Categories: बाजार

ट्रिब्यूनल के फैसले से घटेंगे रिटर्न

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 08, 2022 | 1:48 AM IST

मुंबई आय कर अपीली न्यायाधिकरण के एक ताजा फैसले से शेयरों पर किए जाने वाले रिटर्न पर बोझ बढ़ जाएगा।


व्यापारियों और इक्विटी या म्युचुअल फंडों में पैसा लगाने वाली कंपनियों को भी इसकी मार झेलनी पड़ेगी। न्यायाधिकरण ने फैसला दिया है कि आयकर अधिनियम की धारा 14-ए के तहत लाभांश आय अर्जित करने पर खर्च में कर छूट की अनुमति नहीं दी जाएगी।

न्यायाधिकरण ने आयकर विभाग बनाम डागा कैपिटल मैनेजमेंट के मामले में पिछले सप्ताह यह फैसला दिया है।इस फैसले में लाभांश आय पर लागू छूट को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया गया है। अपनी सामान्य व्यापारिक गतिविधियों के अलावा शेयर बाजार में भी पैसा लगाने वाला व्यापारी इस फैसले की चपेट में आ सकता है।

इस निर्णय के बाद आय कर विभाग ने भी करों की उगाही के लिए डिमांड नोटिस जारी करने की तैयारी शुरू कर दी है। न्यायाधिकरण की तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने यह फैसला दिया और तीन बुनियादी सिद्धांत तय किए हैं।

1. लाभांश आय को अर्जित किए जाने पर खर्च में छूट नहीं दी जाएगी। इसका मतलब है कि निवेश के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कोष और कमाई के लिए किए जाने वाले खर्च पर ब्याज को कर देयता के समय आय से अलग नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा शेयर निवेश से प्राप्त होने वाली लाभांश आय या मुनाफा भी इस फैसले से प्रभावित होगा।

2. इसमें यह भी कहा गया है कि यह फैसला 1962 के बाद से संबद्ध सभी मामलों पर लागू होगा। इसका मतलब है कि इस फैसले का असर व्यापक होगा।

3. यह इक्विटी कारोबार की गतिविधियों में भी लागू होगा।

जाने माने चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं कर सलाहकार दिलीप वी. लखानी कहते हैं, ‘म्युचुअल फंडस या इक्विटी शेयरों में निवेश करने वाली और निवेश राशि का 1-2 फीसदी की लाभांश आय कमाने वाली कंपनियों को इसका ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।’

First Published : October 30, 2008 | 9:30 PM IST