दिल्ली-एनसीआर के रियल एस्टेट उद्योग के आवासीय क्षेत्र (Residential sector) में इस साल बंपर बिक्री की संभावना है। संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया के अनुसार इस साल इस बाजार में एक लाख करोड़ रुपये के मूल्य के मकान (Residential Unit) बिक सकते हैं।
पिछले साल मकानों की बिक्री 23 फीसदी बढ़कर करीब 88 हजार करोड़ रुपये दर्ज की गई। बिक्री बढ़ने से बिना बिके घरों की संख्या घटकर 15 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। साथ ही पिछले साल अब तक सबसे ज्यादा मकान बनकर तैयार हुए हैं।
2023 में कितने बनकर तैयार हुए मकान?
बीता साल मकान बनकर तैयार होने के मामले में भी काफी अच्छा साबित हुआ। 2023 में अब तक सबसे अधिक 1,64,581 मकान बनकर तैयार हुए। दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में बीते कई सालों से आ रही विभिन्न रुकावट के कारण मकान बनने में देरी हो रही थी।
जेएलएल इंडिया में वरिष्ठ निदेशक (Residential) रितेश मेहता ने कहा कि रेरा द्वारा की जा रही कार्रवाई और सरकारी कंपनियों द्वारा अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के कारण पिछले साल अब तक सबसे ज्यादा मकान बनकर तैयार हुए। इन तैयार हुए नये मकानों में नोएडा की हिस्सेदारी 57 फीसदी रही। नोएडा में ग्रेटर नोएडा भी शामिल है।
2024 में कितने बिकेंगे मकान?
संपत्ति सलाहकार फर्म जेएलएल इंडिया के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में इस साल 95 हजार रुपये से एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के 40 हजार से ज्यादा मकान बिकने की संभावना है। मकानों की इतनी ज्यादा बिक्री होने की वजह बड़ी वजह द्वारका एक्सप्रेसवे और नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसे बुनियादी ढांचे के विकास से बाजार में मकानों की आपूर्ति होना है।
2023 में कितने बिके मकान?
जेएलएल इंडिया के अनुसार साल 2023 में 87,818 करोड़ रुपये मूल्य के मकान बिके थे, जो इससे पहले के साल की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा है। पिछले साल बिके करीब 88 हजार करोड़ रुपये मूल्य के मकानों में 40,805 करोड़ रुपये मूल्य नये लॉन्च होने वाले और 3 करोड़ रुपये व इससे अधिक कीमत वाले मकान थे।
सबसे ज्यादा कहां मकान बिके?
पिछले साल बिके मकानों में सबसे ज्यादा मकान गुरुग्राम में बिके। पिछले साल गुरुग्राम में 55,390 करोड़ रुपये मूल्य के मकान बिके। जिनकी मकानों की कुल बिक्री में 63 फीसदी हिस्सेदारी रही।
गुरुग्राम के बाद 28 फीसदी हिस्सेदारी के साथ 24,944 करोड़ रुपये मूल्य के मकान नोएडा (ग्रेटर नोएडा की बिक्री भी इसी में शामिल है) में बिके। पिछले साल गाजियाबाद में 4,404 करोड़ रुपये, दिल्ली में 2,610 करोड़ रुपये और फरीदाबाद में 470 करोड़ रुपये मूल्य के मकान बिके थे।
कितनी घटी unsold inventory?
मकानों की बिक्री बढ़ने के साथ बिना बिके मकानों की संख्या (unsold inventory) में भी कमी आ रही है और यह 15 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। जेएलएल इंडिया के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के आवासीय बाजार में बिना बिके मकानों की संख्या घटकर 66,777 रह गई है। यह 2009 के बाद सबसे कम है। पिछले साल की तुलना में बिना बिके मकानों की संख्या में 19 फीसदी कमी आई है।
2023 में कितने महंगे हुए मकान?
साल 2023 में मकानों की बिक्री तेजी से बढ़ने के साथ इनकी कीमतों में भी इजाफा हुआ है। पिछले साल मकानों की कीमतों औसतन 13 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई। गुरुग्राम में मकानों के औसत दाम 27 फीसदी बढ़कर 2.95 करोड़ रुपये तक पहुंच गए। नोएडा में मकान की औसत कीमत 2022 की 1.24 करोड़ रुपये की तुलना में 2023 में बढ़कर 1.68 करोड़ रुपये हो गई। पूरे दिल्ली-एनसीआर में मकान की औसत कीमत साल 2023 में इससे पहले वाले साल की औसत कीमत 1.86 करोड़ रुपये से बढ़कर 2.29 करोड़ रुपये हो गई।