आपका पैसा

आपने भी चुना Old tax regime, तो जानें आखिरी समय में क्या हैं टैक्स-सेविंग्स ऑप्शन्स

अंतिम समय में आयकर बचत के विकल्प तलाश रहे हैं तो ईएलएसएस फंड, पीपीएफ, एनपीएस और फिक्स्ड डिपॉजिट और 80सी के तहत कुछ लोकप्रिय विकल्प अपना सकते हैं।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 22, 2024 | 1:19 PM IST

आयकर विभाग संबंधित वर्ष के दौरान किए गए कुछ निवेशों पर छूट और कटौती की अनुमति देता है। अब वित्तीय वर्ष समाप्त होने वाला है इसलिए टैक्सपेयर्स को वित्त वर्ष 2024-25 के आयकर रिटर्न में छूट क्लेम करने के लिए मार्च से पहले निवेश करने की आवश्यकता है।

अगर आप भी अंतिम समय में आयकर बचत के विकल्प तलाश रहे हैं तो ईएलएसएस फंड, पीपीएफ, एनपीएस और फिक्स्ड डिपॉजिट और 80सी के तहत कुछ लोकप्रिय विकल्प अपना सकते हैं।

यदि आप टैक्स सेविंग निवेश करना चाहते हैं, तो शुरुआत में आवश्यक निवेश राशि निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। कर्मचारी भविष्य निधि, जीवन बीमा प्रीमियम, ट्यूशन फीस, गृह ऋण मूलधन भुगतान आदि जैसे तरीकों पर विचार करें, क्योंकि ये धारा 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक की कटौती दिला सकते हैं।

धारा 80 सी (पीपीएफ, बैंक एफडी, ईएलएसएस)
अपने मौजूदा टैक्स सेविंग खर्चों का मूल्यांकन करें जो 80सी के अंतर्गत आते हैं, जैसे बीमा प्रीमियम, बच्चों की ट्यूशन फीस, ईपीएफ योगदान और होम लोन रिपेमेंट।
ईएलएसएस फंड, पीपीएफ, एनपीएस और फिक्स्ड डिपॉजिट धारा 80सी के तहत कुछ लोकप्रिय विकल्प हैं।

अन्य विकल्प (एनपीएस)
यदि आपका मौजूदा खर्च धारा 80सी के तहत पूरी ₹1.5 लाख की सीमा को कवर करता है, तो आपको धारा 80सी के तहत कर बचत के लिए अतिरिक्त धनराशि निवेश करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन अगर आपकी सीमा अभी भी बाकी है, तो धारा 80C/80CCC/80CCD के तहत आने वाले निवेश का उपयोग करें।

इसके अलावा, करदाता एनपीएस (टियर 1) में 50,000 तक का निवेश कर सकते हैं और धारा 80सीसीडी(1बी) के तहत कटौती का दावा कर सकते हैं, जो धारा 80सी के तहत स्वीकार्य ₹1.5 लाख की कटौती से अधिक है।

धारा 80D (हेल्थ इंश्योरेंस)
धारा 80डी के तहत कटौती का दावा चिकित्सा बीमा प्रीमियम का भुगतान करके या परिवार और माता-पिता के स्वास्थ्य जांच के लिए भुगतान करके किया जा सकता है (5,000 की सीमा के अधीन)

दान
जो टैक्सपेयर्स दान करना चाहते हैं, वे 31.03.2024 से पहले पात्र धर्मार्थ संगठन को दान कर सकते हैं और अधिनियम की धारा 80जी के तहत उपलब्ध कटौती (सीमा के अधीन) का दावा कर सकते हैं।

हालांकि, ध्यान देने की आवश्यकता है कि नई कर व्यवस्था ने पुरानी कर व्यवस्था के तहत उपलब्ध कटौती को समाप्त कर दिया है।

डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए विकल्प एक्सपर्ट्स की राय के आधार लिखे गए हैं। बिजनेस स्टैंडर्ड निवेशकों को सलाह देता हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से जांच कर लें।

 

First Published : February 22, 2024 | 1:19 PM IST