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बीएसई सेंसेक्स 50 हजार के स्तर पर, सतर्कता जरूरी

Last Updated- December 12, 2022 | 9:26 AM IST

ट्विटर बीएसई के कर्मचारियों द्वारा स्टॉक एक्सचेंज की छत पर जश्न मनाते और बैलून उड़ाने की तस्वीरों से सजा हुआ था। भारत के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई सेंसेक्स द्वारा 50,000 का निशान छूना वाकई एक महत्वपूर्ण अवसर था।
आईडीएफसी सिक्योरिटीज में रणनीति प्रमुख एवं मुख्य अर्थशास्त्री धनंजय सिन्हा ने इस तेजी को ज्यादा तरलता का परिणाम करार दिया है। वह कहते हैं, ’37-38 गुना पीई पर सेंसेक्स के लिए हमने बुलबुले के दौर को पार किया है। तरलता का घटक मौजूदा समय में ज्यादा महत्वपूर्ण है, जैसा कि मूल्यांकन से संकेत मिलता है।’
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी सौरभ मुखर्जी ने हालांकि इस तेजी को सभी क्षेत्रों में समन्वित रिकवरी का आइना करार दिया है। वह कहते हैं, ‘लोग कोविड-19 महामारी को लेकर चिंतित थे और बाजार की 35 प्रतिशत गिरावट की भरपाई हुई तो बाजार की रफ्तार और ज्यादा तेज हो गई। यह केंद्रीय बैंकों द्वारा नकदी डालने और मांग सुधरने की वजह से संभव हुआ।’
सिन्हा कहते हैं, ‘आय वृद्घि अब मूल्यांकन पर कम प्रभावी रह गई है।’ यह असमानता कुछ समय तक बरकरार रह सकती है। सिन्हा का मानना है कि यह रुझान कम से कम 12-18 महीनों तक बना रह सकता है और इसे लेकर चिंतित होने की कोई वजह नहीं है। बाजार की हरेक तेजी में फंड प्रबंधकों द्वारा मुनाफावसूली किए जाने की संभावना रहती है। एक फंड हाउस के सीआईओ ने कहा, ‘मौजूदा मुनाफावसूली बाजार द्वारा नई ऊंचाई छूते वक्त हर बार दिखने की संभावना है।’ यह निवेशकों के लिए बाजार की तेजी में समय समय पर मुनाफा कमाने के लिए भी अच्छा संकेत है।

First Published - January 21, 2021 | 11:53 PM IST

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