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ITR refund pending: अटक गया है आपका आयकर रिफंड? उठाएं ये कदम

ITR refund pending: आयकर विभाग का लक्ष्य आईटीआर सत्यापित होने के 20 से 45 दिनों के भीतर आयकर रिटर्न प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने का होता है।

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आयुष मिश्र   
Last Updated- September 02, 2024 | 6:55 AM IST

ITR refund pending: आयकर विभाग लाखों रिटर्न का निपटारा कर रहा है। यह एक ऐसा काम है जिसे कुछ करदाताओं के लिए पूरा करने में साल 2025 के अंत तक का वक्त लग सकता है। सिंघल ऐंड कंपनी के पार्टनर और चार्टर्ड अकाउंटेंट (प्रत्यक्ष कर) अमित बंसल कहते हैं, ‘आयकर विभाग का लक्ष्य आईटीआर सत्यापित होने के 20 से 45 दिनों के भीतर आयकर रिटर्न प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने का होता है। मगर विभाग को कानूनी तौर पर भी रिटर्न को प्रोसेस करने और उचित मियाद के भीतर रिफंड जारी करना होता है। आमतौर पर यह रिटर्न दाखिल करने वाले वित्त वर्ष के खत्म होने के नौ महीने से अधिक नहीं होना चाहिए।’

बंसल ने कहा, ‘कुछ मामलों में खासकर जहां रिटर्न महत्त्वपूर्ण अथवा जटिल माना जाता है प्रोसेसिंग समय एक साल तक हो सकता है। अगर इस अवधि के बाद भी रिटर्न लंबित रहता है तो करदाताओं को आयकर अधिनियम 244 ए के अनुसार रिफंड में मिलने वाली राशि पर ब्याज मिलेगा।’

आयकर रिफंड पर ब्याज

कर रिफंड में किसी भी कारण हुई देरी पर हर महीने 0.5 फीसदी ब्याज मिलता है। कर रिटर्न के सफल प्रोसेसिंग होने के बाद आपको धारा 143(1) के तहत एक नोटिस मिलेगा, जिसमें कर रिफंड की कुल राशि सहित पूरी जानकारी दी जाएगी। मगर, यदि रिफंड धारा 143(1) के तहत तय अथवा नियमित आकलन के दौरान निर्धारित कर के 10 फीसदी से कम है तो रिफंड पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलेगा।

ऐसे स्थिति में अगर रिफंड अधिक भुगतान किए गए अग्रिम कर अथवा टीडीएस के कारण होता है तो ब्याज की गणना आकलन वर्ष के शुरू होने से लेकर रिफंड स्वीकृत होने तक की जाती है। कर अधिकारियों के निर्णय के अनुसार मिलने वाले रिफंड जैसी अन्य स्थिति में ब्याज की गणना कर भुगतान की तारीख से रिफंड देने वाली तारीख तक की जाती है।

अगर आईटीआर लंबे समय तक प्रोसेस नहीं किया जाता है तो कर दाता आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर शिकायत भी कर सकते हैं। इसके अलावा वे केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) के हेल्पलाइन पर भी संपर्क कर सकते हैं।

जो आयकरदाता 31 जुलाई तक रिटर्न नहीं दाखिल कर पाए हैं वे इस साल 31 दिसंबर तक अथवा उससे पहले विलंब शुल्क के साथ रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।

एनए शाह एसोसिएट्स एलएलपी में पार्टनर (प्रत्यक्ष कर) गोपाल बोहरा का कहना है, ‘देर से दाखिल होने वाले रिटर्न पर विलंब शुल्क के साथ जमा न हुए कर देनदारी पर धारा 234 ए और 234बी के तहत ब्याज भी देना होगा। अगर कोई करदाता विलंबित रिटर्न की समयसीमा में भी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाता है तो वह अपडेटेड रिटर्न दाखिल कर सकता है।’

ऐसे जांचें आईटीआर रिफंड

आईटीआर प्रोसेस होने की प्रक्रिया को नैशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और आयकर विभाग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

ई-फाइलिंग पोर्टल पर ऐसे चेक करें रिफंड

  • आयकर ई-फाइलिंग की वेबसाइट पर जाएं
  • अपने पैन विवरण के साथ लॉग-इन करें
  • लॉग-इन के बाद माय अकाउंट में जाएं
  • रिफंड/डिमांड स्टेटस बटन पर क्लिक करें
  • इसके बाद आपको अपने आयकर रिफंड की स्थिति के बारे में जानकारी मिलेगी, जिसमें आकलन वर्ष, मौजूदा स्थिति, रिफंड नहीं होने का कोई कारण और भुगतान की पद्धति के बारे में पूरी जानकारी शामिल रहेगी

एनएसडीएल की वेबसाइट पर ऐसे जांचे रिफंड

  • एनएसडीएल की वेबसाइट पर जाएं
  • अपने पैन विवरण के साथ लॉग-इन करें
  • मेन्यू में जिस आकलन वर्ष की रिफंड स्थिति जाननी है उसे चुनें
  • स्क्रीन पर आने वाला कैप्चा कोड भरें
  • कैप्चा डालने के बाद सबमिट करें
  • इसके बाद स्क्रीन पर आपके आईटीआर रिफंड की स्थिति के बारे में एक संदेश दिखेगा
  • प्रोसीड पर जाकर अपने रिफंड की स्थिति जांचें
First Published : September 2, 2024 | 6:55 AM IST