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NPS में हुआ बड़ा बदलाव! 100% इक्विटी, सिर्फ 15 साल में पैसा निकालें, जानें हर डिटेल

1 अक्टूबर 2025 से NPS में बड़े बदलाव हुए हैं। अब निवेशक अपनी पूरी राशि इक्विटी में लगा सकते हैं, कई स्कीम चुन सकते हैं और पहले की तुलना में जल्दी पैसा निकाल सकते हैं।

Last Updated- October 03, 2025 | 11:54 AM IST
NPS

1 अक्टूबर 2025 से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में बड़े बदलाव हुए हैं, जिससे आम निवेशकों को अपने रिटायरमेंट फंड पर ज्यादा नियंत्रण और सुविधा मिलेगी। नए नियमों के तहत अब निवेशक अपनी पूरी राशि 100% इक्विटी में लगा सकते हैं, कई अलग-अलग स्कीम विकल्प चुन सकते हैं और न्यूनतम वेस्टिंग पीरियड सिर्फ 15 साल का हो गया है। पुराने ‘कॉमन स्कीम’ वैसे ही बने रहेंगे, लेकिन अब पेंशन फंड नई स्कीम लॉन्च कर सकते हैं जिनमें मॉडरेट स्कीम (थोड़ी इक्विटी) और हाई-रिस्क स्कीम (पूरा इक्विटी) शामिल हैं। निवेशक अब एक ही PAN पर अलग-अलग पेंशन स्कीम रख सकते हैं और अपनी पूंजी को सुरक्षित और जोखिम भरे दोनों रास्तों में बांट सकते हैं।

अब NPS से कितनी जल्दी पैसा निकाला जा सकता है?

सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब NPS में बाहर निकलने के लिए पहले की तरह 60 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। नया न्यूनतम वेस्टिंग पीरियड सिर्फ 15 साल का है। इसका मतलब यह है कि युवा और मिड-कैरियर निवेशक भी अपने निवेश पर जल्दी कंट्रोल पा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर राशि निकाल सकते हैं।

100% इक्विटी विकल्प क्यों फायदेमंद हो सकता है?

100% इक्विटी विकल्प के साथ युवा निवेशक लंबी अवधि में मार्केट रिटर्न का पूरा लाभ उठा सकते हैं। हालांकि, ज्यादा इक्विटी का मतलब ज्यादा जोखिम भी है। हाई-रिस्क स्कीम उन निवेशकों के लिए है जो वोलैटिलिटी को सह सकते हैं और अधिक लाभ चाहते हैं। मल्टी-स्कीम विकल्प के जरिए निवेशक अपने फंड को अलग-अलग स्कीम में बांट सकते हैं, जैसे कि एक हिस्सा सुरक्षित स्कीम में और दूसरा हाई-इक्विटी स्कीम में। इससे निवेश का संतुलन भी बना रहता है और जोखिम कम होता है।

Value Research ने एक नोट में कहा, “100% इक्विटी विकल्प युवा निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है, जो लंबी अवधि के निवेश के साथ अधिक ग्रोथ चाहते हैं।”

यह भी पढ़ें: केंद्र सरकार के कर्मचारियों को UPS में भी NPS की तरह मिलेगी टैक्स छूट

पहले NPS में निवेश विकल्प कैसे थे और अब क्या बदला?

पहले, NPS में सदस्य एक ही एजेंसी (जैसे Protean, CAMS या KFintech) के तहत एक ही निवेश विकल्प चुन सकते थे। इसका मतलब था कि आपको सिर्फ एक ही योजना अपनानी पड़ती थी। पेंशन फंड भी हर एसेट क्लास में केवल एक ही योजना दे सकते थे।

लेकिन अब नई Multiple Scheme Framework (MSF) से यह बदल गया है। अब आपका PAN नंबर आपकी पहचान होगा और आप अलग-अलग PRAN नंबरों के साथ कई पेंशन योजनाएं रख सकते हैं, वह भी अलग-अलग एजेंसियों में।

उम्र और पेशे के हिसाब से स्कीम कैसे बदल सकती हैं?

अब पेंशन फंड अपनी नई स्कीम को निवेशक की उम्र और पेशे के हिसाब से तैयार कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, सेल्फ-एम्प्लॉयड, गिग-इकॉनमी वर्कर्स या कॉरपोरेट कर्मचारियों के लिए अलग स्कीम बनाई जा सकती हैं। इससे हर निवेशक की जरूरत के अनुसार कस्टमाइज्ड रिटायरमेंट योजना मिल सकती है।

निकासी नियम और संभावित बदलाव क्या हैं?

PFRDA ने कुछ ड्राफ्ट प्रस्ताव भी रखे हैं, जिनमें निकासी पर 80% लंप-सम की अनुमति देना, एन्यूटी हिस्से को 40% से घटाकर 20% करना और अधिकतम एंट्री उम्र बढ़ाना शामिल हैं। इन बदलावों से निवेशकों को अपनी पूंजी पर ज्यादा नियंत्रण मिलेगा और NPS अधिक फ्लेक्सिबल बन जाएगा।

निवेश करते समय किन बातों का ध्यान रखें?

हालांकि अब विकल्प ज्यादा हैं, निवेशकों को 100% इक्विटी में सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि यह नया है। अपने जोखिम, समय और वोलैटिलिटी सहने की क्षमता के अनुसार ही निवेश करें। मल्टी-स्कीम विकल्प का इस्तेमाल करके अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करना चाहिए। फाइनल नियमों पर ध्यान रखें, क्योंकि ड्राफ्ट प्रस्ताव में बदलाव हो सकते हैं। NPS लंबी अवधि का निवेश है, इसे जल्दी मुनाफा कमाने का तरीका न समझें।

First Published - October 3, 2025 | 11:54 AM IST

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