इक्विटी बाजार गिरावट के दायरे में है और इसके काफी हद तक अस्थिर बने रहने की संभावना है, क्योंकि पिछले कुछ सप्ताहों से देश में कोविड के बढ़ते मामलों का बाजार पर प्रभाव पड़ा है। एचएसबीसी के विश्लेषकों ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि कई राज्य सरकारों ने लॉकडाउन लगाया है और वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए आवाजाही सीमित की गई है। हालांकि विश्लेषकों ने बड़ी गिरावट की आशंका से इनकार किया है।
मध्यावधि से दीर्घावधि नजरिये से, हालांकि कई विश्लेषक बाजारों को लेकर उत्साहित बने हुए हैं, लेकिन छिटपुट लॉकडाउन और महंगे मूल्यांकन को देखते हुए संभावित आय डाउनग्रेड को लेकर सतर्क हैं। जहां लॉकडाउन से अल्पावधि में वृद्घि की उम्मीदें प्रभावित हो सकती हैं, वहीं कोविड टीकाकरण अभियान में तेजी और सक्रिय मामलों को लेकर संपूर्ण दिशा सुनिश्चित करना बाजार के लिए प्रमुख उत्प्ररेक के तौर पर काम करेगा।
एचएसबीसी में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए इक्विटी रणनीति प्रमुख हेराल्ड वैन डेर लिंडे ने अमित सचदेवा और अनुराग दयाल के साथ तैयार की गई रिपोर्ट में लिखा है, ‘भारतीय बाजार ने पिछले 15 वर्षों में इस तरह के करीब 6 दौर देखे हैं, जो मुख्य घटनाओं की वजह से पैदा हुए,लेकिन आखिरकार लंबी मंदी के दौर साबित नहीं हुए, जिनमें बाजार की गिरावट करीब 15 प्रतिशत तक रही और यह करीब तीन महीने तक बनी रही।’
लिंडे ने कहा, ‘कोविड की पहली लहर के दौरान बाजार में आई गिरावट काफी अत्यधिक थी और निफ्टी में जनवरी-मार्च 2020 के बीच करीब 38 प्रतिशत की बड़ी गिरावट दर्ज की गई थी, जिससे बाजार में अनिश्चितता का स्तर स्पष्ट देखने को मिल रहा था। जब हालात में सुधार आया तो बाजार ने शानदार सुधार भी दर्ज किया और उम्मीद वे बेहतर रिकवरी की रफ्तार के साथ कोविड-19 पूर्व के ऊंचे स्तरों को पार किया। अपने पिछले सबक के साथ, बाजार दूसरी लहर के दौरान काफी हद तक मजबूत बने रहे और निफ्टी अपने फरवरी 2021 के ऊंचे स्तरों से करीब 5 प्रतिशत नीचे आया।’
अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले, भारतीय शेयर बाजारों ने कैलेंडर वर्ष 2021 में अब तक कमजोर प्रदर्शन किया है और घरेलू स्तर पर कोविड संक्रमण में तेजी और वैश्विक रूप से बढ़ते बॉन्ड प्रतिफल के बीच इस अवधि के दौरान करीब 5 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। कई विकसित बाजारों ने करीब 14-15 प्रतिशत की तेजी दर्ज की है।
निवेश रणनीति
बाजारों के लिए इस कमजोर दौर के दौरान, एचएसबीसी ने चार थीमों पर ध्यान देने का सुझाव दिया है। इनमें शामिल हैं – ऐसे शेयर जिन्होंने 2020 में खराब प्रदर्शन किया, कोविड-19 से प्रभावित शेयर (जो अब आकर्षक मूल्यांकन पर हैं), कोविड से लाभान्वित होने वाले शेयर और क्षेत्र, और दीर्घावधि ढांचागत मजबूती वाले शेयर।