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Closing Bell: इजराइल-ईरान संकट के बीच गिरावट में बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 138 अंक टूटा; निफ्टी 24812 पर बंद

Stock Market: मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति निर्णय से पहले निवेशकों की भावना को कमजोर कर दिया।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- June 18, 2025 | 3:51 PM IST

Stock Market Closing Bell, June 18: ईरान और इजरायल में लगातार पांचवें दिन जारी हमलों के बीच भारतीय शेयर बाजार बुधवार (18 जून) को गिरावट में बंद हुए। आईटी और मेटल शेयरों में बिकवाली ने बाजार को नीचे की तरफ खींचा। मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति निर्णय से पहले निवेशकों की भावना को कमजोर कर दिया। इसकी वजह से बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 और बीएसई सेंसेक्स लगातार दूसरे ट्रेडिंग सेशन में लाल निशान में रहे।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 200 से ज्यादा अंक की गिरावट के साथ 81,314.62 पर ओपन हुआ। खुलते ही इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कारोबार के दौरान यह 81,237.01 तक फिसल गया था। अंत में यह 138.64 अंक या 0.17% की गिरावट लेकर 81,444.66 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 भी गिरावट लेकर 24,788.35 पर ओपन हुआ। कारोबार में इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला। अंत में यह 41.35 अंक या 0.17% की गिरावट के साथ 24,812 पर सेटल हुआ। वहीं, ब्रोडर मार्केट्स में 13 में से 10 सेक्टोरल इंडेक्स में गिरावट आई। घरेलू स्तर पर केंद्रित स्मॉल-कैप और मिड-कैप में क्रमशः 0.2% और 0.5% की गिरावट आई।

डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी की तारीखों में बदलाव

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने एनएसई और बीएसई पर इक्विटी डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी की तारीखों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एनएसई अब डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी गुरुवार की बजाय मंगलवार को करेगा। जबकि बीएसई की एक्सपायरी अब मंगलवार के बजाय गुरुवार को होगी। इससे दोनों एक्सचेंजों के बाजार हिस्सेदारी में बदलाव आ सकता है।

पहले से शुरू किए गए अनुबंधों की एक्सपायरी के दिन अपरिवर्तित रहेंगे, सिवाय लंबी अवधि के इंडेक्स ऑप्शन अनुबंधों के, जिन्हें दोबारा संयोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सेबी ने एक्सचेंजों को निर्देश दिया है कि वे 1 जुलाई से इंडेक्स फ्यूचर्स पर कोई नया साप्ताहिक अनुबंध शुरू न करें। एक्सपायरी के दिनों को सीमित करने के सेबी के निर्णय से पहले एक्सचेंजों के पास डेरिवेटिव अनुबंधों के लिए अपने अंतिम निपटान दिनों को बदलने को लेकर लचीलापन उपलब्ध था, जिसके कारण पिछले वर्ष में लगातार बदलाव हुए।

वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?

एशिया-प्रशांत क्षेत्र के बाजारों में बुधवार को मिला-जुला रुख देखा गया। इज़रायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा ईरान पर सैन्य हमले की संभावना जताने और “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग करने से हालात और गंभीर हो गए हैं। उनके इस बयान ने यह संकेत दिया है कि अमेरिका इस संघर्ष में और गहराई से शामिल हो सकता है।

इस बीच, जापान का निक्केई इंडेक्स शुरूआती गिरावट के बाद 0.14% चढ़ा, जबकि टोपिक्स 0.15% ऊपर रहा। कोस्पी में 0.46% की बढ़त दर्ज की गई, जबकि ऑस्ट्रेलिया का ASX200 इंडेक्स 0.2% गिर गया।

जापान का निर्यात मई में साल-दर-साल आधार पर 1.7% गिरा, जो अनुमानित 3.8% गिरावट से कम है। हालांकि, वैश्विक व्यापार में मंदी की आशंका बढ़ी है। बैंक ऑफ जापान ने आगाह किया है कि अंतरराष्ट्रीय मांग में कमजोरी और कंपनियों के मुनाफे घटने से आर्थिक वृद्धि सुस्त हो सकती है।

फिर भी, मंगलवार को बैंक ऑफ जापान ने अपनी जून बैठक में प्रमुख अल्पकालिक ब्याज दर को 0.5% पर स्थिर रखा, जो 2008 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है।

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अमेरिकी बाजार और फेड का फैसला

अमेरिकी शेयर बाजार में मंगलवार को गिरावट रही। डॉव जोन्स 0.70%, एसएंडपी 500 में 0.84% और नैस्डैक कंपोजिट में 0.91% की गिरावट देखी गई। बुधवार को फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीति की घोषणा से पहले अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स भी हल्की गिरावट में थे। साथ ही, अमेरिका में 14 जून को खत्म हुए सप्ताह के लिए बेरोजगारी के आंकड़े, यूरोजोन और ब्रिटेन की मई महीने की महंगाई दर पर भी निवेशकों की नजर रहेगी।

First Published : June 18, 2025 | 8:09 AM IST