Jubilant Pharmova Share Price: फार्मा सेक्टर की प्रमुख कंपनियों में से एक जुबिलेंट फार्मोवा (Jubilant Pharmova) के शेयर दलाल स्ट्रीट पर चीते की रफ्तार से दौड़ लगा रहे है। शुक्रवार, 13 सितंबर को इंट्रा-डे ट्रेड में BSE पर, कंपनी के शेयर 12 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,174 रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गए। इसकी तुलना में, दोपहर 3.18 बजे बीएसई सेंसेक्स 0.06 प्रतिशत टूटकर 82,911.43 अंक पर था। जुबिलेंट फार्मोवा का 52 सप्ताह का हाई 1,228.75 रुपये है। कंपनी को पहले जुबिलेंट लाइफ साइंसेज के नाम से जाना जाता था।
जुबिलेंट फार्मोवा के शेयरों में तूफानी तेजी से निवेशक फूले नहीं समा रहे हैं। 2 सितंबर के बाद से पिछले 10 कारोबारी सत्रों में कंपनी का शेयर बीएसई पर 28 फीसदी चढ़ चुका है। पिछले एक महीने में फार्मास्युटिकल कंपनी के शेयरों में 38 फीसदी की तेजी आई है, जबकि बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में 5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, पिछले छह महीनों में, कंपनी के शेयरों ने निवेशकों को 114 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। इसके शेयरों की कीमत 546.60 रुपये के भाव से बढ़कर अब 1,174 रुपये हो गई है।
कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न डेटा से पता चलता है कि निवेशक रेखा झुनझुनवाला के पास जून 2024 तिमाही के अंत तक जुबिलेंट फार्मोवा में 1.047 करोड़ इक्विटी शेयर, या 6.57 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। जुबिलेंट फार्मोवा रेडियोफार्मा, एलर्जी इम्यूनोथेरेपी, स्टेराइल इंजेक्टेबल्स के सीडीएमओ, जेनरिक्स, अनुबंध अनुसंधान विकास और निर्माण (CRDMO) और पेटेंट वाली नवीन दवाओं के बिजनेस में शामिल है।
जुबिलेंट फार्मोवा ने मंगलवार, 10 सितंबर को बताया कि अमेरिका में उसकी सहायक कंपनी, जो जुबिलेंट हॉलीस्टरस्टियर के तहत संचालित हो रही है, को अमेरिकी औषधि नियामक एजेंसी द्वारा ‘वोलंटरी एक्शन इंडिकेटेड’ के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा, “यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने 28 मई 2024 से 6 जून 2024 तक वाशिंगटन के स्पोकेन में स्थित JHS के मैन्युफैक्चिरंग प्लांट का ऑडिट किया था और इसे ‘वोलंटरी एक्शन इंडिकेटेड’ के रूप में वर्गीकृत किया।
USFDA से ‘वोलंटरी एक्शन इंडिकेटेड’ स्थिति का मतलब है कि निरीक्षण में आपत्तिजनक स्थितियों या प्रथाओं की पहचान की गई है, लेकिन तत्काल कोई नियामक कार्रवाई की सिफारिश नहीं की गई है। वहीं, ‘ऑफिशियल एक्शन इंडिकेटेड’ का मतलब है कि आपत्तिजनक स्थितियां पाई गई हैं और नियामक कार्रवाई की सिफारिश की गई है।