बाजार पूंजीकरण के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी सूचीबद्ध वाहन निर्माता टाटा मोटर्स पर दलाल पथ का उत्साह बरकरार है। कंपनी ने हाल के महीनों और वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में दमदार प्रदर्शन किया है। ब्रिटिश सहायक इकाई जेएलआर की मदद से टाटा मोटर्स का तीसरी तिमाही का परिणाम लगभग सभी मानकों पर अनुमान से बेहतर रहा और कंपनी ने लगातार पांचवीं तिमाही में वित्तीय प्रदर्शन में सुधार दर्ज किया है।
ब्रोकरों ने अनुमान जताया है कि कंपनी आगामी तिमाहियों में अपना मजबूत प्रदर्शन बनाए रखेगी। परिचालन प्रदर्शन और परिदृश्य से शेयर को मदद मिल सकती है। यह शेयर वित्त वर्ष 2024 के शुरू से अब तक करीब दोगुना हो गया है।
एक साल पहले की तिमाही में 25 प्रतिशत वृद्धि और तिमाही आधार पर 5.2 प्रतिशत वृद्धि के साथ राजस्व 1.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो अनुमान से बेहतर है। एक साल पहले के मुकाबले दर्ज की गई इस वृद्धि को ब्रिटिश लक्जरी इकाई से मदद मिली, जिसने कार बिक्री में 27 प्रतिशत का इजाफा किया था।
रेंजरोवर पोर्टफोलियो की बिक्री सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर रही और रेंजरोवर एसवी (इलेक्ट्रिक) ने करीब 16,000 वाहनों की बुकिंग दर्ज की। कंपनी की कुल ऑर्डर बुक तीसरी तिमाही के अंत में 150,000 वाहन पर रही और ऑर्डर पूरे होने की दर सुधरने पर इसमें कमी आ सकती है। तीसरी तिमाही में ऑर्डर बुक में 19,000 वाहनों की कमी दर्ज की गई और डिलिवरी में तेजी आने पर ऑर्डर बुक का आंकड़ा घटकर 110,000 रह जाने का अनुमान है।
जहां जेएलआर इस वित्त वर्ष के अंत तक 24 प्रतिशत बिक्री वृद्धि के साथ कर सकती है, वहीं ऊंचे आधार पर वृद्धि 2024-25 में घटकर मध्यम एक अंक तक रह जाने का अनुमान है। प्राप्तियों में सुधार के कारण बिक्री वृद्धि की तुलना में राजस्व थोड़ा अधिक रहने की उम्मीद है। घरेलू मोर्चे पर वाणिज्यिक वाहन खंड का राजस्व 19 प्रतिशत बढ़ा, भले ही बिक्री दिसंबर तिमाही में सिर्फ 1.1 प्रतिशत बढ़ी। यह बदलाव बड़े पैमाने पर मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट और वाहन पोर्टफोलियो के बेहतर मूल्य निर्धारण के कारण था।
जहां मध्य और भारी वाणिज्यिक वाहनों के साथ साथ यात्री वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री मजबूत रही, वहीं छोटे और अन्य वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई।
हालांकि प्रबंधन का मानना है कि सभी सेगमेंट में चौथी तिमाही में मांग सुधरेगी क्योंकि सरकार ने बुनियादी ढांचा विकास और अर्थव्यवस्था के लिए संपूर्ण विकास परिदृश्य पर जोर दिया है और कंपनी ने बिक्री बढ़ाने के प्रयास तेज किए हैं।
भारत में यात्री वाहन बिक्री की बात करें तो उसे सालाना आधार पर 5 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि को आपूर्ति सुधरने और त्योहारी अवधि के दौरान मजबूत मांग से मदद मिली। कंपनी इंटरनल कम्बश्चन इंजन (आईसीई) संचालित वाहनों (रिटेल बिक्री में दूसरा सबसे बड़ा योगदान है) में अपनी बाजार भागीदारी रखना चाहेगी, जबकि इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में अपनी पैठ मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना चाहती है। इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में कंपनी इस समय बाजार दिग्गज है।
भले ही बिक्री प्रदर्शन मिश्रित रहा, लेकिन तिमाही में मुख्य प्रदर्शन मार्जिन से जुड़ा रहा। जेएलआर में मार्जिन सालाना आधार पर तेजी से बढ़ा और यह एक साल पहले के 3.7 प्रतिशत से दोगुना बढ़कर 8.8 प्रतिशत हो गया। यह लाभ सुधरती बिक्री और चिप संबंधित कम लागत की वजह से संभव हुआ। दिसंबर तिमाही में जेएलआर में ऊंचे मार्जिन से वित्त वर्ष 2024 के लिए मुनाफा मार्जिन अनुमान बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया। कंपनी को वित्त वर्ष 2024 के अंत तक परिचालन नकदी प्रवाह की मदद से शुद्ध कर्ज 1 अरब पौंड से कम रह जाने का अनुमान है।
यात्री वाहन व्यवसाय के लिए इस सेगमेंट का मार्जिन सालाना आधार पर 60 आधार अंक तक बढ़कर 2.1 प्रतिशत रहा, क्योंकि इसे कच्चे माल की लागत में कटौती से मदद मिली। आईसीई सेगमेंट के लिए परिचालन मुनाफा मार्जिन तिमाही आधार पर 20 आधार अंक बढ़कर 9.4 प्रतिशत रहा, जबकि ईवी सेगमेंट शोध एवं विकास खर्च को छोड़ दें तो भरपाई स्तर के करीब पहुंच गया।
कंपनी की आईसीई यात्री वाहनों के लिए दो अंक के मार्जिन पर नजर है जबकि ईवी व्यवसाय के मुनाफे में लगातार सुधार पर जोर दे रही है। वाणिज्यिक वाहन परिचालन मुनाफा मार्जिन 8.6 प्रतिशत रहा और मजबूत मिश्रण, बेहतर मूल्य निर्धारण की मदद से सालाना आधार पर यह 270 आधार अंक बढ़ा। कंपनी इस सेगमेंट में मुनाफा स्तर बढ़ाकर दो अंक में पहुंचाना चाहती है।
एमके रिसर्च के विश्लेषक चिराग जैन का मानना है कि मजबूत मिश्रण और मुनाफे में सुधार से जेएलआर को कर्ज से मुक्त होने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
यात्री वाहनों में ब्रोकरेज फर्म को आगामी मॉडल पेशकशों से कमजोर उद्योग परिदृश्य के बावजूद बेहतर प्रदर्शन में मदद मिलेगी। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू वाणिज्यिक वाहनों की रफ्तार वित्त वर्ष 2024 में तेज रहेगी, भले ही मार्जिन को लेकर उम्मीदें मूल्य निर्धारण संबंधित सख्ती पर निर्भर करेंगी। ब्रोकरेज ने 925 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर की खरीद रेटिंग बरकरार रखी है।