भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयरों की खरीद-फरोख्त का निपटान एक ही दिन करने वाले चक्र (टी+0) की व्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। लेकिन बाजार खिलाड़ी अब भी इसको लेकर संशय में हैं और उनकी राय बंटी हुई है क्योंकि इसके मौजूदा स्वरूप में लोगों की दिलचस्पी नहीं दिख रही है।
सोमवार को अपनी बोर्ड की बैठक में बाजार नियामक संस्था सेबी ने टी+0 के तहत पात्र शेयरों की सूची का विस्तार करने का निर्णय करते हुए इसका विस्तार चरणबद्ध तरीके से बाजार पूंजीकरण के आधार पर शीर्ष 500 शेयरों तक करने की बात कही। इसके अलावा सेबी ने पात्र स्टॉक ब्रोकरों को निर्देश दिए कि वे बाधारहित भागीदारी सुगम करने की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
फिलहाल टी+0 निपटान व्यवस्था एक वैकल्पिक तंत्र के रूप में उपलब्ध है और यह टी+1 निपटान चक्र के समानांतर ही काम करता है। हालांकि एक्सचेंज के डेटा के मुताबिक, टी+0 के लिए कुल 25 पात्र शेयरों में से पांच शेयरों में एक भी ट्रेडिंग एक दिन के निपटान चक्र विकल्प के तहत नहीं हुई।
इसके अलावा पिछले एक महीने में इस विकल्प के तहत कारोबार नहीं हुआ है और 21 जून को एनएसई पर अशोक लीलैंड के शेयर की ट्रेडिंग टी+0 निपटान विकल्प के तहत हुई जबकि बीएसई पर समान विकल्प के तहत 5 सितंबर को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ट्रेडिंग हुई।
दोनों एक्सचेंजों पर कुल कारोबार अब तक 10 लाख रुपये से कम रहा है। एक ब्रोकर ने कहा, ‘इसके लिए निवेशकों को ही मांग करनी होगी और उन्हें एक ही दिन के निपटान में ज्यादा अंतर नहीं दिखाई देता है। जब तक ब्रोकरों विकल्प की पेशकश नहीं करते हैं तब तक शेयरों की सूची में विस्तार करने से कोई वांछित तेजी नहीं आ सकती है। इसके अलावा, तात्कालिक निपटान वास्तव में एक बड़ा बदलाव लाएगा लेकिन सेबी इस वक्त इस पर जोर देने के लिए इच्छुक नहीं लगता है।’