ITR Filing: करदाता वित्त वर्ष 2023-24 यानी कर निर्धारण वर्ष 2024-25 के लिए आयकर रिटर्न कुछ जल्दी ही दाखिल कर रहे हैं। 29 अप्रैल तक 5.92 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए जा चुके थे, जिनमें से 5.38 लाख से ज्यादा सत्यापित हो गए थे और 3.67 लाख को निपटाया भी जा चुका था। रिटर्न जल्द दाखिल करने का बड़ा फायदा यह होता है कि जुर्माना भरे बगैर उसमें संशोधन करने का मौका मिल जाता है। मगर इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
रिटर्न जून के दूसरे हफ्ते या उसके बाद दाखिल कीजिए क्योंकि ज्यादातर आय जैसे वेतन, ब्याज और किराये पर अब टीडीएस लगता है। ट्रायोलीगल असोसिएट्स में पार्टनर आकर्ष गर्ग कहते हैं, ‘आपके रिटर्न से जुड़ी जानकारी दूसरी संस्थाएं भी देती हैं। इसलिए जून के पहले हफ्ते तक इंतजार कीजिए ताकि आपकी स्थायी लेखा संख्या (पैन) पर काटे गए टीडीएस की सूचना के साथ अपने आंकड़ों का मिलान करने का मौका मिल जाए।’
जिस व्यक्ति का टीडीएस कटता है, उसके पैन के साथ 31 मई तक जमा किए गए टीडीएस की जानकारी फॉर्म 26एएस और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) में दिखती है और इसके बाद ही रिटर्न में टीडीएस रिफंड का दावा किया जाता है।
अकॉर्ड ज्यूरिस एलएलपी में पार्टनर अलै रजवी समझाते हैं, ‘अगर आप 31 मई से पहले आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं तो आप टीडीएस का दावा करना भूल सकते हैं। अगर आप टीडीएस रिफंड का दावा करते हैं मगर फॉर्म 26एएस में वह नहीं चढ़ा है तो भी आपका टीडीएस खारिज किया जा सकता है और आयकर विभाग आपसे कर जमा कराने के कह सकता है। जो भी लेनदेन रिटर्न में नहीं चढ़ा होगा, आयकर विभाग उसके बारे में आपसे स्पष्टीकरण मांगेगा।’
आयकर कानूनों के अनुसार विभिन्न संस्थाओं को कुछ खास तरह के लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को वित्तीय लेनदेन के विवरण (एसएफटी) में देनी होती है। शेयरों का लेनदेन, बैंक खातों में नकद जमा और संपत्ति की खरीद इनमें शामिल होती है। वित्त वर्ष 2023-24 में हुए ऐसे लेनदेन की जानकारी देने की आखिरी तारीख भी 31 मई है।
गर्ग का सुझाव है, ‘आयकर रिटर्न से जुड़ी पूरी जानकारी अभी जुटा लें और उसे अंतिम रूप भी दे दें मगर अभी रिटर्न दाखिल नहीं करें। जून का पहला हफ्ता गुजरने के बाद आयकर पोर्टल पर मौजूद जानकारी और आंकड़ों से उसका मिलान कर लें। सब सही होने पर ही रिटर्न भरें।’
कर्मचारी को 15 जून तक अपने नियोक्ता से फॉर्म 16 मिल जाना चाहिए, जिसमें वेतन तथा टीडीएस का ब्योरा दिया होता है। करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने के लिए फॉर्म 16 का इंतजार करना चाहिए क्योंकि यह बहुत जरूरी होता है। ऐसा नहीं किया तो दिक्कतें आ सकती हैं और आयकर विभाग आपके रिटर्न की जांच भी कर सकता है।
इससे आपके रिटर्न की प्रोसेसिंग में देर हो सकती है और आप पर जुर्माने भी लग सकते हैं। फॉर्म 16 मिलने के बाद और टीडीएस का मिलान कर लेने के बाद रिटर्न दाखिल करेंगे तो बाद में संशोधन करने की जरूरत भी मुश्किल से ही पड़ेगी। रिटर्न में सुधार या संशोधन करने में वक्त लगता है और आयकर विभाग उसकी जांच भी शुरू कर देता है।
अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी रिटर्न दाखिल करने के लिए जून के दूसरे हफ्ते तक सब्र रखना चाहिए। गर्ग का कहना है, ‘चूंकि भारत में अपनी संपत्ति तथा आय पर उनका नियंत्रण बहुत कम होता है, इसलिए बेहतर यही है कि वे इंतजार करें और जून के पहले हफ्ते में आयकर पोर्टल पर दिखने वाली जानकारी से अपनी वित्तीय सूचना का मिलान कर लें।’
सरल कर ढांचे वाले वेतनभोगी: अगर आप वेतनभोगी हैं और उसके अलावा आपकी कोई करयोग्य आय नहीं है तो मई में ही रिटर्न भर डालिए। सिंघानिया ऐंड कंपनी में पार्टनर अमित बंसल कहते हैं, ‘अगर आपकी आय का केवल एक स्रोत (वेतन) है, मामूली कटौती होती है और कोई दूसरा पेचीदा वित्तीय लेनदेन नहीं है तो जल्दी रिटर्न दाखिल करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। कर के ढांचे में कोई पेच नहीं होने के कारण आपको कर बचाने की योजना बनाने या कागजात का मिलान करने में अलग से वक्त नहीं खपाना पड़ता।’
कर रिफंड की प्रतीक्षा कर रहे लोग: अगर आपका रिफंड बन रहा है तो आयकर रिटर्न जल्दी दाखिल करने पर रिफंड भी जल्दी प्रोसेस किया जाएगा। मगर ऐसे लोगों को भी अगर कई स्रोतों से आय होती है या जटिल वित्तीय लेनदेन हैं तो उन्हें जल्दी रिटर्न दाखिल करने से पहले बार-बार सोच लेना चाहिए।
यात्रा कर रहे या कहीं बस रहे करदाता: यदि रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख के आसपास आपकी यात्रा करने या विदेश में बसने की योजना है तो आपको रिटर्न जल्दी दाखिल कर देना चाहिए। बंसल कहते हैं कि इससे आपको सुकून मिलेगा और अगर आपके पास कर से जुड़े कागजात इकट्ठे करने या कर पेशेवर से मिलने का वक्त नहीं है तो आखिरी समय की भागदौड़ से भी आपको मुक्ति मिल जाएगी।
कुल मिलाकर रिटर्न को आखिरी तारीख यानी 31 जुलाई से काफी पहले दाखिल करना तो अच्छी बात है क्योंकि आपको आखिरी समय की हड़बड़ी और जुर्माने से बचने का मौका मिल जाता है। मगर रिटर्न दाखिल करने से पहले सभी जरूरी कागजात खास तौर पर फॉर्म 16 आने तक इंतजार करना भी जरूरी है ताकि आप रिटर्न में आय और कर की सही जानकारी ही भरें।