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लार्जकैप और बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में बनाए रखें निवेश

Last Updated- December 11, 2022 | 10:42 PM IST

पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों में तेज गिरावट दिखी है। आने वाले दिनों में बाजार में गिरावट का सिलसिला और तेज हो सकता है। कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के बढ़ते असर, दुनिया के कुछ केंद्रीय बैंकों के दृष्टिकोण में बदलाव और कच्चे तेल की ऊंची कीमतें बाजार में अनिश्चितता और बढ़ा सकते हैं।
म्युचुअल फंड कारोबारियों का मानना है कि हाल में भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट के बावजूद मूल्यांकन कम नहीं हुआ है इसलिए निवेशकों को एक बार में बड़ा दांव खेलने से बचना चाहिए। इनके अनुसार निवेशकों को चरणबद्ध रूप से छोटे स्तर पर निवेश करने की रणनीति पर कायम रहना चाहिए।
कोटम महिंद्रा ऐसेट मैंनेजमेंट कंपनी के प्रबंध निदेशक नीलेश शाह कहते हैं, ‘इन दिनों बाजार कुछ चिंताओं से घिर गया है। मुझे लगता है कि ये चिंताएं अस्थायी हैं और समय के साथ दूर हो जाएंगी। मगर काफी कुछ आने वाले हालात पर निर्भर करेगा। अगर ओमीक्रोन के मामले बढऩे से लॉकडाउन की नौबत आई तो बाजार में और गिरावट देखने को मिल सकती है। अगर मामले कम रहे तो बाजार दोबारा मौजूदा स्तर से आगे छलांग लगा सकता है।’
सोमवार को बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 1,189 अंक फिसल कर 55,822.01 के स्तर पर आ गया। पिछले एक सप्ताह में एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स इंडेक्स में 6.40 प्रतिशत फिसल चुका है और पिछले एक वर्ष में इसने करीब 19 प्रतिशत प्रतिफल दिए हैं। हालांकि मंगलवार को बाजार में कुछ सुधार देखने को मिला और सेंसेक्स में करीब 500 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
कारोबारियों को लगता है कि बाजार में चिंताएं बरकरार हैं और निवेशकों को लार्ज-कैप फंडों पर अधिक दांव खेलते रहना चाहिए। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार पिछले एक वर्ष के दौरान लार्ज-कैप फंडों ने औसतन 26 प्रतिशत जबकि मिड-कैप एवं स्मॉल-कैप फंडों ने क्रमश: 43.50 प्रतिशत और 61.41 प्रतिशत प्रतिफल दिए हैं।
यूनियन एएमसी के सीईओ जी प्रदीपकुमार कहते हैं, ‘बाजार में गिरावट आई है केवल इसिलए निवेशकों को एक ही बार में बड़ी रकम नहीं झोंकनी चाहिए। उन्हें अगले 3-6 महीनों के दौरान निवशे टुकड़ों में करना चाहिए। आगे चलकर बाजार में अनिश्चितता कायम रह सकती है इसलिए निवेशकों को एसआईपी जारी रखना चाहिए। उन्हें बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों जैसे फंडों में निवेश करना चाहिए।’
शेयर बाजार में जब तेजी थी तब जोखिम से दूर रहने वाले कई निवेशकों ने बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों में निवेश करना शुरू कर दिया था। ऐसे फंडों में फंड प्रबंधक बाजार के हालात के अनुसार डेट  या इक्विटी फंडों में निवेश करने पर सक्रिय तौर पर निर्णय लेते हैं।
जोखिम से दूर रहने वाले निवेशकों को अपनी ओर खींचने की क्षमता रखने के कारण इस श्रेणी के फंड काफी सफल रहे हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान एक श्रेणी के तौर पर इन फंडों ने 15.03 प्रतिशत प्रतिफल दिया है। 

First Published - December 21, 2021 | 11:25 PM IST

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