ITR-3 Form AY 2025-26: अगर आप एक इंडिविजुअल हैं या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) का हिस्सा हैं और आपका बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई होती है, तो आपके लिए अच्छी खबर है! इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए नया ITR-3 फॉर्म जारी किया है। इस फॉर्म में कई बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग अब पहले से आसान और कागजी काम कम होगा, खासकर मध्यम आय वाले लोगों के लिए। आइए, जानते हैं क्या है नया और आपके लिए इसका क्या मतलब है।
ITR-3 फॉर्म कौन भरेगा?
ITR-3 फॉर्म उन लोगों के लिए है जो:
- बिजनेस या प्रोफेशन (जैसे फ्रीलांसर, डॉक्टर, वकील, कंसल्टेंट) से कमाई करते हैं।
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) का हिस्सा हैं।
- ITR-1 या ITR-4 जैसे आसान फॉर्म भरने के लिए योग्य नहीं हैं।
ITR-3 मेंनया क्या है?
इसमें एसेट्स और लायबिलिटी बताने की लिमिट बढ़ गई है। पहले अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये से ज्यादा थी, तो आपको अपने एसेट्स (जैसे प्रॉपर्टी, बैंक बैलेंस) और लायबिलिटी (जैसे लोन) की डिटेल देनी पड़ती थी। अब यह लिमिट बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है।
आपके लिए इसका जरूरी?
- अगर आपकी आय 1 करोड़ से कम है, तो अब आपको ये डिटेल्स देने की जरूरत नहीं। इससे मध्यम आय वाले बिजनेस ओनर्स और प्रोफेशनल्स को काफी राहत मिलेगी, क्योंकि कागजी काम कम होगा।
- कैपिटल गेन्स को अलग-अलग बताना होगा
- अगर आपने प्रॉपर्टी या कोई लॉन्ग-टर्म कैपिटल एसेट (जैसे शेयर) बेचा है, तो अब आपको 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद की कमाई को अलग-अलग दिखाना होगा।
क्यों? क्योंकि बजट 2024 में नए नियम आए हैं:
- 23 जुलाई 2024 के बाद बिक्री पर 12.5% लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) बिना इंडेक्सेशन के।
- या पुराना नियम: 20% टैक्स, लेकिन इंडेक्सेशन (महंगाई के हिसाब से लागत बढ़ाने) का फायदा।
- अगर आपने 23 जुलाई 2024 से पहले प्रॉपर्टी खरीदी थी, तो आप दोनों में से जो आपके लिए फायदेमंद हो, वो चुन सकते हैं।
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डिडक्शन क्लेम करना हुआ आसान
नए फॉर्म में सेक्शन 80C, 80GG जैसे डिडक्शन्स के लिए ड्रॉपडाउन मेन्यू जोड़ा गया है। इससे टैक्स बचाने के लिए डिडक्शन क्लेम करना अब आसान और साफ-सुथरा होगा।
TDS की डिटेल सेक्शन-वाइज देनी होगी
अब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) की जानकारी को हर सेक्शन के हिसाब से अलग-अलग बताना होगा। इससे टैक्सपेयर और टैक्स डिपार्टमेंट दोनों को चीजें समझने में आसानी होगी।
ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?
AKM ग्लोबल पार्टनर-टैक्स के टैक्स एक्सपर्ट संदीप सहगल के मुताबिक, “ये बदलाव बिजनेस ओनर्स और प्रोफेशनल्स के लिए टैक्स फाइलिंग को आसान बनाते हैं। ड्रॉपडाउन मेन्यू और सेक्शन-वाइज TDS रिपोर्टिंग से पारदर्शिता बढ़ेगी और गलतियां कम होंगी।”
ये बदलाव टैक्स फाइलिंग को यूजर-फ्रेंडली बनाने और नए टैक्स नियमों (जैसे LTCG) के साथ जोड़ने की कोशिश का हिस्सा हैं।
बजट 2024 का असर: क्या ध्यान रखें?
- प्रॉपर्टी बेच रहे हैं? आपके पास अब दो ऑप्शन हैं: 12.5% टैक्स बिना इंडेक्सेशन के या 20% टैक्स इंडेक्सेशन के साथ।
- 23 जुलाई 2024 से पहले की कमाई पुराने नियमों के तहत आएगी।
- सही रिपोर्टिंग के लिए बिक्री के डॉक्यूमेंट, खरीद की लागत और तारीख की जानकारी तैयार रखें।
प्रोफेशनल्स, फ्रीलांसर और छोटे बिजनेस ओनर्स के लिए खास बातें:
- अगर आपकी आय 1 करोड़ से कम है, तो कम डिटेल्स देनी होंगी।
- कैपिटल गेन्स टैक्स पर ज्यादा कंट्रोल और साफ जानकारी।
- डिडक्शन क्लेम करने में आसानी।
- लेकिन कैपिटल गेन्स और TDS की नई डिटेल्स देने की जिम्मेदारी भी बढ़ी है।
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अब क्या करें?
FY 2024-25 (AY 2025-26) की टैक्स फाइलिंग जल्द शुरू होगी। इसलिए अभी से तैयार हो जाएं:
- अपनी आय, खर्च, निवेश और कैपिटल एसेट बिक्री की डिटेल्स इकट्ठा करें।
- अगर LTCG टैक्स के ऑप्शन्स में कन्फ्यूजन है, तो किसी टैक्स एडवाइजर से सलाह लें।
- नया ITR-3 फॉर्म आपके लिए टैक्स फाइलिंग को आसान और स्मार्ट बनाने का मौका है। बस थोड़ी सी तैयारी और सही जानकारी के साथ आप इसे आसानी से हैंडल कर सकते हैं!
(PTI के इनपुट के साथ)
First Published - May 5, 2025 | 3:16 PM IST
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