31 मार्च आने यानी चालू वित्त वर्ष खत्म होने में अब मुश्किल से 10 दिन बचे हैं, इसीलिए आयकर अधिनियम की धारा 80ईईबी के तहत कर बचाना हो तो आपको जल्दी करनी होगी। यह धारा 2019 के केंद्रीय बजट में लाई गई थी, जिसका मकसद इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का प्रयोग बढ़ाना है।
आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, ‘आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80ईईबी के तहत इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर वित्तीय संस्था से लिए गए कर्ज पर चुकाया ब्याज कर योग्य आय से घटा दिया जाता है। कुछ शर्तें पूरी कर दी जाएं तो इस धारा के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती का लाभ मिल सकता है।’
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के पार्टनर विवेक जालान हिसाब कर बताते हैं कि धारा 80ईईबी के तहत सालाना 47,000 रुपये के करीब कर बचाया जा सकता है।
किसे मिलेगा फायदा
हिंदू अविभाजित परिवार, असोसिएशन ऑफ पर्सन्स, पार्टनरशिप फर्म और कंपनी इस धारा के तहत लाभ का दावा कर सकते हैं। टैक्समैन में उप महाप्रबंधक नवीन वाधवा आगाह करते हैं, ‘व्यक्तिगत तौर पर (निवासी या अनिवासी) वही इस फायदे का दावा कर सकता है, जिसने ईवी खरीदने के लिए कर्ज लिया हो।’
दूसरे लाभ
कर लाभ के अलावा कुछ राज्य सरकारें भी लोगों को ईवी खरीदने के प्रोत्साहित करने के उपाय कर रही हैं। वेद जैन ऐंड एसोसिट्स के पार्टनर अंकित जैन बताते हैं, ‘महाराष्ट्र में इलेक्ट्रिक वाह मालिकों को रजिस्ट्रेशन की तारीख से पांच साल तक रोड टैक्स नहीं भरना पड़ता।’
गुजरात, दिल्ली, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना आदि की भी अपनी-अपनी ईवी नीति हैं, जिनके तहत इलेक्ट्रिक कार और दोपहिया खरीदने पर सब्सिडी दी जाती है।
हरित कर का फायदा
2021 के बजट में सरकार ने प्रदूषम कम करने के मकसद से हरित कर नीति पेश की थी। वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट का नवीनीकरण कराते समय हरित कर वसूल लिया जाता है। नवीनीकरण हर 15 साल में कराना होता है मगर ईवी पर यह कर कभी नहीं लगता।
रहे ध्यान
अन्य कटौतियों के साथ: अपने आयकर रिटर्न में इस कटौती का दावा ठीक से करें। पीएसएल एडवोकेट्स ऐंड सॉलीसिटर्स में मैनेजिंग पार्टनर संदीप बजाज समझाते हैं, ‘इसमें 1.5 लाख रुपये सालाना तक कटौती उपलब्ध होती है। आयकर अधिनियम की धारा 24 और धारा 80सी के तहत उपलब्ध कटौतियों के अलावा यह कटौती मिलती है।’
कारोबारी उद्देश्य: अगर ईवी कारोबारी मकसद से खरीदा गया है तो इस कर लाभ का दावा कुछ अलग तरीके से किया जाता है। बजाज कहते हैं, ‘ऐसी सूरत में चुकाए गए कर को कारोबारी खर्च दिखाकर कटौती का दावा करना होता है।’ जैन बताते हैं कि सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्यम (एमएसएमई) इस फायदे के साथ ही कार पर मूल्यह्रास यानी डेप्रिसिएशन का लाभ भी लेते रह सकते हैं।
कई साल तक कटौती: इससे कर में केवल एक बार बचत नहीं होती। ब्याज पर 1.5 लाख रुपये सालाना कटौती का फायदा तब तक मिलता रहता है, जब तक ईवी के लिए लिया गया कर पूरी तरह नहीं चुक जाता।
लूथरा ऐंड लूथरा लॉ ऑफिसेज में पार्टनर डेजिग्नेट मयंक अग्रवाल समझाते हैं, ‘ब्याज पर धारा 80ईईबी के तहत कटौती की इजाजत दे दी गई तो उसी या किसी अन्य कर निर्धारण वर्ष में उस ब्याज पर किसी अन्य धारा के तहत कटौती का दावा नहीं किया जा सकता।’
नई कर प्रणाली में नहीं: यह कटौती उन्हीं लोगों को मिल सकती है, जो पुरानी कर व्वस्था अपनाते हैं। वाधवा कहते हैं, ‘धारा 115बीएसी के तहत वैकल्पिक कर प्रणाली अपनाने वाले करदाता धारा 80ईईबी के तहत कटौती का दावा नहीं कर सकते।’
कम जीएसटी: पेट्रोल और डीजल वाहनों पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है मगर ईवी पर केवल 5 फीसदी जीएसटी वसूला जाता है। इसलिए जिन लोगों को ईवी के जरिये इस कार लाभ का दावा करना है, उन्हें अब जल्दी करनी होगी।
अग्रवाल कहते हैं, ‘ईवी खरीदने का सोच रहे लोग ध्यान रखें कि उनका कर्ज 31 मार्च, 2023 तक पक्के तौर पर मंजूर हो जाए। तब तक मंजूरी मिलने पर ही वे धारा 80ईईबी के तहत कर रियायत का दावा कर पाएंगे।’