आपका पैसा

ITR Filing 2025: सीनियर सिटीजन्स को बड़ी राहत! जानें कहां-कहां मिल सकती है टैक्स से छूट

ITR Filing AY 2025-26: हमारे देश में सीनियर सिटीजन्स के लिए इनकम टैक्स में कई छूट और कटौतियां हैं, जो उनकी टैक्स देनदारी को कम कर सकती हैं।

Published by
ऋषभ राज   
Last Updated- June 13, 2025 | 4:13 PM IST

Income Tax Return Filing 2025: भारत में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना हर टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी है। लेकिन कई बार ऐसा देखा जाता है कि लोगों को इनकम टैक्स फाइल करना एक बड़ा जटिल काम लगता है। खासकर बात अगर सीनियर सिटीजन्स की आती है तो यह उनके लिए और ज्यादा मुश्किल हो जाता है। अधिकतर सीनियर सिटीजन्स अपनी मेहनत की कमाई, पेंशन और अन्य सोर्स से मिलने वाले आय पर निर्भर होते हैं, इसलिए उनके लिए टैक्स नियमों को समझना और उनका फायदा उठाना और अधिक जरूरी हो जाता है। वित्त वर्ष 25 (AY26) के लिए अभी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने का दौर चल रहा है और इसकी अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। बता दें कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सीनियर सिटीजन्स को कई तरह की छूट और कटौती दे रखी है, जो उनकी टैक्स देनदारी को कम कर सकती हैं। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि सीनियर सिटीजन्स को इनकम टैक्स में क्या-क्या छूट और कटौतियां मिलती हैं।

सीनियर सिटीजन्स किन्हें माना जाता है?

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के मुताबिक, 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोग सीनियर सिटीजन्स कहलाते हैं। वहीं, 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वाले लोग सुपर सीनियर सिटीजन्स की कैटेगरी में रखा गया है। दोनों के लिए टैक्स नियमों में कुछ खास छूट और लाभ दिए गए हैं, जो उनकी उम्र और आय के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।

ओल्ड टैक्स रिजीम में बेसिक छूट की सीमा

ओल्ड टैक्स रिजीम में सीनियर सिटीजन्स के लिए बेसिक छूट की सीमा सामान्य टैक्सपेयर्स से ज्यादा है। अगर आपकी उम्र 60 साल या उससे ज्यादा लेकिन 80 साल से कम है, तो आपकी सालाना आय 3 लाख रुपये तक टैक्स-फ्री है। यानी, अगर आपकी कुल आय इस सीमा से कम या बराबर है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, सुपर सीनियर सिटीजन्स, यानी 80 साल या उससे ज्यादा उम्र वालों के लिए यह छूट सीमा 5 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि अगर उनकी आय 5 लाख रुपये तक है, तो उन्हें किसी भी प्रकार का टैक्स देने की जरूरत नहीं होगी।

न्यूज टैक्स रिजीम में सभी के लिए छूट की मूल सीमा 3 लाख रुपये है, लेकिन इसमें सीनियर सिटीजन्स को ओल्ड रिजीम जितनी अतिरिक्त कटौती नहीं मिलती। इसलिए, ज्यादातर सीनियर सिटीजन्स ओल्ड रिजीम को चुनते हैं, क्योंकि यह उनके लिए ज्यादा फायदेमंद होता है।

Also Read: ITR Filing 2025: AIS से टैक्सपेयर के ट्रांजैक्शन की मिलेगी पूरी डिटेल, इनकम टैक्स पोर्टल से ऐसे करें डाउनलोड

पेंशन वालों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन

पेंशन सीनियर सिटीजन्स के लिए आय का एक बड़ा जरिया होती है। ओल्ड टैक्स रिजीम में पेंशनर्स को 50,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है। लेकिन न्यूज टैक्स रिजीम में यह डिडक्शन बढ़ाकर 75,000 रुपये कर दिया गया है, जो सीनियर सिटीजन्स के लिए एक राहत की बात है। अगर आप फैमिली पेंशन ले रहे हैं, तो आपको 25,000 रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिल सकता है, जो पहले 15,000 रुपये था। इसका मतलब है कि आपकी पेंशन से होने वाली आय पर टैक्स देने से पहले इस राशि को कम कर लिया जाता है।

सेक्शन 80C: निवेश पर कटौती

ओल्ड टैक्स रिजीम में सीनियर सिटीजन्स सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS), टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) जैसे निवेश शामिल हैं। उदाहरण के लिए, अगर आपने PPF में 1 लाख रुपये और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम में 50,000 रुपये का निवेश किया है, तो आप अपनी टैक्सेबल आय से 1.5 लाख रुपये तक कम कर सकते हैं। लेकिन ध्यान दें, न्यू टैक्स रिजीम में सेक्शन 80C के तहत कोई कटौती नहीं मिलती।

