भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने जम्मू-कश्मीर के पहलगेाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों के लिए बीमा दावों में राहत देने का ऐलान किया है। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
एलआईसी ने एक बयान में कहा, “पहलगेाम में निर्दोष नागरिकों की मृत्यु पर एलआईसी गहरा शोक व्यक्त करता है।” कंपनी ने आगे कहा कि वह प्रभावित परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और बीमा दावों के निपटान की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा, ताकि पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द आर्थिक राहत मिल सके।
एलआईसी के सीईओ और एमडी सिद्धार्थ मोहंती ने कहा कि कंपनी मृतकों के परिवारों की कठिनाइयों को समझती है और इसीलिए दावे के लिए दस्तावेजों की शर्तों में ढील दी गई है।
एलआईसी अब सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज मृत्यु प्रमाण या केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा जारी किसी भी मुआवजे के प्रमाण को मृत्यु प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार करेगा।
परिजन अपने नजदीकी एलआईसी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं या सहायता के लिए निगम के हेल्पलाइन नंबर 022-68276827 पर कॉल कर सकते हैं।
एलआईसी में मृत्यु दावा प्रक्रिया पूरी तरह से ऑफलाइन होती है। यह दावा उन्हीं पॉलिसियों पर स्वीकार्य होता है, जिनकी प्रीमियम समय पर जमा की गई हो या जहां मृत्यु “ग्रेस पीरियड” के भीतर हुई हो। मृतक के निधन की सूचना मिलते ही ब्रांच ऑफिस निम्न दस्तावेजों की मांग करता है:
यदि मृत्यु, जोखिम शुरू होने या पॉलिसी के पुनर्जीवन की तारीख से तीन साल के भीतर हुई है, तो अतिरिक्त दस्तावेज भी मांगे जाते हैं:
दावे के भुगतान के लिए दावेदार से निम्न अतिरिक्त दस्तावेज मांगे जाएंगे:
एलआईसी ने कहा कि प्रभावित परिवारों को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने के लिए सभी शाखाओं को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।