facebookmetapixel
AI कंपनियों में निवेश की होड़: प्रोसस ने भारत में बढ़ाया अपना इन्वेस्टमेंट, अरिविहान और कोडकर्मा भी शामिलBalaji Wafers की 10% हिस्सेदारी खरीदने की होड़, कई दिग्गज PE फर्में दौड़ मेंडेरी सेक्टर पर अमेरिकी रुख में नरमी का संकेत, प्रीमियम चीज पर जोरदेश का स्मार्टफोन निर्यात ₹1 लाख करोड़ के पार, PLI स्कीम से भारत बना ग्लोबल मोबाइल हबसरकार का बड़ा कदम: डेटा सेंटर डेवलपर्स को 20 साल तक टैक्स छूट का प्रस्तावनिवेशकों के लिए अलर्ट: चांदी बेच मुनाफा कमाएं, साथ ही अपना पोर्टफोलियो भी दुरुस्त बनाएंPM मोदी बोले- ऊर्जा जरूरतों के लिए विदेशी निर्भरता घटानी होगी, आत्मनिर्भरता पर देना होगा जोरEditorial: E20 लक्ष्य समय से पहले हासिल, पर उठे सवाल; फूड बनाम फ्यूल की बहस तेजअमित शाह बोले- हिंदी को विज्ञान-न्यायपालिका की भाषा बनाना समय की जरूरत, बच्चों से मातृभाषा में बात करेंडिजिटल दौर में बदलती हिंदी: हिंग्लिश और जेनजी स्टाइल से बदल रही भाषा की परंपरा

भारत लौट रहे स्टार्टअप्स! ​रिवर्स-फ्लिपिंग की तैयारी में हैं IPO के लिए पांच स्टार्टअप

स्टार्टअप क्षेत्र की कई कंपनियां रिवर्स-फ्लिप करने और भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की योजना बना रही हैं।

Last Updated- June 04, 2025 | 10:37 PM IST
reverse flip startups India

भारतीय स्टार्टअप तंत्र में एक नया रुझान सामने आ रहा है। स्टार्टअप क्षेत्र की कई कंपनियां रिवर्स-फ्लिप करने और भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होने की योजना बना रही हैं। बे कैपिटल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, इनमोबि, क्रेडिटबी और मीशो सहित लगभग पांच स्टार्टअप सूचीबद्ध होने के लक्ष्य के साथ सिंगापुर और अमेरिका जैसे क्षेत्रों से अपना आधार भारत में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में हैं।

इस महत्त्वपूर्ण बदलाव को भारतीय बाजार के महत्त्व और बढ़ते भरोसे के एक मजबूत संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के सुधारों से बढ़ावा मिला है। बे कैपिटल के अनुसार इन सुधारों ने नुकसान में चल रही कंपनियों की सूचीबद्धता की राह भी आसान कर दी है, जिससे यह स्टार्टअप के लिए एक आकर्षक विकल्प बन गया है।

रेजरपे ने हाल में अमेरिका से भारत के लिए अपना स्थानांतरण पूरा किया है, जबकि पाइनलैब्स और उड़ान सिंगापुर से रिवर्स-फ्लिपिंग की प्रक्रिया में हैं। इस साल के शुरू में, जेप्टो और फ्लिपकार्ट ने भी सिंगापुर से अपना ठिकाना बदलकर भारत किया। पिछले साल स्थानांतरित स्टॉक ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म ग्रो ने कॉन्फीडें​शियल रूट के जरिये सेबी के पास अपना डीआरएचपी जमा कराया है।

बे कैपिटल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में निवेशक डिजिटल व्यवसायों की अपनी समझ में अधिक समझदार हो गए हैं। ग्राहक जोड़ने की लागत (सीएसी), लाइफटाइम वैल्यू (एलटीवी) और रिटेंशन रेट जैसे पैमाने अब अच्छी तरह से समझ में आते हैं, जिससे स्टार्टअप के लिए अपने मूल्य प्रस्तावों को आगे बढ़ाना आसान हो गया है।

रिपोर्ट में भारत के डीप टेक सेक्टर में महत्वपूर्ण वृद्धि का भी जिक्र किया गया है। इस क्षेत्र में 2020 और 2024 के बीच पर्याप्त फंडिंग और सौदों से संबं​धित गतिविधि हुई है। यह वृद्धि एआई, स्पेस टेक्नोलॉजी और एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर में प्रगति से प्रेरित है।

वर्ष 2020 में, डीप टेक सेक्टर में 100 सौदों के माध्यम से लगभग 30 करोड़ डॉलर जुटाए गए थे। 2024 तक, यह आंकड़ा 310 सौदों के माध्यम से 1.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें एआई-संचालित प्लेटफॉर्म फंडिंग राउंड में आगे थे।

First Published - June 4, 2025 | 10:12 PM IST

संबंधित पोस्ट