इसके अलावा, अब ITR फाइल करते समय आपको पॉलिसी नंबर या निवेश की रसीद जैसे निवेशों के सबूत जमा करने होंगे। यह नियम वित्त वर्ष 2024-25 के लिए लागू हुआ है, ताकि गलत दावों को रोका जा सके।

सेक्शन 80D: हेल्थ इंश्योरेंस पर राहत

हेल्थकेयर सीनियर सिटीजन्स के लिए एक बड़ा खर्च होता है। सेक्शन 80D के तहत, सीनियर सिटीजन्स अपने और अपने परिवार के लिए हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर वे अपने माता-पिता, जो सीनियर सिटीजन्स हैं, के लिए प्रीमियम भरते हैं, तो अतिरिक्त 50,000 रुपये की कटौती मिल सकती है। यानी, कुल मिलाकर 1 लाख रुपये तक की कटौती संभव है। हालांकि, यह सुविधा भी केवल ओल्ड टैक्स रिजीम में उपलब्ध है।

सेक्शन 80TTB: ब्याज से मिलने वाली आय पर छूट

सीनियर सिटीजन्स अक्सर अपनी बचत को फिक्स्ड डिपॉजिट, सेविंग्स अकाउंट या पोस्ट ऑफिस स्कीम में रखते हैं, जिनसे उन्हें ब्याज के रूप में कमाई होती है। सेक्शन 80TTB के तहत, सीनियर सिटीजन्स को बैंकों, पोस्ट ऑफिस या को-ऑपरेटिव सोसाइटी से मिलने वाले ब्याज पर 50,000 रुपये तक की कटौती मिलती है। इसमें सेविंग्स अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) से मिलने वाला ब्याज शामिल है।

उदाहरण के लिए, अगर किसी सीनियर सिटीजन को अपने फिक्स्ड डिपॉजिट से 60,000 रुपये का ब्याज मिलता है, तो वे 50,000 रुपये की कटौती का दावा कर सकते हैं, और केवल 10,000 रुपये पर टैक्स देना होगा। यह सुविधा भी केवल ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलती है।

Also Read: Form 16B vs Form 16C: दोनों में क्या है फर्क? ITR फाइल करने से पहले जानें कब कौन-सा फॉर्म चुने

सेक्शन 194P: 75 साल से ऊपर वालों के लिए खास राहत

75 साल या उससे ज्यादा उम्र के सीनियर सिटीजन्स के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सेक्शन 194P के तहत एक खास छूट दी है। अगर उनकी आय केवल पेंशन और ब्याज से है, और यह आय किसी एक बैंक से आती है, तो उन्हें ITR फाइल करने की जरूरत नहीं पड़ती। इस मामले में बैंक ही टैक्स की गणना करके TDS काट लेता है, और सीनियर सिटीजन को रिटर्न फाइल करने का झंझट नहीं उठाना पड़ता। यह सुविधा उन बुजुर्गों के लिए बहुत मददगार है, जो टैक्स फाइलिंग की प्रक्रिया को जटिल मानते हैं।

ITR फॉर्म चुनने का सही तरीका

सीनियर सिटीजन्स को ITR फाइल करते समय सही फॉर्म चुनना बहुत जरूरी है, वरना रिटर्न डिफेक्टिव हो सकता है। अगर आपकी आय 50 लाख रुपये से कम है और यह पेंशन, ब्याज या एक मकान से किराए से आती है, तो आप ITR-1 (सहज) फॉर्म इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपकी आय प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स या दूसरे सोर्स से है, तो ITR-2 फॉर्म सही रहेगा। वहीं, अगर आप बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई करते हैं, तो ITR-3 या ITR-4 फॉर्म चुनना होगा।

नया नियम: अब डॉक्यूमेंट्स दिखाना जरूरी

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR फाइलिंग में कुछ नए नियम लागू हुए हैं। अब ओल्ड टैक्स रिजीम में कटौती का दावा करने के लिए आपको सबूत देना होगा। जैसे, सेक्शन 80C के तहत निवेश का प्रमाण, HRA के लिए किराए की रसीद या होम लोन के ब्याज का सर्टिफिकेट। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-1 और ITR-4 फॉर्म में नए वैलिडेशन रूल्स जोड़े हैं, ताकि गलत दावों को रोका जा सके। इसलिए, फाइलिंग से पहले सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें।

First Published : June 13, 2025 | 4:13 PM IST