबालिग के बैंक खाते में रकम हस्तांतरित कर सकते हैं। दूसरा, अभिभावक नाबालिग के साथ एक संयुक्त खाता बनाकर म्युचुअल फंड के यूनिट खरीद सकते हैं। तीसरा, नाबालिग के नाम पर निवेश करने के बजाय आप अपने नाम पर निवेश करते हुए नाबालिग को नामित कर सकते हैं।

बहरहाल, पहले यह सुनिश्चित करें कि उपहार देते या प्राप्त करते समय आप कानून का अनुपालन करें। बर्वे ने कहा, ‘आप उपहार के लिए डीड बना सकते हैं ताकि कर अधिकारियों के समक्ष उस लेनदेन की पुष्टि की जा सके।’

First Published : March 29, 2024 | 9:38 PM IST