हेलमेट न पहनना भारतीय राइडर्स के लिए महंगा सौदा साबित हो रहा है। ACKO की पहली चालान रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2024 से जून 2025 के बीच जुटाए गए लाखों डेटा पॉइंट्स के आधार पर, इस दौरान 1.05 करोड़ से ज्यादा हेलमेट से जुड़े उल्लंघन दर्ज किए गए, जो कुल ट्रैफिक चालानों का 34.8% हिस्सा हैं।
साथ ही, इस रिपोर्ट में एक चिंताजनक ट्रेंड भी सामने आया है: भारत की सड़कों पर हर तीसरा राइडर बिना हेलमेट के गाड़ी चला रहा है, जिससे न सिर्फ उनकी जान को खतरा है, बल्कि उन्हें भारी जुर्माना भी भरना पड़ रहा है।
शहरों के आंकड़ों से पता चलता है कि बेंगलुरु में सबसे ज्यादा बार-बार उल्लंघन करने वाले हैं, जहां 10.8% राइडर्स के नाम 10 से ज्यादा लंबित चालान हैं। दिल्ली में सबसे ज्यादा चालान की दर रही, जहां 73% लोगों के नाम कम से कम एक चालान दर्ज है। डिजिटल निगरानी भी बढ़ रही है, खासकर बेंगलुरु में, जहां 23% चालान कैमरों और मोबाइल डिवाइस के जरिए जारी किए गए।
इसके चलते पैसे का नुकसान भी कम नहीं है। बेंगलुरु में एक राइडर ने 89 चालान के साथ 44,500 रुपये का जुर्माना जमा किया, जबकि दिल्ली में एक ड्राइवर ने पांच चालानों में 61,000 रुपये का भुगतान किया।
ACKO के वाइस प्रेसिडेंट (मोटर इंश्योरेंस) मयंक गुप्ता कहते हैं, “हर चालान सिर्फ जुर्माना नहीं है, बल्कि जिम्मेदारी से गाड़ी चलाने की याद दिलाता है। सुरक्षित ड्राइविंग की आदत से न सिर्फ जान बचाती है, बल्कि आर्थिक नुकसान से भी बचाती है।”
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रिपोर्ट में भारत के प्रमुख शहरों में ड्राइविंग व्यवहार का गहराई से विश्लेषण किया गया है:
बार-बार उल्लंघन करने वाले: बेंगलुरु इस मामले में सबसे आगे है, जहां 10.8% यूजर्स के नाम 10 से ज्यादा लंबित चालान हैं। इसके बाद चेन्नई (8.1%), दिल्ली (5.7%), मुंबई (4.8%), पुणे (3.2%), कोलकाता (2.3%), हैदराबाद (1.7%), और अहमदाबाद (1.6%) का नंबर आता है।
चालान की जांच: चेन्नई के ड्राइवर्स सबसे ज्यादा बार अपने चालान चेक करते हैं, औसतन महीने में पांच बार। इसके बाद बेंगलुरु (4.12 बार), कोलकाता (3.29 बार), अहमदाबाद (2.85 बार), और दिल्ली (2.76 बार) हैं। बेंगलुरु में अकेले 14.5 लाख चालान चेक हुए, जिसमें 61% यूजर्स के नाम कम से कम एक चालान था।
चालान की ज्यादा दर: दिल्ली में सबसे ज्यादा चालान की दर रही, जहां 73% यूजर्स के नाम कम से कम एक चालान है। इसके बाद चेन्नई (64%), मुंबई (62%), बेंगलुरु (61%), और अहमदाबाद (61%) हैं।
डिजिटल निगरानी: बेंगलुरु में डिजिटल उल्लंघनों में सबसे आगे है, जहां 23% चालान कैमरों और मोबाइल डिवाइस के जरिए जारी किए गए।
सबसे ज्यादा चालान वाले शहर: रिपोर्ट में बार-बार ट्रैफिक नियम तोड़ने के कुछ चरम मामलों का जिक्र है:
सबसे ज्यादा जुर्माना: दिल्ली में एक ड्राइवर ने पांच चालानों में 61,000 रुपये का जुर्माना भरा, जबकि एक अन्य दिल्ली यूजर ने चार चालानों में 60,500 रुपये और नोएडा के एक यूजर ने दो चालानों में 31,000 रुपये का भुगतान किया।