ITR Filing 2025: आज 15 सितंबर 2025 है और ये आखिरी दिन है जब बिना किसी पेनल्टी के आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल कर सकते हैं। इस साल ITR फाइल करने के लिए टैक्सपेयर्स को पहले ही अतिरिक्त समय मिल चुका है, इसलिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने साफ कर दिया है कि कोई एक्सटेंशन नहीं मिलेगा। लाखों लोग अभी भी वेबसाइट पर ट्राई कर रहे हैं, लेकिन साइट पर हाई ट्रैफिक की वजह से कभी-कभी हैंग हो जा रही है, जिसकी वजह से रिटर्न फाइल करने में दिक्कत आ रही है। अगर आप लास्ट मिनट फाइलर हैं, तो घबराएं नहीं, बस जल्दी से स्टेप्स फॉलो करें। डिपार्टमेंट 24×7 हेल्पलाइन चला रहा है, जहां फोन, चैट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के जरिए टैक्सपेयर्स की मदद कर रहा है।
साल 2024-25 के फाइनेंशियल ईयर के लिए, यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 का ITR 15 सितंबर 2025 तक फाइल करना जरूरी है। ये डेडलाइन जुलाई 31 से बढ़ाकर सितंबर 15 की गई थी, क्योंकि ITR फॉर्म्स में बड़े बदलाव किए गए थे और सिस्टम को अपडेट करने में टाइम लग रहा था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने मई में ये नोटिफिकेशन जारी किया था। लेकिन अब डिपार्टमेंट ने कन्फर्म कर दिया कि कोई और एक्सटेंशन नहीं होगा। अगर आप आज मिडनाइट से पहले फाइल नहीं कर पाए, तो बिलेटेड रिटर्न दिसंबर 31, 2025 तक फाइल कर सकते हैं, लेकिन उसके लिए पेनल्टी लगेगी। अभी तक करीब 6.69 करोड़ ITR फाइल हो चुके हैं, और 4 करोड़ ई-वेरिफाई हो गए हैं।
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अगर आप 15 सितंबर की डेडलाइन मिस कर देते हैं, तो सेक्शन 234F के तहत लेट फाइलिंग फीस देनी पड़ेगी। अगर आपकी इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो पेनल्टी 1,000 रुपये होगी, बशर्ते आप दिसंबर 31 से पहले फाइल करें। अगर इनकम ज्यादा है, तो ये 5,000 रुपये तक पेनल्टी देनी पड़ सकती है। सिर्फ पैसे का नुकसान ही नहीं, बल्कि रिफंड में देरी हो सकती है, क्योंकि ई-वेरिफिकेशन 30 दिनों के अंदर न करने पर रिटर्न इनवैलिड मान लिया जाता है। इसके अलावा, लेट फाइलिंग से फ्यूचर लोन या वीजा अप्लाई करने में प्रॉब्लम हो सकती है। डिपार्टमेंट कहता है कि टाइम पर फाइल करने से रिफंड जल्दी मिलता है और स्ट्रेस कम रहता है। अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेजा हो, तो उसे भी डेडलाइन में ही हैंडल करें।
फाइलिंग का सबसे आसान तरीका ई-फाइलिंग पोर्टल है। अपना पैन और पासवर्ड से लॉगिन करें, असेसमेंट ईयर 2025-26 सिलेक्ट करें और ऑनलाइन मोड चुनें। अगर आपकी इनकम सैलरी, पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी, एग्रीकल्चरल इनकम (5,000 तक) या अन्य सोर्स जैसे बैंक इंटरेस्ट से है, तो ITR-1 या ITR-4 यूज करें। ITR-4 उन लोगों के लिए है जिनकी इनकम 50 लाख तक है और बिजनेस प्रॉफिट प्रेसम्प्टिव बेसिस पर कैलकुलेट होता है, या लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख तक। फॉर्म चुनने के बाद डिटेल्स भरें, Form 16 और 26AS चेक करें और आधार OTP, EVC, नेट बैंकिंग या फिजिकल कॉपी से ई-वेरिफाई करें । अगर प्रॉब्लम हो, तो हेल्पडेस्क पर कॉल करें। रेसिडेंट इंडिविजुअल्स को सैलरी, बिजनेस प्रॉफिट, प्रॉपर्टी सेल, कैपिटल गेन, इंटरेस्ट और डिविडेंड सब रिपोर्ट करना पड़ता है।