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स्पेशल कोर्ट ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश तो BSE ने रखा अपना पक्ष, कहा- हम जरूरी कानूनी कदम उठा रहे हैं

यह याचिका कुछ SEBI अधिकारियों, BSE के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान एमडी और सीईओ के खिलाफ दायर की गई थी।

Last Updated- March 02, 2025 | 9:39 PM IST
BSE

मुंबई की एक विशेष अदालत द्वारा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की पूर्व अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और पांच अन्य के खिलाफ कथित शेयर बाजार धोखाधड़ी और नियामक उल्लंघनों को लेकर FIR दर्ज करने का आदेश देने के बाद BSE ने अपना पक्ष रखा है।

BSE ने अपने बयान में कहा कि वह इस मामले में आवश्यक और जरूरी कानूनी कदम उठा रहा है। एक जिम्मेदार बाजार संस्था के रूप में, BSE नियामकीय अनुपालन (regulatory compliance) बनाए रखने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह आदेश न्यायाधीश शशिकांत एकनाथराव ने एक स्थानीय पत्रकार द्वारा दायर याचिका पर दिया है, जिसमें बुच और अन्य के खिलाफ कथित वित्तीय धोखाधड़ी, नियामक उल्लंघन और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की गई थी। यह याचिका कुछ SEBI अधिकारियों, BSE के पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान एमडी और सीईओ के खिलाफ दायर की गई थी। इस याचिका में एक कंपनी की 1994 में लिस्टिंग के दौरान हुई कथित अनियमितताओं की जांच और प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई थी।

यह कंपनी, Cals Refineries Ltd. साल 1994 में BSE में लिस्टेड हुई थी। याचिका में जिन अधिकारियों के नाम शामिल हैं, वे उस समय अपने पदों पर नहीं थे और इस कंपनी से उनका कोई संबंध भी नहीं था। यह याचिका निराधार और दुर्भावनापूर्ण है। BSE ने कहा, “माननीय न्यायालय ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया है, लेकिन BSE को कोई नोटिस जारी किए बिना या उसे अपना पक्ष रखने का अवसर दिए बिना ही यह निर्णय लिया गया है।”

First Published - March 2, 2025 | 9:38 PM IST

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