facebookmetapixel
₹136 का यह Bank Stock बना ब्रोकरेज की पसंद, कहा- खरीद लो, 74% तक मिल सकता है रिटर्नKSH International IPO Open: ₹710 करोड़ के इश्यू में पैसा लगाना सही? जानें ब्रोकरेज की सलाहदिसंबर में भारत का फ्लैश PMI घटकर 58.9 पर, फरवरी के बाद सबसे धीमी ग्रोथरुपया पहली बार 91 के पार, महज 5 सेशन में 1% टूटा; डॉलर के मुकाबले लगातार क्यों टूट रही भारतीय करेंसीइंडसइंड बैंक में 9.5% तक हिस्सेदारी खरीदेगा HDFC Bank, रिजर्व बैंक से मिली मंजूरीICICI Pru AMC IPO: अप्लाई करने का आखिरी मौका, अब तक कितना हुआ सब्सक्राइब; GMP क्या दे रहा इशारा ?क्या ₹3 लाख प्रति किलो पहुंचेगी चांदी? एक्सपर्ट्स ने बताया- निवेशकों को क्या सावधानी बरतनी चाहिएGold silver price today: सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट, MCX पर देखें आज का भावडॉनल्ड ट्रंप ने BBC पर 40,000 करोड़ रुपये का मानहानि मुकदमा दायर कियाबायोकॉन ने नीदरलैंड में उतारी मोटोपे और डायबिटीज के इलाज की दवा

NPS : गारंटीड रिटर्न स्‍कीम की दरें हर साल होगी तय  

न्यू पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत लॉन्च किए जाने वाले  मिनिमम एश्योर्ड रिटर्न स्कीम (MARS) के लिए दरें (रेट ऑफ रिटर्न) हर साल तय होगी।

Last Updated- December 29, 2022 | 4:26 PM IST
NPS

अगले वित्तीय वर्ष की शुरुआत में पेंशन रेगुलेटर द्वारा न्यू पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत लॉन्च किए जाने वाले  मिनिमम एश्योर्ड रिटर्न स्कीम (MARS) के लिए दरें (रेट ऑफ रिटर्न) हर साल तय होगी।

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने ‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ से कहा कि इस नए  प्रोडक्ट के लिए दस साल की ‘लॉक-इन अवधि’ होगी और रेट ऑफ रिटर्न सरकार के 10 वर्षीय  बॉन्ड  को ध्यान में रखते हुए तय किया जाएगा।

उन्होंने कहा, ” इस प्रोडक्ट पर गारंटी निश्चित नहीं है, यह हर साल तय होने वाली है।” समय-समय पर बदलने वाली ब्याज दर को फ्लोटिंग रेट कहा जाता है।

उदाहरण के तौर पर गारंटी आज पांच  फीसदी  तय की गई है तो यह एक साल की अवधि के लिए वैलिड होगी और उसके बाद इसे या तो ऊपर या नीचे रीसेट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बीच में  सरकार के 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड  में ज्यादा बदलाव होता है तो PFRDA हस्तक्षेप करेगा और इसे रीसेट करेगा।

बंद्योपाध्याय ने कहा कि गारंटी सरकार के 10 वर्षीय  बॉन्ड  से कम होगी। अगर दस साल का सरकारी  बॉन्ड   7.5 फीसदी  ब्याज देता है तो 2.5 फीसदी का अंतर रखते हुए गारंटी पांच फीसदी हो सकती है।

अगर बाजार बेहतर प्रदर्शन करता है और रिटर्न की दर पांच फीसदी से ज्यादा रहती है तो यह निवेशकों को दिया जाएगा। अगर बाजार खराब प्रदर्शन करता है तो रिटर्न की दर पांच फीसदी से कम नहीं होगी और फंड मैनेजर को इस अंतर को वहन करना होगा।

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए PFRDA बीमा कंपनियों की तर्ज पर फंड मैनेजर के लिए दिवाला मानदंड पेश करेगा क्योंकि यह पहली बार है जब MARS सामने आ रहा है।

बंद्योपाध्याय ने कहा कि  यह प्रोडक्ट अगले वित्त वर्ष की शुरुआत में पेश किया जा सकता है।

First Published - December 29, 2022 | 3:29 PM IST

संबंधित पोस्ट