बाजारों में शुक्रवार को काफी उतारचढ़ाव देखा गया और बेंचमार्क निफ्टी दिन के उच्चस्तर से 1.5 फीसदी से ज्यादा नीचे आया क्योंंकि फेडरल रिजर्व के कदम व आम बजट को लेकर अनिश्चितता का निवेशकों की अवधारणा पर असर पड़ा। विदेशी निवेशकों की तरफ से लगातार हो रही बिकवाली का बाजारों पर असर पड़ा, जो पिछले सत्र में एक महीने के निचले स्तर पर बंद होने से पहले सुधार की कोशिश करता रहा। वैश्विक बाजार भी अपने-अपने उच्चस्तर से नीचे आए क्योंंकि निवेशकों को सख्त मौद्रिक नीति की व्यवस्था का असर पडऩे की संभावना दिखी।
कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1.4 फीसदी यानी 807 अंक चढ़ गया था, लेकिन अंत में सारी बढ़त गंवाकर 77 अंकोंं के नुकसान के साथ 57,200 पर बंद हुआ। निफ्टी दिन के उच्चस्तर से 263 अंक नीचे आया और 8 फीसदी टूटकर 17,102 पर बंद हुआ।
दोनों ही सूचकांकोंं ने पिछले आठ कारोबारी सत्र में से सात में नुकसान दर्ज किया है और लगातार दूसरे हफ्ते 3-3 फीसदी की गिरावट दर्ज की।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक की तरफ से साल में चार बार ब्याज दरें बढ़ाए जाने के अनुमान से दुनिया भर के शेयर बाजार अमेरिकी प्रतिफल में इजाफे के बीच टूटे। गुरुवार को दो दिन की नीतिगत बैठक के बाद फेड ने उच्च ब्याज दर का आधार सामने रखा और जीरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिका की मजबूत अर्थव्यवस्था को अब मौद्रिक समर्थन की जरूरत शायद नहीं है।
अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने मार्च 2020 से ब्याज दरें शून्य के पास अपरिवर्तित रखी है ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले, जिसे कोविड महामारी से नुकसान पहुंचा है।