इनकम टैक्स रिफंड (Tax Refund) और बकाया टैक्स के एडजेस्टमेंट से संबंधित मामलों का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए आयकर विभाग ने नए निर्देश जारी किए है। इन निर्देशों से टैक्सपेयर्स को जल्दी रिफंड मिलने में बहुत मदद मिलने की संभावना है।
आयकर विभाग ने अपने सभी प्रधान मुख्य आयुक्तों सहित अपने शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि विभाग ने टैक्सपेयर्स को लंबित रिफंड के खिलाफ बकाया कर मांगों के गलत एडजेस्टमेंट के उदाहरण देखे हैं। विभाग ने कहा कि कर मांगों के गलत वर्गीकरण के कारण ‘सही और संग्रहणीय’ या टैक्सपेयर्स द्वारा दायर शिकायतों पर अधिकारियों से प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं होने के कारण ऐसा होता है। आयकर निदेशालय (सिस्टम) के निर्देशों में कहा गया कि इससे आमतौर पर टैक्सपेयर्स और अधिकारियों के बीच खींचतान ही बढ़ती है।
कानून के तहत कर प्राधिकरण टैक्सपेयर्स को एक सूचना जारी करने के बाद बकाया मांग के कारण रिफंड को एडजेस्ट कर सकता है। बेंगलूरु में विभाग का केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (Centralized Processing Centre) टैक्सपेयर्स को सूचित करेगा और मूल्यांकन अधिकारी को इसके बारे में सूचित करेगा। टैक्सपेयर्स के पास अधिकारी को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय है। अब तक अधिकारियों के पास कर मांग को सुधारने या पुष्टि करने के लिए 30 दिन का समय था, जिसे सीपीसी को सूचित किया जाना है।
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विशेषज्ञों ने कहा कि नए निर्देशों से टैक्सपेयर्स की कठिनाइयों को हल करने में मदद मिलेगी। यह निर्देश स्पष्ट करता है कि टैक्सपेयर्स की शिकायतों का जवाब देने के लिए अधिकारी के पास अब केवल 21 दिन का समय हैं। यह सीपीसी को आवंटित अवधि से अधिक रिफंड रखने से रोकता है। एकाउंटिंग फर्म एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा, ‘इस दृष्टिकोण से टैक्सपेयर्स के सामने आने वाली कठिनाइयों का तेजी से समाधान होगा।’
आयकर विभाग टैक्स रिटर्न को तेजी से प्रोसेस करने और रिफंड जल्दी जारी करने पर फोकस कर रहा है। आधिकारिक आंकड़ें बताते है कि चालू वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक, विभाग ने रिफंड में 1.83 अरब रुपये जारी किए हैं, जो कि एक साल पहले इसी समय जारी किए गए रिफंड की तुलना में 61 फीसदी अधिक है।