प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना हर टैक्सपेयर के लिए जरूरी होता है, लेकिन कई बार फॉर्म 16 और एनुअल इंफॉर्मेशन रिपोर्ट (AIS) में दी गई जानकारी आपस में नहीं मिलती है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो यह आपके लिए परेशानी का सबब बन सकता है। यह बेमेल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ध्यान आपकी ओर खींच सकता है और इसके चलते टैक्सपेयर्स को डिपार्टमेंट से नोटिस का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए विस्तार से समझते हैं कि इससे कैसे बच सकते हैं और यह क्यों होता है।
सबसे पहले समझते हैं कि फॉर्म 16 और AIS होता क्या है। फॉर्म 16 एक ऐसा सर्टिफिकेट है, जो आपका एम्पलायर आपको देता है। इसमें आपकी सैलरी और उस पर काटे गए स्रोत पर टैक्स (TDS) की पूरी जानकारी होती है। यह डॉक्यूमेंट ITR दाखिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दूसरी ओर, AIS में टैक्सपेयर्स की आय, वित्तीय लेन-देन और अन्य जरूरी जानकारियां शामिल होती हैं। टैक्सपेयर्स अपने इनकम टैक्स ई-फाइलिंग अकाउंट में लॉगिन करके AIS देख सकते हैं और जरूरत पड़ने पर उसका जवाब दे सकते हैं।
आदर्श स्थिति में फॉर्म 16 और AIS की जानकारी एक समान होनी चाहिए। लेकिन कई बार इनमें अंतर देखने को मिलता है, जिससे टैक्सपेयर्स के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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फॉर्म 16 और AIS में बेमेल होने के कई कारण हो सकते हैं। पहला, बैंक या एम्पलायर के पास गलत पैन या TAN नंबर दर्ज होना। दूसरा, TDS की जानकारी समय पर अपडेट न होना। तीसरा, जानकारी दर्ज करने के तरीके में अंतर होना। इसके अलावा, जानकारी का छूट जाना, एक वित्तीय वर्ष में कई बार नौकरी बदलना या AIS पोर्टल पर तकनीकी खराबी भी इसकी वजह हो सकती है।
उदाहरण के लिए, अगर आपके बैंक ने आपके पैन नंबर पर ब्याज आय की जानकारी दी, लेकिन आपने उसे ITR में शामिल नहीं किया, तो यह बेमेल का कारण बन सकता है।
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले अपने एम्प्लायर या पेरोल पोर्टल से फॉर्म 16 डाउनलोड करें। इसके बाद इनकम टैक्स पोर्टल से AIS डाउनलोड करें। अब दोनों डॉक्यूमेंट्स की जानकारी को ध्यान से मिलाएं। सैलरी, ब्याज से मिलने वाली आय, TDS की राशि जैसी चीजों की जांच करें। साथ ही, फॉर्म 26AS का भी इस्तेमाल करें, क्योंकि इसमें आपके पैन पर दर्ज सभी TDS की जानकारी होती है। यह तुलना करने में मदद करता है।
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अगर आपको फॉर्म 16 और AIS में कोई अंतर दिखता है, तो तुरंत कदम उठाएं। सबसे पहले अपने एम्प्लायर या संबंधित स्रोत, जैसे बैंक, को सूचित करें। उनसे इसे ठीक करने या TDS रिटर्न को ठीक करने के लिए कहें। अगर AIS में कोई गलती है, तो इनकम टैक्स पोर्टल पर ऑनलाइन फीडबैक सबमिट करें। गलत प्रविष्टि को “गलत” के रूप में चिह्नित करें और समस्या का स्पष्ट विवरण दें। इसके अलावा, यह सुनिश्चित करें कि आपका ITR पूरी तरह सही और पूर्ण जानकारी के साथ दाखिल हो।
फॉर्म 16 और AIS में बेमेल को नजरअंदाज करना जोखिम भरा हो सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग करता है, जो इस तरह के अंतर को तेजी से पकड़ लेता है। अगर ITR दाखिल करने से पहले इन गलतियों को ठीक नहीं किया गया, तो टैक्सपेयर्स को नोटिस मिल सकता है। इसलिए, पहले ही सावधानी बरतना और सही जानकारी के साथ रिटर्न दाखिल करना बेहतर है।
यह समस्या भले ही छोटी लगे, लेकिन इसका असर बड़ा हो सकता है। समय पर जांच और सुधार से टैक्सपेयर न केवल नोटिस से बच सकते हैं, बल्कि आयकर प्रक्रिया को भी आसान बना सकते हैं।