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वर्ष 2021 की दूसरी छमाही और 2022 की पहली छमाही में शेयरों का मूल्यांकन नरम होने बाद एक बार फिर इनमें तेजी देखी जा रही है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) सेंसेक्स का प्राइस टु अर्निंग (पीई) गुणक दिसंबर 2022 के 23.7 गुना से बढ़कर करीब 25 गुना हो गया है जो इसका 17 महीने का सबसे ऊंचा स्तर है।
जून 2022 के अंत में पीई गुणक 21.6 गुना पर था। इसी तरह बीते शुक्रवार को बंद स्तर के अनुसार सूचकांक का प्राइस टू बुक वैल्यू अनुपात 3.6 गुना रहा, जो दिसंबर 2022 के अंत में 3.4 गुना था। यह दिसंबर 2021 के बाद का उच्चतम स्तर है।
मूल्यांकन में निरंतर तेजी मुख्य रूप से शेयरों की कीमतें ज्यादा होने की वजह से आई है, कंपनियों की आय बढ़ने की वजह से नहीं। कंपनियों की आय में कुल मिलाकर ठहराव का संकेत मिलता है, जबकि 2021 और 2022 कैलेंडर वर्ष में इसमें दो अंकों में वृद्धि दर्ज की गई थी।
बीएसई सेंसेक्स की प्रति शेयर आय बीते 12 महीने में महज 3.4 फीसदी बढ़ी है और मार्च 2023 तिमाही के नतीजों के बाद इस साल मई के उच्च स्तर से इसमें करीब 2 फीसदी की गिरावट आई है। इसके विपरीत सूचकांक का ईपीएस 2022 कैलेंडर वर्ष के दौरान 22.8 फीसदी और 2021 के दौरान 46.6 फीसदी बढ़ा था।
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बीते शुक्रवार को सेंसेक्स की प्रति शेयर आय 2,653 रुपये रही, जबकि एक साल पहले यह 2,665 रुपये और दिसंबर 2022 के अंत में 2,567 रुपये रही थी। सेंसेक्स ईपीएस में सूचकांक में शामिल 30 कंपनियों की कुल आय को शामिल किया जाता है और इसकी गणना सूचकांक के बंद स्तर से इसके पीई गुणक को भाग देकर की जाती है।
स्टॉक एक्सचेंज हर दिन कारोबारी सत्र के समापन के बाद मूल्यांकन अनुपात प्रदान करता है। बीएसई सेंसेक्स का पीई गुणक अब बढ़कर करीब 25 गुना हो गया है जो दिसंबर 2022 के अंत में 23.7 गुना था। यह सेंसेक्स का पिछले 19 महीने का उच्चतम मूल्यांकन अनुपात था।
विश्लेषकों के अनुसार कंपनियों की कुल आय में ठहराव वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही सहित पिछली कुछ तिमाहियों में उम्मीद से कम मुनाफा रहने की वजह से आया है। सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी में रणनीति एवं शोध प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023 में कंपनियों की कुल आय 9 फीसदी बढ़ी है, जबकि बाजार 16 से 17 फीसदी वृद्धि की उम्मीद कर रहा था।
विश्लेषक वित्त वर्ष 2024 में कंपनियों की आय 8 से 10 फीसदी बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में यह शुरुआती अनुमान से भी कम रही है और पूरे साल के अनुमान पर सवाल खड़े करती है।’
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हालांकि कंपनियों की आय और शेयरों के उच्च मूल्यांकन के बीच बढ़ते बेमेल ने शेयर की कीमतों पर असर डालना शुरू कर दिया है। लगातार चार महीने तक बढ़त दर्ज करने के बाद तेजी अब धीमी पड़ती दिख रही है। बेंचमार्क सेंसेक्स पिछले 6 कारोबारी सत्रों में से 5 में गिरावट पर बंद हुआ और इस दौरान 2 फीसदी नीचे आ गया।
बीते शुक्रवार सेंसेक्स 20 जुलाई के अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर 67,572 से 1,412 अंक नीचे 66,160 पर बंद हुआ। जुलाई में सेंसेक्स अभी तक 2.2 फीसदी बढ़त में रहा है जबकि जून में इसमें 3.4 फीसदी की तेजी आई थी। तेजड़ियों को वित्त वर्ष 2024 की शेष तीन तिमाहियों में कंपनियों की आय वृद्धि बेहतर रहने की उम्मीद है और पूरे साल के आय अनुमान में ज्यादा कटौती नहीं होने की उम्मीद जता रहे हैं। यही वजह है कि आय में स्थिरता के बावजूद सूचकांक का मूल्यांकन ज्यादा है।