कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) का सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (CBT) शुक्रवार, 28 फरवरी को बैठक करेगा। इस बैठक में भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर घटाने का फैसला हो सकता है। चालू वित्त वर्ष में EPFO के करीब 30 करोड़ सब्सक्राइबर हैं। इस मामले से जुड़े जानकारों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा कि बाजार में गिरावट और वित्त वर्ष 2025 में दावों के निपटान में वृद्धि के कारण ब्याज में कटौती किए जाने की संभावना बन रही है।
पिछले साल सीबीटी द्वारा वित्त वर्ष 2024 के लिए ब्याज दर 8.25 प्रतिशत तय की गई थी, जो सामाजिक सुरक्षा संगठन में फैसले करने वाला शीर्ष निकाय है। पिछले सप्ताह निवेश समिति और अकाउंट्स समिति की बैठक हुई थी, जिसमें ईपीएफओ की आमदनी और व्यय को लेकर चर्चा हुई, जिससे ब्याज दर को लेकर फैसला किया जा सके। यह समिति सीबीटी की बैठक में ब्याज दर का प्रस्ताव करेगी, उसके बाद बोर्ड उस दर को मंजूरी देगा।
सीबीटी में एक नियोक्ता प्रतिनिधि ने नाम न बताने का अनुरोध करते हुए कहा, ‘इस साल ब्याज दर पिछले साल की तुलना में कम रहने की संभावना है। इसकी वजह बॉन्ड यील्ड में हाल के महीनों में आई कमी है। सेवानिवृत्ति कोष निकाय के पास संभवतः किसी आपात स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त नकदी ज्यादा नहीं बचेगी, अगर उच्च ब्याज दर की घोषणा की जाती है।’
बहरहाल टीयूसीसी के राष्ट्रीय महासचिव और सीबीटी में कर्मचारियों के प्रतिनिधि शिव प्रसाद तिवारी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में निवेश पर बेहतरीन रिटर्न आया है और सबस्क्राइबरों का आधार भी बढ़ा है, जिससे संगठन को ज्यादा लाभ हुआ है। उन्होंने कहा, ‘मेरा आकलन है कि ब्याज दर पूर्ववत बनी रहेगी।’
वहीं सीबीटी से जुड़े एक अन्य ट्रेड यूनियन प्रतिनिधि ने ब्याज दर कम किए जाने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि निवेश समिति का विचार है कि आपात स्थिति से निपटने के लिए अधिशेष बनाए रखा जाना चाहिए।