ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग का दौर आकलन वर्ष (AY) 2025-26 के लिए अभी जारी है। ऐसे में जिन टैक्सपेयर्स को टैक्स रिफंड मिलना है, उनके लिए सबसे अहम है कि वे अपने बैंक अकाउंट की जानकारी इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर सही तरीके से अपडेट और वैलिडेट कर लें। जरा सी गलती या अधूरी जानकारी रिफंड में हफ्तों की देरी करा सकती है।
टैक्सपेयर्स पोर्टल पर रिफंड की स्थिति भी ट्रैक कर सकते हैं।
रिफंड लेट होने की एक बड़ी वजह यह है कि कई करदाता रिटर्न को ई-वेरिफाई नहीं करते। जब तक रिटर्न ई-वेरिफाई नहीं होता, वह अधूरा माना जाता है और रिफंड जारी नहीं होता। ई-वेरिफिकेशन आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट या बैंक अकाउंट के जरिए तुरंत किया जा सकता है।
फॉरविस मजार्स इंडिया के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (डायरेक्ट टैक्स) अवनीश अरोड़ा के मुताबिक, अब रिफंड काफी तेजी से प्रोसेस होता है—कई बार कुछ ही दिनों या हफ्तों में। लेकिन फिर भी देरी की वजहें हो सकती हैं:
अरोड़ा कहते हैं, “अगर रिफंड लेट होता है तो आयकर कानून की धारा 244A के तहत टैक्सपेयर्स को ब्याज भी मिलता है। हालांकि सबसे अहम है कि फाइलिंग सही हो, क्योंकि सिस्टम तेज हुआ है लेकिन छोटी-सी गलती भी रिफंड रोक सकती है।”
इन छोटे-छोटे कदमों से करदाता कई हफ्तों की अनावश्यक देरी से बच सकते हैं।